स्कूली छात्राओं की सुरक्षा को लेकर उठाया कदम, पॉक्सो ई बॉक्स और चिराग एप की जानकारी देने लगेंगे बोर्ड

Orders given to make Pocso eBox, Chirag App information boards
स्कूली छात्राओं की सुरक्षा को लेकर उठाया कदम, पॉक्सो ई बॉक्स और चिराग एप की जानकारी देने लगेंगे बोर्ड
स्कूली छात्राओं की सुरक्षा को लेकर उठाया कदम, पॉक्सो ई बॉक्स और चिराग एप की जानकारी देने लगेंगे बोर्ड
हाईलाइट
  • प्रदेश के स्कूलों को अब विद्यार्थियों पर होने वाले अत्याचार की शिकायत करने के लिए पॉक्सो ई बॉक्स और चिराग एप की जानकारी देने वाले बोर्ड लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
  • इसमे कोई भी बच्चा या कोई अभिभावक बाल यौन उत्पीड़न तथा बाल अधिकारों के हनन से जुड़े मामलों की शिकायत कर सकता है।
  • राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा पॉक्सो ई बॉक्स और राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अोर से चिराग एप तैयार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। स्कूली छात्राओं की सुरक्षा को लेकर प्रदेश सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें प्रदेश के स्कूलों को अब विद्यार्थियों पर होने वाले अत्याचार की शिकायत करने के लिए पॉक्सो ई बॉक्स और चिराग एप की जानकारी देने वाले बोर्ड लगाने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा पॉक्सो ई बॉक्स और राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अोर से चिराग एप तैयार किया गया है। जहां कोई भी बच्चा या कोई अभिभावक बाल यौन उत्पीड़न तथा बाल अधिकारों के हनन से जुड़े मामलों की शिकायत कर सकता है। इस शिकायत की जानकारी पाने वाले व्यक्ति को विशेष किशोर पुलिस दस्ते अथवा स्थानीय पुलिस स्टेशन पर संबंधित जानकारी बताना अनिवार्य होगा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए एक आदेश के मद्देनजर सरकार ने स्कूली छात्राओं की सुरक्षा को लेकर यह कदम उठाया है।

SMS से देनी होगी जानकारी
स्कूल परिसर में उपस्थित रहने के समय विद्यार्थियों की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी विद्यालय प्रशासन की होगी। स्कूलों में विद्यार्थियों की सुबह, दोपहर और स्कूल छूटते समय हाजिरी ली जाएगी। इस दौरान अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों को SMS द्वारा जानकारी दी जाएगी। 

-विद्यार्थियों की सुरक्षा की दृष्टि से सभी प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में शिकायत पेटी लगाई जाएगी। स्कूल परिसर, प्रवेशद्वार और बाहर जाने वाले गेट के पास सीसीटीवी कैमरा लगाए जाएंगे।
 
-निजी वाहनों से आने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों को संबंधित वाहन चालक के व्यवहार और बर्ताव की जानकारी हासिल कर स्कूलों को सूचना देनी होगी। 
-स्कूल बस में अंतिम छात्रा को घर छोड़ने तक महिला सेविका या फिर शिक्षिका को मौजूद रहना होगा। 
-स्कूल प्रशासन को छात्र और छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय की व्यवस्था करनी होगी। 
-स्कूलों को सुनिश्चित करना होगा कि कोई अनधिकृत व्यक्ति परिसर में प्रवेश न कर पाए।
-स्कूली बच्चों का शोषण रोकने के लिए यह कदम काफी कारगर होने की उम्मीद जताई जा रही है।

Created On :   4 Jun 2018 12:48 PM IST

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