कंधे पर ले जाते हैं मरीज को, स्ट्रेचर और व्हीलचेयर पर अस्पताल का सामान रखा होता है

People are forced to take patient to wards on their shoulders
कंधे पर ले जाते हैं मरीज को, स्ट्रेचर और व्हीलचेयर पर अस्पताल का सामान रखा होता है
कंधे पर ले जाते हैं मरीज को, स्ट्रेचर और व्हीलचेयर पर अस्पताल का सामान रखा होता है

डिजिटल डेस्क,नागपुर। अस्पतालों में उपलब्ध स्ट्रेचरों और व्हील चेयर का इस्तेमाल मरीजों को लाने-ले-जाने की बजाए सामान ढोने के लिए किया जाता है। कई बार मरीज को कंधे पर लादकर ले जाते परिजनों को भी देखा जाता है। जबकि इन स्ट्रेचरों और व्हील चेयरों पर भारी भरकम सामान के कार्टून व अस्पताल में उपयोग में लायी जाने वाली सामग्री नजर आती है।

सरकारी अस्पतालों में कामकाज के शुरू होते ही हर दिन यह नजारा दिखायी देता है। यहां के कर्मचारी बेखौफ होकर अलग-अलग विभागों में सामान इधर से उधर ले जाने के लिए इनका इस्तेमाल करते हैं। यह नजारा परिसर से गुजरने वाले हर अधिकारी को दिखायी देता है, लेकिन सभी चुप रहते हैं। जब सामान लेकर जाने वाले कर्मचारियों से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि एक स्थान से दूसरे स्थान पर सामान सिर पर लादकर तो नहीं ले जा सकते, इसलिए स्ट्रेचरों और व्हील चेयरों का इस्तेमाल करते हैं। अस्पताल प्रशासन ने कभी इसका विरोध नहीं किया, इसलिए बरसों से ऐसा ही चल रहा है।

कंधों पर उठाकर ले  जाते हैं मरीज
आपात स्थिति में मरीजों को आधे घंटे तक स्ट्रेचर या व्हील चेयर उपलब्ध नहीं होने के कारण उसका समय पर उपचार शुरू नहीं हो पाता। अस्पताल में पहुंचने पर आधा घंटा तो कागजी प्रक्रिया में बीत जाता है। इसके बाद स्ट्रेचर या व्हील चेयर समय पर नहीं मिलने से अाधा घंटा निकल जाता है। मरीज जब संबंधित वार्ड में ले जाया जाता है तो वहां उपचार शुरू होने में करीब आधा घंटा लग जाता है। इस तरह करीब डेढ़ घंटा यूं ही बर्बाद हो जाते हैं।

कई मरीजों के स्वजन इस फेर में न पड़कर मरीज को कंधे पर उठाकर संबंधित वार्ड में ले जाते हैं। सरकारी अस्पतालों की लापरवाही के कारण उन्हें डर लगता है कि कहीं मरीज की सांस न थम जाए। इसलिए सारी भागदौड़ वे स्वयं ही करते हैं।

प्रशासन कर रहा  अनदेखी
अस्पताल परिसर में स्ट्रेचरों और व्हील चेयरों पर सामान लादकर आते-जाते कर्मचारी दिनभर दिखायी देते हैं। मेयो के हर कर्मचारी और अधिकारी को यह दृष्य दिखायी देता है, लेकिन कोई भी इसका विरोध नहीं करता। यही हाल अन्य अस्पतालों का भी है। सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल में स्ट्रेचर पर कई तरह की सामग्री के अतिरिक्त शौचालयों में उपयोग में लाया जाने वाले एसिड की बोतलें भी नजर आती हैं।

सूत्रों ने बताया कि मेयो की चादरें हों या फाइलें या फिर औषधियां, सभी सामग्री पहुंचाने के लिए स्ट्रेचरों और व्हील चेयरों का इस्तेमाल किया जाता है। औषधिशास्त्र विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ऐसा करना नियमों के खिलाफ है, लेकिन वरिष्ठ अधिकारी इसका संज्ञान नहीं लेते। कभी किसी अधिकारी ने नियमबाह्य काम का विरोध नहीं किया। ऊपर से नीचे तक हर कोई अपनी मनमर्जी से काम कर रहा है। 

अस्पतालों में स्ट्रेचर का उपयोग अनेक कामों में होता है। सामान ढोने के लिए अन्य कोई व्यवस्था न होने पर सामान स्ट्रेचर पर लादकर लाया ले जाया जाता है।
(गिरीश भुयार, जनसंपर्क अधिकारी, मेडिकल)
 

Created On :   21 July 2018 5:12 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story