ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी ने कोविड का नही दिया क्लेम

Oriental Insurance Company did not claim Kovid
ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी ने कोविड का नही दिया क्लेम
जानबूझकर किया जा रहा पॉलिसी धारक को परेशान  ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी ने कोविड का नही दिया क्लेम

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। बीमा करते वक्त बीमा कंपनी सौ फीसदी क्लेम देने का वादा करती है पर जब बीमित को लाभ देने की बारी आती है तो बीमा कंपनी अपने हाथ खड़े कर लेती है। यह आरोप पॉलिसी धारको ने लगाए हैं। बीमित को अस्पताल में भर्ती होने के दौरान कैशलेस की आवश्यकता होती हैं पर बीमा कंपनी अपनी शर्तो का दरकिनार करते हुए कैशलेस से इंकार कर देती हैं। अस्पताल से छुट्टी होने के बाद जब बीमारी का बिल बीमा कंपनी में सम्मेट करते है तो तरह-तरह की क्वेरी निकाल ली जाती है। यहां तक की बीमा कंपनी का उद्देश्य बन गया है कि बीमित को हर हाल में हताश करने के बाद क्लेम रिजेक्ट करना है और ऐसा ही वर्तमान में बीमा कंपनी के द्वारा किया जा रहा है। बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर में सही जवाब मिलता है और न ही जिम्मेदार अधिकारी उत्तर दे पा रहे है। परेशान होकर बीमित कंज्यूमर कोर्ट में आवेदन दे रहे है।

इन नंबरों पर बीमा से संबंधित समस्या बताएँ-

इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर, जबलपुर के मोबाइल नंबर -9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

परेशान होकर बीमित पहुंचा कंज्यूमर कोर्ट-

गाडरवारा निवासी आनंद कुमार ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होने ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी से स्वास्थ्य बीमा कराया था। पत्नी वैशाली मार्च 2021 में कोविड पॉजिटिव हो गई थी। उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में कैशलेस कार्ड दिया गया था पर बीमा कंपनी ने कैशलेस करने से इंकार कर दिया। उन्होने पूरा भुगतान अस्पताल में अपने पास से जमा किया और ठीक होने के बाद बीमा कंपनी में सारे दस्तावेज सम्मेट किए गए तो बीमा अधिकारियों ने उसमें अनेक गलतियां निकाली और उसके कह दिया की वैशाली को कोविड हुआ ही नही था आपके द्वारा गलत रिपोर्ट तैयार कराई गई है। बीमित का आरोप है कि बीमा कंपनी की टीपीए अधिकारियों के द्वारा झूठा साबित करते हुए नो क्लेम किया गया और अस्पताल के डॉक्टरो की रिपोर्ट को गलत साबित की गई। बीमित ने कई मेल किए और टोल फ्री नंबर में संपर्क किया गया पर जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा किसी भी तरह की सुनवाई नही की जा रही थी। जब सुनवाई नही हुई तो पॉलिसी धारक ने कंज्यूमर कोर्ट में आवेदन दिया है। वहीं बीमा कंपनी के प्रतिनिधी से संपर्क किया गया तो उनका कहना था कि परीक्षण उपरांत जल्द निराकरण कराने का प्रयास किया जाएगा।
 

Created On :   27 May 2022 12:04 PM GMT

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