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हमारी कृषि देशी गौवंश पर आधारित हो : मानसिंहका

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कृषि में कीटनाशक एवं खाद्य का उपयोग मनुष्य ही नहीं बल्कि जीव-जंतु और पशु-पक्षियों के लिए भी घातक है। इससे स्वास्थ्य का नुकसान और उपजाऊ क्षमता कम हो रही है यह सिद्ध हो चुका है। स्वास्थ्य और रोजगार के लिए हमारी कृषि देशी गौवंश आधारित होनी चाहिए। यह बात गो-विज्ञान अनुसंधान केन्द्र देवलापार, नागपुर के समन्वयक सुनील मानसिंहका ने कही। वे दैनिक भास्कर कार्यालय में गौवंश से होने वाले लाभ पर बोल रहे थे।
श्री मानसिंहका ने बताया कि, हम विश्व का भरण-पोषण करने वाले हैं, हमारी स्थिति ऐसी है कि हमें देश को कृषि प्रधान ही रखना पड़ेगा और देशी गौवंश उसका पूरक है इसलिए उसे भी रखना ही पड़ेगा। विदेशी गौवंश से कैंसर सहित अन्य बीमारियों के प्रमाण मिले हैं और हम डार्क जोन की ओर बढ़ रहे है। भूमि कड़ी और बंजर हो रही है, पानी का रुकाव न होने से वह समुद्र में जा रहा है। जबकि देशी गौवंश में पोषक तत्व एवं सूक्ष्म जीवाणु पाए जाते हैं जो कृषि को उपजाऊ बनाने में सहायक होते हैं।
उन्होंने कहा बीटी कॉटन की खेती को भी नुकसानदेह बताया। जबकि उसका उपयोग खाने में नहीं किया जाता है और खाने वाली चीजें कितनी हानिकारक होंगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। गौवंश पर चल रहे कार्य को देखकर डिस्कवरी ने सन् 2013 में नमस्ते फ्रॉम इंडिया एवं फ्रांस ने सन् 2011 में होली डंग अर्थात पवित्र गोबर नाम से फिल्म बनाई है।
मधुमेह में प्रभावी
गौमूत्र (अर्क) मधुमेह जैसे रोग में भी प्रभावी है। यह एंटी ग्लाइकेशन है जिससे मधुमेह के उपरांत खराब होने वाले अंगों को यह बीमारी से बचाता है। मधुमेह के कुछ मामलों में यह पूर्णत: रोकता देखा गया है।
300 जिलों में जलसंकट
श्री मानसिंहका ने बताया कि, देश के आधे जिले जलसंकट से जूझ रहे है, इनकी संख्या करीब 300 बताई जा रही है। यदि हम आंकड़ों की बात करें तो पिछले 15-16 सालों में 1 करोड़ किसानों ने खेती छोड़ी है। इसका अर्थ है कि प्रतिदिन करीब डेढ़ से दो किसान खेती छोड़ रहे हैं। इतना ही नहीं पिछले 15-16 सालों में किसान आत्महत्या के आंकड़े 3 लाख है, जिन्हें बदलने के लिए हमें कदम उठाने होंगे।
बीमारी से बचाव के साथ रोजगार
देवलापार में बिना दूध देने वाली 615 और जुनाड़ा में करीब 100 गाय है जो 150 लोगों को रोजगार दे रही हैं। हमें यह भी ध्यान देने होगा की गाय को हम अपने विवेक से कामधेनू बना सकते हैं। गाय का दूध तीसरे नंबर पर होता है जबकि पहले नंबर पर गोबर एवं दूसरे नंबर पर गौमूत्र होता है जो हमें हमेशा मिलता है और यह गौवंश से भी मिलता है।
Created On :   3 May 2018 1:40 PM IST