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जिप के रेन वॉटर हार्वेस्टिंग मॉडल को अन्य राज्य भी अपनाएंगे
डिजिटल डेस्क, नागपुर. जिला परिषद के अभियांत्रिकी विभाग के रेन वॉटर हार्वेस्टिंग मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। व्यर्थ बह जाने वाले बरसात के पानी का भूजल स्तर बढ़ाने में उपयोगी इस मॉडल को अब अन्य राज्य भी अपनाएंगे। पुणे में हुई राष्ट्रीय कार्यशाला में प्रस्तुतिकरण के बाद अन्य राज्यों के जिम्मेदारों ने अपने राज्यों में भूजल स्तर बढ़ाने इस मॉडल को अपनाने का मानस व्यक्त किया। कार्यशाला में केंद्रीय ग्राम विकास मंत्री कपिल पाटील, महाराष्ट्र के ग्राम विकास मंत्री गिरीश महाजन, पद्मश्री पोपटराव, विविध राज्यों में उत्कृष्ट काम करने वाले अधिकारी, पदाधिकारी, सरपंच तथा अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
समय की आवश्यकता : विश्व जलसंकट से जूझ रहा है। पर्यावरण संतुलन बिगड़ जाने से दिन-ब-दिन जलसंकट गहरा रहा है। इस समस्या को सुलझाने रेन वॉटर हार्वेस्टिंग समय की आवश्यकता है। केंद्र सरकार के पंचायती राज मंत्रालय ने साल 2022-2023 वर्ष में सुधारित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान अंतर्गत शाश्वत विकास के लक्ष्य पर आधारित नौ शाश्वत विकास संकल्पना को स्थानीय दृष्टिकोण से स्वीकृत किया गया है। पुणे के डॉ. प्रा. रामकृष्ण मोरे सभागृह में राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की गई। राष्ट्रीय शाश्वत विकास परिषद, जल समृद्ध गांव और स्वच्छ गांव संकल्पना पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
एकमात्र नागपुर जिप को मिला अवसर : राष्ट्रीय परिषद में राज्य से अकेले नागपुर जिला परिषद को स्टॉल लगाने का अवसर मिला। एडिशनल सीईओ डॉ. कमल किशोर फुटाने, डीआरडीए प्रकल्प संचालक विवेक इलमे, पानी व स्वच्छता मिशन के संजय वानखेड़े, जिप सदस्य अवंतिका लेकुरवाले, प्रकाश खापने सहभागी हुए। यांत्रिकी विभाग के उपअभियंता निलेश मानकर ने रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के सुधारित मॉडल का प्रस्तुतिकरण दिया।
भांडारबोड़ी व नगरधन के मॉडल का प्रस्तुतिकरण : जिला परिषद के यांत्रिकी विभाग ने रामटेक तहसील के भांडारबोड़ी व नगरधन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ट्रॉयल बेस पर सुधारित रेन वॉटर हार्वेस्टिंग किया। यह प्रयोग सफल होने पर उसी के मॉडल का राष्ट्रीय कार्यशाला में प्रस्तुतिकरण किया गया।
मॉडल की खास बात... रेन वाटर हार्वेस्टिंग की पुरानी पद्धति में छत का पानी पाइप से रिचार्ज फीट में छोड़ा जाता है। उसे फिल्टर करने के लिए रिचार्ज फीट में रेत, ईंट के टुकड़े, कोयला, पत्थर का इस्तेमाल किया जाता है। सुधारित पद्धति में छत का पानी रिचार्ज फीट में पहुंचने से पहले ही फिल्टर किया जाता है। इसके लिए स्पेशल फिल्टर लगाया गया है। यह करने से चोक होने की समस्या खत्म हो गई है। बोरवेल में पानी छोड़ने पर गाद जमा होने की समस्या से भी राहत मिली है।
Created On :   9 Oct 2022 3:10 PM IST