ओशो फाउंडेशन वसीयत विवाद: CBI को नहीं सौंपा जाएगा मामला –HC

Osho foundation legacy case: HC neglect cbi inquiry
ओशो फाउंडेशन वसीयत विवाद: CBI को नहीं सौंपा जाएगा मामला –HC
ओशो फाउंडेशन वसीयत विवाद: CBI को नहीं सौंपा जाएगा मामला –HC

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने ओशो इंटरनेशन फाउंडेशन में कथित वित्तीय गड़बड़ी के आरोपों और ओशो की वसीयत से छेड़छाड़ करने के मामले की जांच फिलहाल सीबीआई को सौपने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने पुणे के कोरेगांव पुलिस स्टेशन को इस प्रकरण की जांच तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया है। जस्टिसआरवी मोरे और जस्टिसशालिनी फणसालकर की खंडपीठ ने यह निर्देश पुणे निवासी योगेश ठक्कर की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। याचिका में दावा किया गया है कि ओशो फाउंडेशन के ट्रस्टियों ने कथित तौर पर करोडों रुपयों का गबन किया है।

फाउंडेशन की संपत्ति को निजी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम पर ट्रांसफर कर दिया है। इसके साथ ही फाउंडेशन की संपत्ति का कथित तौर पर दुरुपयोग किया है। हस्ताक्षर के साथ छेड़छाड़ का दावा याचिका में दावा किया गया है कि ओशो की वसीयत में उनके हस्ताक्षर के साथ छेड़छाड़ की गई है। इस लिए पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए। क्योंकि पुणे के कोरेगांव पुलिस की जांच अब तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पायी है। इस मामले को लेकर पुणे के कोरेगांव पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील प्रदीप हवनूर ने कहा कि इस मामले की जांच का दायर विदेश तक है। इसलिए मामले की जांच सीबीआई को सौपा जाए तो बेहतर होगा। उन्होंने दावा किया कि ओशो की वसीयत में फर्जी दस्तखत किए गए हैं। वहीं एडिशनल सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि यदि कोर्ट निर्देश दे तो हम प्रकरण की जांच को तैयार हैं। फिल्हाल मामले की जांच सीबीआई को नहीं सौपी जाएगी मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि फिल्हाल मामले की जांच सीबीआई को नहीं सौप रहे हैं। इसलिए कोरेगांव पुलिस मामले की जांच तेजी से पूरी करे। पुलिस को जांच के लिए जो भी मंजूरियां चाहिए उसे केंद्र सरकार शीघ्रता से प्रदान करे। कोर्ट इस मामले की जांच पर नजर रखेगी। यह कहते हुए खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 15 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी।

Created On :   28 Nov 2017 2:19 PM GMT

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