सिर्फ रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर निजी अस्पताल के आरक्षित बेड पर नहीं भर्ती हो सकेंगे मरीज - टोपे

Patients will not be able to be admitted on reserved bed of private hospital only when the report is positive
सिर्फ रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर निजी अस्पताल के आरक्षित बेड पर नहीं भर्ती हो सकेंगे मरीज - टोपे
सिर्फ रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर निजी अस्पताल के आरक्षित बेड पर नहीं भर्ती हो सकेंगे मरीज - टोपे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश सरकार की तरफ से अधिग्रहित किए जाने वाले निजी अस्पतालों के 80 प्रतिशत बेड पर कम लक्षण वाले कोरोना के मरीजों को भर्ती नहीं किया जाएगा। बुधवार को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने यह जानकारी दी। टोपे ने कहा कि सरकार ने निजी अस्पतालों के 80 प्रतिशत बेड को अधिग्रहित किया है पर कोरोना के मरीज निजी लैब से पॉजिटिव रिपोर्ट मिलने के बाद सीधे निजी अस्पतालों में भर्ती हो जा रहे हैं। इससे कोरोना के जिन मरीजों को आईसीयू और वेंटिलेटर की जरूरत है, उनके साथ अन्याय होगा। इसलिए बिना लक्षण वाले कोरोना के जिन मरीजों को जरूरत है, केवल उन्हें ही निजी अस्पतालों में भर्ती किया जाएगा। सभी निजी अस्पतालों में सरकार की ओर से एक अधिकारी नियुक्ति किए जाएंगे। निजी लैब की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट सीधे मुंबई मनपा को भेजने के आदेश पर विपक्ष की ओर से सवाल उठाए जाने पर टोपे ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि निजी लैब की रिपोर्ट के आधार पर बिना लक्षण वाले मरीज भी सीधे सरकार द्वारा अधिग्रहित निजी अस्पतालों में जाकर भर्ती हो रहे हैं। इसलिए मनपा ने आदेश जारी किया है। हर लैब को 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट देना होगा। यह रिपोर्ट मुंबई मनपा के पास भेजी जाएगी। इसके बाद रिपोर्ट को मनपा के हर वार्ड में भेजा जाएगा। 

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा गंभीर मरीजों को भर्ती करना जरुरी  

टोपे ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति निजी लैब में खुद जाकर कोरोना की जांच कराता है तो उसे अब 2500 रुपए देने पड़ेंगे। वहीं निजी लैब द्वारा जांच के लिए अस्पताल से किसी व्यक्ति के नमूने लिए गए हैं तो इसके लिए 2200 रुपए भुगतान करना पड़ेगा। अगर कोई व्यक्ति घर पर रहकर कोरोना की जांच के लिए नमूना देना चाहता है तो उसे 2800 रुपए देना पड़ेगा। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस की ओर से मरीजों के मौत के आंकड़े छिपाने के आरोप पर टोपे ने कहा कि यह घटना उद्देश्यपूर्ण तरीके से नहीं हुई है। कोरोना से हुई मौत के आंकड़ों की प्रतिदिन रिपोर्टिंग की जानी चाहिए। यदि कोई अफसर जानबूझकर ऐसा कर रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। हमने अफसरों को निर्देश दिए हैं कि आगे से इस तरीके के मामले नहीं होने जाएंगे। टोपे ने कहा कि मुंबई में एंबुलेंस की संख्या बढ़ाई जाएंगी। अगर किसी मरीज को एंबुलेंस की जरूरत हैं तो वह सीधे मुंबई मनपा के वार्ड वॉर रूम में फोन करके मुफ्त सेवाएं ले सकता है। निजी एंबुलेंस की सेवा के लिए पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है। 
 

Created On :   17 Jun 2020 3:30 PM GMT

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