100 भक्तों के साथ पंढरपुर पालकी यात्रा निकालने नहीं मिली अनुमति - हाईकोर्ट ने कहा - 20 लोग हैं पर्याप्त

Pandharpur Palki Yatra with 100 devotees not allowed, High court said - 20 people are enough
100 भक्तों के साथ पंढरपुर पालकी यात्रा निकालने नहीं मिली अनुमति - हाईकोर्ट ने कहा - 20 लोग हैं पर्याप्त
100 भक्तों के साथ पंढरपुर पालकी यात्रा निकालने नहीं मिली अनुमति - हाईकोर्ट ने कहा - 20 लोग हैं पर्याप्त

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कोरोना के प्रकोप के मद्देनजर वारकरी सेवा संघ को आषाढ़ी एकादशी से पहले 100 भक्तों के साथ 6 किमी लंबी पैदल पादुका पालकी यात्रा निकालने की अनुमति देने से इंकार कर दिया है। वाखरी से पंढपुर के बीच यह पालकी यात्रा  30 जून 2020 को निकाली जानी थी। न्यायमूर्ति पी वी वैराले की खंडपीठ ने कहा कि कोरोना संकट के बीच स्थानीय प्रशासन द्वारा 20 लोगों को पालकी यात्रा में शामिल होने का आदेश पर्याप्त है। राज्य सरकार की बस से 20 लोग पालकी यात्रा पर निकले और सीधे मंदिर तक पहुँचे। 

याचिका में कहा गया था कि भक्त पालकी शोभा यात्रा के दौरान सामाजिक दूरी सहित दूसरे उन सभी नियमों व शर्तों का पालन करने को तैयार है।  लेकिन कोरोना के चलते उनकी 800 साल पुरानी पालखी यात्रा को न रोका जाए। याचिका में कहा गया था कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने उड़ीसा में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा को मंजूरी दी थी। इसलिए उन्हें भी 6 किमी लंबी शोभायात्रा निकालने और उसके बाद भीमा नदी में स्नान करने व परिक्रमा पूरी करने की अनुमति प्रदान की जाए। किंतु खंडपीठ ने 100 लोगों को यात्रा में शामिल होने की अनुमति देने से इंकार कर दिया और याचिका को समाप्त कर दिया। 

Created On :   30 Jun 2020 3:24 PM GMT

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