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पंकजा ने कहा - उम्मीद है नहीं आएगी भाजपा छोड़ने की नौबत, बहन को मंत्री न बनाने से नाराज
डिजिटल डेस्क, मुंबई। अपनी सांसद बहन प्रीतम मुंडे को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल न किए जाने से आहत भाजपा की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे अब प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेताओं से दो-दो हाथ करने के मुड में नजर आ रही हैं। मंगलवार को पंकजा ने वरली स्थित अपने कार्यालय में अपने समर्थकों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सही समय पर उचित फैसला लेना होता। विचलित होकर कोई फैसला क्यों करना? इस दौरान पंकजा के निशाने पर अप्रत्यक्ष रूप से विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस थे। उन्होंने कहा कि जब तक संभव है तब तक मैं धर्मयुद्ध को टालने का प्रयास कर रही हूं। जिस दिन छत शरीर पर गिरेगी उस दिन देखेंगे। मैं अपना घर क्यों छोडूं?
बाद में पत्रकारों से बातचीत में पंकजा ने कहा कि उम्मीद है कि मुझे भाजपा छोड़ने की नौबत नहीं आएगी। जबकि समर्थकों से संबोधन के दौरान पंकजा ने ललकार भरे अंदाज में कहा कि मेरी ताकत इस पंडाल में नहीं समा पाएगी। यदि मुझे दबाव डालना होगा तो मुझे काफी बड़ी जगह की जरूरत पड़ेगी। पंकजा ने कहा कि नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण हो गया है। अब दवाब डालकर क्या हासिल कर लूंगी? मुझे किसी पर दबाव नहीं डालना है। पंकजा ने कहा कि मैं सत्ता की लालची नहीं हूं। मुझे पद और कुर्सी नहीं चाहिए। मुझे आगे की राह कठिन लग रही है। मैं विधानसभा चुनाव हारी हूं लेकिन मैं खत्म नहीं हुई हूं। यदि मैं खत्म हो गई होती तो मुझे खत्म करने का प्रयास भी बंद हो जाता। पंकजा ने कहा कि आंखों में कचरा चला जाता है तो हम लोग आंख बंद करके फिर से खोलते हैं। यदि आंख खोलने के बाद भी कचरा नजर आया तो देखते हैं क्या करना है।
पंकजा ने अपने समर्थकों से कहा कि आप लोगों ने इसलिए इस्तीफा दिया क्योंकि मेरी आंखों में आंसू थे। आप लोगों ने मेरी आंखों में आंसू देखकर इस्तीफा दिया। अब आप लोगों के आंखों में आंसू को देख कर मैं कैसे जीऊं। पंकजा ने कहा कि पार्टी में किसी ने कहा है कि मुझे भाजपा ने जो दिया है, उसका मैं ध्यान रखू तो मैं इसका ध्यान रखूंगी। लेकिन मैं फडणवीस सरकार में अकेले मंत्री नहीं थीं। सभी लोगों को मंत्री पद मिला था।
पंकजा ने कहा कि मेरे पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे के निधन के बाद मैंने संघर्ष यात्रा निकाली थी। उस समय लोगों की भावना होने के बावजूद मैंने कोई पद नहीं मांगा था। क्योंकि मुझे पता था कि किसको नेतृत्व मिलने वाला है। पंकजा का इशारा मुख्यमंत्री पद की ओर था। मुझे प्रदेश के नेताओं ने केंद्र सरकार में मंत्री बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा था। लेकिन मैंने केंद्रीय मंत्री बनने से इनकार कर दिया था। पंकजा ने कहा कि किसी ने मुझसे कहा कि आपके ‘जनता के मन की मुख्यमंत्री’ वाले बयान के बाद राह कठिन हो गई। लेकिन यदि कोई बोलता है कि मुझे प्रधानमंत्री बनना है वह चलता है?
नड्डा ने मुझे समर्थकों को समझाने के लिए कहा
पंकजा ने कहा कि मैं दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय सचिवों की बैठक में गई थी। जिसमें केवल संगठन के कामकाज के बारे में चर्चा हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान उन्होने मेरे साथ बहुत सम्मानजनक बर्ताव किया। मैंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात के दौरान उन्हें बताया कि पार्टी में मेरे समर्थक इस्तीफा दे रहे हैं। इसपर नड्डा ने कहा कि मुझे विश्वास है कि आप समर्थकों से बात करके उन्हें समझा देंगी। पंकजा ने कहा कि उन खबरों में कोई सच्चाई नहीं है कि जिसमें दावा किया गया कि मोदी ने मुझे डांटा है।
फडणवीस को नेता मानने से किया इनकार
साल 2014 में भाजपा सरकार बनने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में काम करने वाली पंकजा ने अब उन्हें नेता मानने से इनकार कर दिया है। पंकजा ने कहा कि मेरे नेता नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जे पी नड्डा हैं। मुझे विश्वास है कि मेरे नेताओं ने मेरे लिए कुछ अच्छा सोचा होगा। मीडिया के सवाल पर पंकजा ने कहा कि मैं भाजपा की राष्ट्रीय सचिव हूं। मेरे पास प्रदेश भाजपा का कोई पद नहीं है। इसलिए मेरे नेता भाजपा का शीर्ष नेतृत्व हैं।
पंकजा को दरकिनार कर रही भाजपाः चव्हाण
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पीडब्लूडी मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने पंकजा मुंडे को जानबूझ कर दरकिनार किया है। उन्होंने कहा कि पंकजा समर्थकों का नाराज होना स्वभाविक है। इस बीच सोशल मीडिया पर पंकजा के भाजपा छोड़ने की अफवाहे भी दिनभर उड़ती रही।
Created On :   13 July 2021 9:28 PM IST