दूसरे गांव से पानी लाने को मजबूर हैं वाड़ेगांववासी, 16 दिनों से नहीं हुई पानी की सप्लाई

people of the village have to wander for water due to drying
दूसरे गांव से पानी लाने को मजबूर हैं वाड़ेगांववासी, 16 दिनों से नहीं हुई पानी की सप्लाई
दूसरे गांव से पानी लाने को मजबूर हैं वाड़ेगांववासी, 16 दिनों से नहीं हुई पानी की सप्लाई

डिजिटल डेस्क छिन्दवाड़ा/पांढुर्ना।  मई महीने की चिलचिलाती गर्मी के मौसम में विकासखंड के कई गांवों में पेयजल संकट विकराल रूप ले रहा है। विकासखंड के ग्राम वाड़ेगांव में पेयजल संकट से सबसे ज्यादा हाल बुरे है। इन दिनों यहां के लोगों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। जलस्तर नीचे जाने के कारण गांव के सार्वजनिक जलस्त्रोत सूख जाने से यहां के लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। 

करीब ढाई हजार की आबादी वाले ग्राम वाड़ेगांव में गर्मी की शुरूआत से ही पानी की परेशानी शुरू हो गई है। पर गांव में किसी प्रकार की बड़ी पेयजल योजना नही होने से यहां अब दिक्कतें सामने आ रही है। ग्रामीणों को खेतों पर बने कुओं व टयूबवेल से पानी लाना पड़ रहा है। हालत यह है कि ग्रामीणों को टैंकरों से पानी खरीदना पड़ रहा है। पंचायत के कुओं और हैंडपंप में पानी बहुत कम बचा है। वह भी गांव से करीब डेढ़ किमी दूर है। इसके चलते हैंडपंप व कुओं में भीड़ लगी रहती है।

ऐसे हालातों के चलते ग्रामीण दूर-दूर से पानी लाने को मजबूर है। गांव की प्रमिलाबाई पाइप लाइन से रिसने वाले पानी से प्यास बुझाने को मजबूर है, प्रमिलाबाई ने बताया कि गांव से दो से तीन किमी दूर से पानी लाना पड़ रहा है। रामदास कुरवाड़े ने बताया कि गांव में पानी की टंकी भी है, लेकिन बीते 16 दिनों से नल नही आए है। इसलिए खेतों के कुओं से पानी लाना पड़ रहा है। 

हरदोली-बनगांव से पानी लाने की मजबूरी 
वाड़ेगांव में स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि ग्रामीणों को करीब तीन किमी स्थित ग्राम हरदोली और पांच किमी स्थित ग्राम बनगांव से पानी लाना पड़ रहा है। गजानन कुमरे, सुधाकर कवड़ेती ने बताया कि ग्राम हरदोली और बनगांव से पानी लाने की मजबूरी है। गांव के आसपास स्थित जलस्त्रोतों से लोग पानी नही लेने देते, जिसके कारण दूसरे गांव के कुओं से पानी लाना पड़ता है। चिलचिलाती धूप में भी यह लोग बैलबंडी पर ड्रम रखकर या तो फिर साईकल पर कैन टांगकर पानी लाने को मजबूर है। 

आठ दिन में भर रही पंचायत की टंकी 
गांव के सुरेश कुरवाड़े, रविन्द्र सरेयाम, किसना कुयटे आदि लोगों ने बताया कि पंचायत के कुआं भी संघारे पर आ गया है। ऐसे में कुएं का पानी 15-20 मिनट में टूट जाता है। जिससे पंचायत की टंकी एक बार में भर नही पाती। आठ दिन में पूरी टंकी भरती है, जिसके बाद कुछ वार्डों में पेयजल की सप्लाई होती है। अभी गांव में बीते पंद्रह दिनों से पानी की सप्लाई नही हुई है। पंचायतकर्मी बंडू कराले का कहना है कि लोगों की परेशानी देखकर तकलीफ होती है, पर क्या करें जलस्तर खिसकने से पंद्रह दिनों में पानी देने की मजबूरी है।

Created On :   9 May 2018 1:37 PM IST

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