संतरा नगरी ने जीता दिल, पेश की सौहार्द की मिसाल

Orange city won heart, set example of harmony
संतरा नगरी ने जीता दिल, पेश की सौहार्द की मिसाल
संतरा नगरी ने जीता दिल, पेश की सौहार्द की मिसाल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। ऐतिहासिक दिन...ऐतिहासिक निर्णय। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले पर शनिवार को अपना फैसला सुनाया। एक दिन पहले शुक्रवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया था कि शनिवार को दिन में 10.30 बजे राम मंदिर विवादित जमीन पर अदालत अपना फैसला सुनाएगी। लिहाजा, फैसले के इंतजार में लोग तैयार होने लगे थे। प्रशासन भी व्यवस्था को लेकर पूरी तरह सजग था। एहतियातन सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा लगा रहा। पूरा शहर एक तरह से टीवी पर चिपका रहा। फैसला आने तक यही स्थिति रही। जन्मभूमि पर रामलला का मंदिर बनाने के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद देश भर की नजरें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुख्यालय पर टिक गईं। हर कोई जानना चाहता था कि वहां क्या चल रहा है और क्या होने वाला है। संघ के सरसंघचालक डॉ.मोहनराव भागवत सुबह ही दिल्ली निकल चुके थे और कोई भी कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं था। इधर, जन्मभूमि के निर्णय को लेकर संघ मुख्यालय की सुरक्षा हमेशा की अपेक्षा बढ़ी हुई थी। सभी का संयमित व्यवहार दिखा।

...तो सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ा

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद संघ मुख्यालय के सामने भले ही सब कुछ सामान्य दिनों की तरह दिखाई दिखा, लेकिन निर्णय को लेकर संघ मुख्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। गेट के आगे अतिरिक्त बैरिकेड्स लगे हुए थे। केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और महाराष्ट्र पुलिस के जवान बड़ी संख्या में तैनात थे। 

दोपहर 11.30 बजे  : संघ मुख्यालय के दायीं ओर एक स्थानीय व्यक्ति ने गली के कोने में एक फटाखा फोड़ दिया। फटाखे के फूटते ही जोर की आवाज हुई और सड़क पर धुआं फैल गया। आवाज सुनते ही कोने पर तैनात 4 पुलिस के जवान गली में पहुंचे और फटाखा फोड़ने वाले व्यक्ति को अपने साथ लेकर आए। वहां तैनात महाराष्ट्र पुलिस के सब इंस्पेक्टर योगेश खरसान ने उसे समझाया कि यहां आतिशबाजी न करें। दोबारा ऐसा न करने की सलाह देकर छोड़ दिया। 

दोपहर 11.38 बजे  : सुरक्षा देखने के लिए सीआईएसएफ का कोई बड़ा अधिकारी पहुंचा। गाड़ी दूर से ही देखते बैरिकेड्स हटा दिए गए और सभी जवान सावधान की स्थिति में आ गए। 

दोपहर 11.40 बजे  : संघ मुख्यालय के अंदर से संघ के कुछ पदाधिकारी निकले। उन्होंने सुरक्षाकर्मियों को शुभकामनाएं दी। इसके बाद वह अधिकारी सुरक्षा का जायजा लेते हुए अंदर सुरक्षा व्यवस्था देखने चला गया। 

दोपहर 12.20 बजे मंदिर में आरती पुलिस पहुंची

संघ मुख्यालय की बायीं ओर दीवार से सटा एक हनुमान मंदिर बना हुआ है। दोपहर 12.20 बजे यहां स्थानीय लोग, स्वयंसेवक, भाजपा के पदाधिकारी व नेता जमा होने लगे। कुछ ही देर में वहां आरती का आयोजन किया गया। देखते ही देखते काफी भीड़ जमा हो गई, चर्चाएं होने लगी और लोग जश्न मनाने लगे। आरती खत्म होने के समय मौके पर पुलिस की एक गाड़ी पहुंची। लोगों को आरती दी जा रही थी और प्रसाद वितरण किया जा रहा था। तभी मौके पर पहुंचे पुलिस निरीक्षक ने प्रसाद बांट रहे लोगों से डिब्बा लेकर अपनी गाड़ी में रख लिया। ऐसा दो बार हुआ, लेकिन न तो स्थानीय लोगों ने कुछ बोला और न ही पुलिस अधिकारी ने कुछ कहा। सभी लोग धीरे-धीरे वहां से निकल गए।

निर्णय का स्वागत 

उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे  का मंदिर निर्माण को लेकर सपना पूरा होने जा रहा है। देश के सभी नागरिकों ने एकता की मिसाल भी दी है। {कृपाल तुमाने, रामटेक के सांसद

Created On :   10 Nov 2019 1:12 PM GMT

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