आज जन्मेे थे परशुराम, सुदामा को मिला था समृद्धि का वरदान

Parshuram was born today, Sudama got the blessing of prosperity
आज जन्मेे थे परशुराम, सुदामा को मिला था समृद्धि का वरदान
आज जन्मेे थे परशुराम, सुदामा को मिला था समृद्धि का वरदान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भारतीय कालगणना के अनुसार वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया आखातीज या अक्षय तृतीया कहलाती है। आज यही अक्षय तिथि है। अक्षय का अर्थ है- जिसका कभी क्षय ना हो, जो स्थायी रहे। आज के दिन किया गया दान, पूजन, हवन सहित कोई भी पुण्य कार्य अक्षय फल देगा। कोई भी मांगलिक या शुभ कार्य करने के लिए आज सबसे अच्छा दिन है। क्योंकि आज स्वयं सिद्ध मुहूर्त है। इसी दिन परशुरामजी का जन्म हुआ था। परशुरामजी चिरजीवी हंै। उनकी आयु का क्षय नहीं हुआ। इसलिए अक्षय तृतीया को चिरंजीवी तिथि भी कहा जाता है। इसलिए आज सभी के लिए अक्षय सेहत और उम्र का वरदान पाने का दिन है। चारों युगों में त्रेतायुग का आरंभ इस तिथि से हुआ, इसलिए इसे युगादितिथि भी कहा जाता है। यानी आज शुभारंभ का दिन है। ज्योतिष के अनुसार वैशाख मास में विवाह करने से पति-पत्नी का प्यार और विवाह अक्षय होता है। आज पितरों का तर्पण यह मानकर किया जाता है कि इसका अक्षय फल प्राप्त होगा। 

किसानों के लिए आज से नए सीजन का दिन

महाभारत काल में अक्षय तृतीया के दिन ही युधिष्ठिर को वनवास में अक्षय पात्र मिला था। यह ऐसा पात्र था, जिसमें से अन्न कभी खत्म नहीं होता था। इसलिए अक्षय तृतीया किसानों के लिए भी महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इसे भारतीय कृषि के नए चक्र की शुरुआत का दिन भी कहा जाता है। ओडिशा और पंजाब में यह व्यापक रूप से खेती से जुड़ा त्योहार है। किसान नई फसल की तैयारी में जुट जाते हैं। प्रचलित है कि अक्षय तृतीया से ऋतु परिवर्तन हो जाता है। यह वसंत ऋतु की समाप्ति और ग्रीष्म ऋतु की शुरुआत का दिन भी माना जाता है। मई के बाद के महीनों में खरीफ सीजन की फसल बोई और काटी जाती है। बोआई की तैयारी अक्षय तृतीया के बाद शुरू हो जाती है।

दान का महत्व: कृष्ण ने सुदामा को समृद्धि दी थी

अक्षय तृतीया समृद्धि के आशीर्वाद का त्योहार है, क्योंकि इसी दिन श्रीकृष्ण ने अपने बचपन के दोस्त सुदामा को चावल की विनम्र भेंट के बदले में असीमित समृद्धि प्रदान की थी। इसलिए इस वर्ष आपदाकाल में रोगियों के उपचार की सामग्री, दवाएं दान की जा सकती हैं। दान वही श्रेष्ठ माना गया है जो सुपात्र को और जरूरतमंद को दिया जाए। इस बार लाॅकडाउन है तो बाहर जा कर दान-पुण्य-स्नान नहीं किया जा सकता है, इसलिए जो भी दान करना चाहते हैं, उसका संकल्प कर लें। इसे बाद में दान किया जा सकता है। इसके अलावा, इस दिन जल से भरे कलश, जूता, छाता, गौ, भूमि, स्वर्णपात्र का दान करना चाहिए। साथ ही समृद्धि के लिए सोने की खरीदी शुभ मानी जाती है।

सेहत और समृद्वि के लिए राशि अनुसार क्या करें

मेष- घर में शिवलिंग का दूध मिश्रित जल से स्नान कराएं। ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।
वृषभ- विष्णु जी के किसी रूप का पूजन करें। ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें।
मिथुन- श्री कृष्ण के नामों का जाप करें।
कर्क- श्रीराम नाम मंत्र का जाप करें।
सिंह- श्रीरामरक्षा स्तोत्र का पाठ करें।
कन्या- श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
तुला- श्री गोपाल सहस्रनाम का पाठ करें।
वृश्चिक- श्री शिव चालीसा का पाठ करें।
धनु- श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
मकर- श्रीदुर्गा चालीसा या सप्तशती का पाठ करें।
कुंभ- श्रीरामरक्षा स्तोत्र का पाठ करें।
मीन- श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।

अभिजीत मुहूर्त 

अभिजीत मुहूर्त दोपहर- 12:10 से 1:50  तक रहेगा। शुभ मुहूर्त- सुबह 7:18 से 10:32 तक, दोपहर 12:25 से 1:50 तक। राहुकाल-  अक्षय तृतीया के दिन राहुकाल का कोई महत्व नहीं रहता। सुबह 10:44 से दोपहर 12:25 तक श्रीदुर्गासप्शती के चतुर्थ अध्याय का पाठ करने से शत्रु, रोग नाश होगा।

गृह प्रवेश की सरल विधि

अक्षय तृतीया पर गृह प्रवेश भी शुभ माना जाता है।  गृह प्रवेश के लिए लाॅकडाउन के कारण विधि-विधान में परेशानी है तो एक सरल विधि अपना सकते हैं। गृह प्रवेश से पूर्व वहां दूध उबाल लें। दूध उबल कर नीचे गिर जाए उसके बाद घर में रहना शुरू कर सकते हैं। साथ में गणेशजी की पूजा कर उस मूर्ति को घर में स्थापित कर दें।

सादगी से मनाई जा रही परशुराम जयंती

भगवान परशुराम की जयंती कोरोना नियमों का पालन करते हुए सादगी के साथ मनाई जा रही है। गुड़ ओली चौक स्थित परशुराम भवन में लालसोट प्रांतीय ब्राह्मण समाज के पदाधिकारी शुक्रवार 14 मई को सुबह 9.30 बजे भवन में प्राण-प्रतिष्ठित भगवान परशुराम की प्रतिमा का अभिषेक, पूजा-अर्चना, आरती करेंगे। सभी से अपने घरों में ही भगवान परशुराम की पूजा-अर्चना, आरती कर जयंती मनाने का आह्वान किया है।

 

Created On :   14 May 2021 10:52 AM IST

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