यवतमाल पुलिस अधीक्षक को विशेष जांच अधिकारी नियुक्त करने के आदेश 

Order to appoint Yavatmal Superintendent of Police as Special Investigating Officer
यवतमाल पुलिस अधीक्षक को विशेष जांच अधिकारी नियुक्त करने के आदेश 
यवतमाल पुलिस अधीक्षक को विशेष जांच अधिकारी नियुक्त करने के आदेश 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने यवतमाल निवासी विजय गाडवे की संदेहास्पद मृत्यु के मामले में प्राथमिक निरीक्षण दिया है कि यवतमाल के अवधूत वाड़ी पुलिस थाना इस मामले में आरोपियों के पक्ष में काम कर रहा है। पुलिस गलत मंशा से प्रकरण के ठोस सबूतों को नजरअंदाज और परिस्थितियों को बदलने का प्रयास कर रही है। ऐसे में न्या. सुनील शुक्रे और न्या.अविनाश घारोटे की खंडपीठ ने यवतमाल पुलिस अधीक्षक को स्थानीय अपराध शाखा का एक विशेष जांच अधिकारी नियुक्त कर इस मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं।

प्रकरण में आरोपी रेशमा विजय गाडवे, बाबूराव आठवले, छबुताई आठवले, ऋषभ आठवले के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके जांच पूर्ण करने को भी कहा गया है। हाईकोर्ट ने पुलिस अधीक्षक से चार सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। मामले में मृतक की माता भीमाबाई गाडवे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उनकी ओर से एड. अपूर्व डे ने पक्ष रखा। 

यह है मामला
याचिकाकर्ता का आरोप है कि उनके पुत्र विजय गाढवे ने प्रतिवादियों (ससुराल वालों) की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या की थी। विजय तलाठी के रूप में कार्यरत था। 25 जून 2018 को उसका चंद्रपुर के राजुरा से यवतमाल के अरनी जिले में स्थानांतरण हुआ था। विजय की मृत्यु फांसी लगाने से हुई थी। उसने अपने ससुराल में फांसी लगाई थी। अस्पताल ले जाने पर उसे मृत घोषित किया गया था। इसके बावजूद पुलिस मामले पर पर्दा डालने की कोशिश करती रही। पंचनामा में पुलिस ने लिखा कि विजय की मृत्यु ससुराल में नहीं बल्कि अस्पताल में हुई थी। जिस रस्सी से विजय ने फांसी लगाई, पुलिस ने उसे जब्त तक नहीं किया। अब हाईकोर्ट ने इस मामले में विशेष जांच के आदेश दिए हैं। 

आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप से होटल मालिक को राहत
इसके अलावा बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में होटल संचालक को राहत दी है। हाईकोर्ट ने अनुराग शिवहरे (43, अमरावती) के खिलाफ नांदगांवपेठ पुलिस थाने में दर्ज भादंवि 306 के तहत एफआईआर खारिज करने के आदेश दिए है। दरअसल गजानन गेडाम नामक वेटर शिवहरे के होटल में काम करता था। वेटर के अनुसार काम के अनुपात में कम वेतन मिलता था। 23 मई 2019 को उसने घर लौट कर अपनी पत्नी को यह बात बताई। कहा कि उसे देर रात काम करवाया जा रहा है, लेकिन ठीक से वेतन नहीं िदया जा रहा है। अगले दिन फिर गजानन काम पर लौटा और होटल में ही उसने जहर पीकर आत्महत्या कर ली। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई थी। जान गजानन की पत्नी की शिकायत पर पुलिस ने होटल संचालक पर एफआईआर दर्ज की थी। हाईकोर्ट में एफआईआर खारिज करने के आदेश दिए है। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड.राजेंद्र डागा ने पक्ष रखा। 

 

Created On :   16 Jan 2021 10:57 AM GMT

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