4.15 करोड़ गए पानी में, केवल शो पीस बन गया जल शुद्धिकरण केंद्र

4.15 करोड़ गए पानी में, केवल शो पीस बन गया जल शुद्धिकरण केंद्र
लापरवाही की हद 4.15 करोड़ गए पानी में, केवल शो पीस बन गया जल शुद्धिकरण केंद्र

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण द्वारा जिले के चिचोली में 4 करोड़ 15 लाख की लागत से बनाया गया  जल शुद्धिकरण केंद्र केवल शो-पीस बनकर रह गया है। जिन 7 गांवों में जलापूर्ति होनी थी, वहां नल का नेटवर्क भी तैयार किया गया था, लेकिन प्रशासनिक फेर में उलझा जल शुद्धिकरण केंद्र अब महज एक वास्तु बनकर खड़ा है। यह केंद्र महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के जिन अधिकारियों की निगरानी व देखरेख में बना वह अब यहां से स्थानांतरित हो चुके हैं और कुछ अधिकारी रिटायर्ड हो चुके हैं।  नए अधिकारियों को इस केंद्र के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। प्राधिकरण का काम प्रोजेक्ट तैयार करके संबंधित एजेंसी को हस्तांतरण करना है। 

जानकारी लेकर बताया जा सकता है

महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण के कार्यकारी अभियंता राजेश कानडे ने कहा कि इस योजना के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। इसी साल नागपुर में पोस्टिंग हुई है। उप अभियंता विनायक झोडपे ने कहा कि फाइल देखने के बाद ही इस केंद्र के बारे में बताया जा सकता है। एक साल पहले ही यहां पोस्टिंग हुई है। बहुत पुराना प्रोजेक्ट होने से अभी तुरंत कुछ बता पाना मुश्किल है। 

पानी की समस्या दूर करने लिया था निर्णय

जिले के कामठी निर्वाचन क्षेत्र के तहत आने वाले चिचोली, दहेगांव, पांजरा, सिवनी, आष्टी, पिपरी व ढोलमारा में पीने के पानी की समस्या दूर करने के लिए चिचोली में जल शुद्धिकरण केंद्र बनाने का निर्णय हुआ था। 1998 में इसे तकनीकी मंजूरी मिली आैर 2005 में 4 करोड़ 15 लाख की लागत से यह केंद्र बनकर तैयार हुआ। केंद्र के निर्माण के दौरान ही संबंधित गांवों में नल का नेटवर्क डाला गया आैर 2005 में जब जल शुद्धिकरण केंद्र बनकर तैयार हुआ, तो 3 महीने तक संबंधित गांवों में प्रायोगिक तौर पर जलापूर्ति भी हुई। गांवों में जलापूर्ति की जिम्मेदारी जिला परिषद की होती है। महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण ने इस केंद्र को जिला परिषद को देने (हैंड आेवर) की काफी कोशिश की, लेकिन जिला परिषद ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई। पानी की समस्या दूर करने के लिए जिला परिषद ने संबंधित गांवों में कुएं बनाए, बोरवेल लगाए आैर कुआें से जलापूर्ति की जा रही है। लोगों की मांग भी अब मुखर नहीं रही। इस केंद्र की जल शुद्धिकरण की क्षमता 41.50 एमएलडी की है। वहीं पर 75 हजार लीटर पानी संगृहीत होता है। 

 

 

 

 

 

Created On :   24 Oct 2021 2:51 PM IST

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