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धान उत्पादक किसान कर रहे बोनस की प्रतीक्षा
डिजिटल डेस्क, मौदा। धान उत्पादकों की धान की फसल अब खेतों से निकलना शुरू को गई, लेकिन राज्य शासन द्वारा अभी तक बोनस की राशि मंजूर नहीं करने से किसानों को चिंता सताने लगी। यदि धान पर बोनस की घोषणा नहीं की गई। तो किसानों को समर्थन मूल्य में धान बेचना पड़ेगा। ऐसे में फसल की लागत नहीं निकल पाएगा। हर साल बढ़ते बीज, खाद, किटनाशक, मजदूरी आदि पहलुओं को देखा जाए तो उत्पादन खर्च अधिक है। इस वर्ष मिर्ची पर रोग से फसल पूरी तरह चौपट हो गई और दाम भी कम होने की जानकारी किसान दे रहे हैं। ऐसे में यदि शासन द्वारा बोनस की घोषणा से काफी हद तक किसानों को राहत मिलेगी। पिछले साल राज्य सरकार द्वारा प्रति क्विंटल 700 रुपए के अनुसार बोनस दिया गया था, लेकिन इस वर्ष धान पर बोनस की राशि घोषणा नहीं की गई। ऐसे में किसान बोनस की प्रतीक्षा कर रहे हैं। नागपुर जिले के मौदा तहसील धान उत्पादक किसानों का बेल्ट माना जाता है। इस वर्ष धान की फ़सल तकरीबन 36667 हेक्टेयर क्षेत्र है। सरकार द्वारा मौदा तहसील मंे पिछले वर्ष 8 धान खरीदी केंद्र शुरू किए गए थे। किसानों को माल रखने के लिए गोदाम की सुविधा नहीं होने से और लेन-देन व्यवहार के लिए पैसे की जरूरत होती है। शासन ने जल्द धान उत्पादक किसान को बोनस घोषित करने की मांग की जा रही है।
मुकेश अग्रवाल, पूर्व पंचायत समिति सदस्य के मुताबिक राज्य सरकार से किसानों का नुकसान हो रहा है। पिछले साल धान को बोनस दिया गया था, लेकिन रोग राई और तुड़तुड़ा जैसी बीमारी के कारण धान की फसल कम हुई थी। इस वर्ष धान की फसल ठीक है तो मिर्ची की फसल बर्बाद होने से किसान आर्थिक संकट में आया है। इसे देखते हुए राज्य सरकार द्वारा जल्द ही धान पर बोनस की घोषणा करना चाहिए।
कैलास बरबटे, जिला परिषद सदस्य के मुताबिक किसानों द्वारा धान की फसल निकालना शुरू हो गया है, लेकिन अभी तक शासन द्वारा बोनस की घोषणा नहीं की गई। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी धान पर 700 रुपए बोनस की घोषणा व धान खरीदी केंद्र शुरू किए जाए।
Created On :   15 Dec 2021 6:58 PM IST