शिवसेना-राकांपा का हंगामा, पाटील ने कहा- अब बदला नहीं जाएगा निलंबन वापसी का फैसला 

Patil said that decision to withdraw suspension will not changed
शिवसेना-राकांपा का हंगामा, पाटील ने कहा- अब बदला नहीं जाएगा निलंबन वापसी का फैसला 
शिवसेना-राकांपा का हंगामा, पाटील ने कहा- अब बदला नहीं जाएगा निलंबन वापसी का फैसला 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भाजपा समर्थित विधान परिषद सदस्य प्रशांत परिचारक के निलंबन वापसी का फैसला इसके लिए स्थापित समिति ने सर्वसहमति से लिया है। इसलिए अगले एक साल तक इस मामले में कोई कार्रवाई संभव नहीं है। समिति में शिवसेना और राकांपा के भी सदस्य थे। पर उस वक्त उन्होंने भी कोई विरोध नहीं किया। इस मुद्दे पर विधानसभा में शिवसेना और विपक्ष के हंगामें के बाद राजस्वमंत्री चंद्रकांत पाटील ने यह सफाई दी। इससे पहले सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही शिवसेना सदस्य अध्यक्ष के आसन के सामने वेल में आकर बैनर लहराते हुए परिचारक को बर्खास्त करने की मांग करने लगे।

विपक्षी सदस्यों ने भी इस मुद्दे पर शिवसेना का साथ दिया। शिवसेना विधायक सुनील प्रभू ने कहा कि परिचारक ने सिर्फ सैनिकों की पत्नियों का ही नहीं बल्कि देश का भी अपमान किया है। ऐसे में उनका निलंबन वापस लेने का फैसला कैसे किया गया। उन्हें हमेशा के लिए सदस्यता से बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए। इस दौरान शिवसेना सदस्य परिचारक के खिलाफ बैनर लहराते रहे। शिवसेना सदस्य जय जवान, जय किसान के नारे भी लगाते रहे। नारेबाजी जारी रही तो सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। दोबारा कार्रवाई शुरू हुई तो शिवसेना का आक्रामक रुख बरकरार रहा। इस बार कांग्रेस और राकांपा के सदस्य भी उनके साथ आ गए।

देशद्रोह है परिचारक का अपराध: विखेपाटील
विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखेपाटील ने कहा कि परिचारक का अपराध देशद्रोह से भी बड़ा है। सैनिकों का अपमान करने वाले को हमेशा के लिए सदन से बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए। महाराष्ट्र जैसे आधुनिक विचारों वाले राज्य में किसी नेता का इस तरह का बयान स्वीकार नहीं किया जा सकता। राकांपा के जयंत पाटील ने भी परिचारक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। चंद्रकांत पाटील ने एक बार फिर सरकार की ओर से सफाई दी कि जिस समिति ने निलंबन वापस लेने का फैसला किया उसमें विपक्षी पार्टियों के भी सदस्य थे और फैसला सर्वसहमति से हुआ था।

नियमों के मुताबिक अब एक साल तक कुछ नहीं किया जा सकता। हंगामा जारी रहा तो दूसरी बार विधानसभा की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। कार्यवाही शुरू होने पर सुनील प्रभू ने चंद्रकांत पाटील द्वारा समिति में शामिल शिवसेना नेता का नाम लिए जाने पर आपत्ति जताई और इसे कामकाज से बाहर करने की मांग की जिसे विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे ने स्वीकार कर लिया। इसके पहले शिवसेना विधायकों ने विधानभवन की सीढ़ियों पर बैठकर परिचारक के निलंबन वापसी के फैसले को लेकर नारेबाजी की।

कपिल पाटील का आरोप
विधानभवन परिसर में कपिल पाटील ने कहा कि मंत्री पाटील ने सदन में उन्हें धमकी दी है। उन्होंने मुझे कहा कि ‘तुम्हारी औकात क्या है, मैं तुझे देख लूंगा।’ पाटील को दो से तीन मंत्रियों ने पकड़ रखा था। फिर भी वे मेरी तरफ आने की कोशिश कर रहे थे। कपिल ने कहा कि मैंने सदन में किसी भी तरह के असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया। कपिल ने कहा कि सदन के नेता व वरिष्ठ मंत्री का इस तरीके से बर्ताव करना और खुलेआम धमकी देना उचित नहीं है। इस घटना के लिए यदि वे अपने मन में खेद प्रकट करेंगे तो मेरे लिए काफी होगा।
 

Created On :   5 March 2018 2:51 PM GMT

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