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अतिवृष्टि से 50 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र की फसल को नुकसान, भाजपा ने की राहत देने की मांग
डिजिटल डेस्क , नागपुर। नये वर्ष की शुरुआत के साथ जिले मेें हुई बारिश व ओलावृष्टि से काफी नुकसान हुआ है। संतरा के पेड़ गिर गए। कपास भीग गए हैं। काटोल, नरखेड, सावनेर क्षेत्र में स्थिति तो और भी संकटभरी है। करीब 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फसल नुकसान का प्राथमिक अनुमान है। नुकसानग्रसत किसानों को फसलल का त्वरित सर्वेक्षण कर कपास,सोयाबीन को 25 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर व संतरा आदि काे 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की सरकार से सहायता की मांग भाजपा ने की है।
पूर्व पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के नेतृत्व में भाजपा के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को जिलाधिकारी से मुलाकात कर फसल नुकसान के संबंध में जानकारी दी है। भाजपा के पदाधिकारियों में जिलाध्यक्ष डॉ.राजीव पोतदार, विधायक समीर मेघे, टेकचंद सावरकर, पूर्व विधायक मलिकार्जुन रेड्डी, किशोर रेवतकर , मनोज चवरे शामिल थे। बावनकुले के अनुसार खेतों मेंं कपास गीला हुआ है। ओलावृष्टि के कारण गेहूं की फसल खराब हो गई है। गांवों में गेहूं टूटकर पड़े हैं। चना के पौधे भी खराब हो गए हैं। तुअर की फसल पर दूषित वातावरण के कारण बीमारी आयी है। तुअर के पौधे टूट गए हैं। ऐसी ही स्थिति सोयाबीन की फसल की है। संतरा व मौसंबी की फसल को भी नुकसान हुआ है।
बना चुनावी मुद्दा
जिले में फसल नुकसान का मामला चुनावी मुद्दा भी बन गया है। जिला परिषद व पंचायत समितयाें के लिए चुनाव प्रचार चल रहा है। 7 जनवरी को मतदान किए जाएंगे। राज्य में सरकार गठन के समय अतिवृष्टि प्रभावितों को राहत दिलाने के लिए राजनीतिक दलों की ओर से दौरा कार्यक्रम कराए गए थे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार नागपुर जिले में आकर किसानों से मिले थे। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी खेतों तक पहुंचे थे। फिलहाल ठाकरे मुख्यमंत्री हैं। पवार , महाविकास आघाड़ी सरकार में सबसे प्रमुख किरदार निभा रहे हैं। ऐसे में भाजपा ने पवार व ठाकरे की राजनीति पर निशाना साधना शुरु किया है। प्रचार सभाओ में सवाल किए जा रहे हैं कि सरकार वाले कहां हैं।
Created On :   3 Jan 2020 2:26 PM IST