बाघ की आहट से पहाडीखेरा व ग्रामीण क्षेत्र में दहशत

Panic in Pahadikhera and rural area due to the sound of tiger
बाघ की आहट से पहाडीखेरा व ग्रामीण क्षेत्र में दहशत
पहाडीखेरा बाघ की आहट से पहाडीखेरा व ग्रामीण क्षेत्र में दहशत

डिजिटल डेस्क, पहाडीखेरा । जिले के पहाडीखेरा के नजदीक लगे जंगल में बाघ आने की आहट से पहाडीखेरा व उससे लगे ग्रामीण क्षेत्रों के लोग दहशत में हैं। प्राप्त जानकारी अनुसार इस जंगल में करीब १५ दिवस पूर्व से यह बाघ जंगल में डेरा जमाए हुए हैं। जहां  सिमरिया व पनारी के जंगल में पांच से छ: भैंसों का शिकार कर चुक है और इसके बाद ग्राम की रिहायशी बस्ती की ओर बाघ ने अपना रूख किया है। ग्रामीणों की मानें तो पहाडीखेरा से करीब दो किमी दूर नागौद-कांलिजर मार्ग पर कृष्णा ढाबा के पास १६ जुलाई की सुबह करीब ०६ बजे ढाबा संचालक व ग्रामीणों द्वारा देखा गया है। बताया गया है कि बाघ एक गाय का शिकार करने के बाद ग्रामीणों इलाकों की तरफ आते ग्रामीणों द्वारा देखा गया है। इसके अलावा एक वर्ष पूर्व इसी जंगल में बाघ के पंजों के निशान पाए गए थे पर इस बार ग्रामीणों द्वारा बाघ को नजदीक से देखा गया है। जिसके चलते लोगों में खासी दहशत व्याप्त है क्योंकि इससे पहले बाघ की आहट कभी-कभी जंगलों में होती थी परंतु अब बाघ के जंगल छोड ग्रामों की तरफ आने की पुष्टि ग्रामीणों द्वारा की जा रही है। वहीं सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम द्वारा पंजों के निशान जांच के लिए भेजे गए हैं। वहीं सिमरिया व पनारी के जंगल में छ: भैंसों के शिकार की पुष्टि वन विभाग द्वारा की जा चुकी है पर पहाडीखेर से लगे ग्रामीण क्षेत्र के लोग बाघ की आहट से खासे दहशत में हैं हालत यह है कि शाम होते ही ग्रामीण अपने-अपने घरों में पहुंच जाते हैं और बाहर नहीं निकलते इतना ही नहीं ढाबा संचालक समय से पहले अपना ढाबा बंद कर देते हैं।
इनका कहना है
हमारे अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा गश्ती की गई तो जंगल में बाघ की लोकेशन नहीं मिली है। ग्रामीणों द्वारा बतलाया गया था कि उन्होंने बाघ को देखा है। जिस पर हमारे द्वारा तस्दीक कराई गई पर जो पग मार्क मिले हैं व छोटे हैं लेकिन सिमरिया व पनारी के जंगल में बाघ की मूवमेंट है।

Created On :   19 July 2022 4:01 PM IST

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