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एनआईटी से वेतन लेकर एनएमआरडीए का काम कर रहे 150 से अधिक कर्मचारी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर महानगर प्रादेशिक विकास प्राधिकरण (एनएमआरडीए) का काम शुरू हुए एक साल से ज्यादा हो गया, लेकिन यहां काम करने वालों को अभी भी नागपुर सुधार प्रन्यास (एनआईटी) ही ढो रही है। 150 से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारियों का वेतन एनआईटी से ही दिया जा रहा है। ये कर्मचारी काम तो एनएमआरडीए का कर रहे हैं, लेकिन वेतन की मार एनआईटी पर पड़ रही है। सरकार केवल 9 अधिकारियों को ही एनएमआरडीए का अधिकारी मानकर वेतन दे रही है।
राज्य सरकार ने एनआईटी बर्खास्त कर दी है। जिले में 25 किमी एरिया के विकास आैर नियोजन की जिम्मेदारी एनएमआरडीए को दी गई है। इसके लिए 160 से ज्यादा अधिकारी कर्मचारी काम कर रहे है। हालांकि सरकारी मंजूरी 159 अधिकारी-कर्मचारियों की ही है। एक साल से ज्यादा समय से एनएमआरडीए में सेवा दे रहे 150 से ज्यादा कर्मचारियों को एनआईटी के हेड से वेतन दिया जा रहा है। सरकार ने एनएमआरडीए का गठन कर इसका कामकाज शुरू किया। महानगर आयुक्त शीतल तेली उगले की अगुवाई में कर्मचारी काम कर रहे है। एनएमआरडीए ने विकास कार्यों के लिए सरकार से 100 करोड़ मांगे, जो अभी तक नहीं मिले। वेतन के अलावा मेंटेनेंस, आॅफिस खर्च व अन्य खर्चों को मेंटेन करना एनएमआरडीए को मुश्किल हो रहा है। विकास कार्यांे के 100 करोड़ व अधिकारियों को अपना मानकर सरकार कब तक वेतन जारी करेगी, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
एनआईटी के पास है लोगों का पैसा
शहर में 572, 1900 व 2300 ले आउट (एरिया) के डेवलपमेंट व नियोजन की जिम्मेदारी एनआईटी की थी आैर एनआईटी ने डेवलपमेंट के नाम पर लोगों से करोड़ांे रुपए लिए। कई इलाके विकास को तरस रहे है। एनआईटी के पास डेवलपमेंट चार्ज के करोड़ों रुपए है। एनएमआरडीए के लिए काम कर रहे कर्मचारियों को एनआईटी की तिजोरी से वेतन दिया जा रहा है। इसके पीछे सफाई यह दी जा रही है कि एनआईटी के कर्मचारी एनएमआरडीए का अतिरिक्त काम कर रहे हैं। अतिरिक्त चार्ज का अलग से पैसा नहीं दिया जाता। कर्मचारी एनआईटी के ही पे रोल पर होने से उन्हें वहीं से वेतन दिया जा रहा है।
कब होगा कर्मचारियों का समायोजन
सरकार ने एनआईटी बर्खास्त करने की घोषणा कर दी, लेकिन एनआईटी के कर्मचारियों का अभी तक समायोजन नहीं हो सका है। एनआईटी में अभी नाम मात्र का काम बचा है। इन कर्मचारियों से एनएमआरडीए का काम कराया जा रहा है।
एनएमआरडीए का अतिरिक्त काम देख रहे हैं
एनएमआरडीए से केवल 9 अधिकारियों को ही वेतन दिया जाता है। बाकी सभी कर्मचारी एनएमआरडीए का अतिरिक्त काम कर रहे हैं। इनकी पोस्टिंग एनआईटी में है। इसलिए इन सभी को एनआईटी से ही वेतन दिया जा रहा है। विकास कार्यों के लिए 100 करोड़ मांगे थे, जो अब तक नहीं मिले। सरकार से पत्राचार जारी है। एनआईटी कर्मचारियों को कब तक समायोजित किया जाएगा, यह बताया नहीं जा सकता। जब तक समायोजित नहीं करते तब तक ये अतिरिक्त काम करते रहेंगे। एनएमआरडीए को स्वतंत्ररूप से कर्मचारी मिले आैर वेतन व अन्य खर्चों के लिए निधि मिले इसके लिए प्रयास जारी है। एनएमआरडीए को जो राजस्व मिल रहा है, उससे कुछ खर्च किया जाता है। - शीतल तेली उगले, महानगर आयुक्त, एनएमआरडीए नागपुर
Created On :   22 Nov 2019 10:47 AM IST