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सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या गजछाया योग में लोगों ने किया श्राद्ध कर्म
डिजिटल डेस्क जबलपुर । आज सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर श्रद्धालुअरें ने पवित्र नर्मदा तट एवं जलाशयों में अपने पूर्वजों को श्रद्धापूर्वक याद कर उनका श्राद्ध कर्म किया । 6 अक्टूबर बुधवार को आज गजछाया योग बन रहा है। इस दिन सर्वार्थसिद्धि और चतुग्र्रही योग भी है। इस शुभ संयोग में तीर्थ स्नान, पीपल पूजा, दीपदान और श्राद्ध करने से पितर तृप्त हो जाते हैं। पं. रोहित दुबे ने बताया कि पितृ मोक्ष अमावस्या पर जिन लोगों की अकाल मृत्यु हुई या जिनकी तिथि याद नहीं है उनका श्राद्ध और तर्पण करना श्रेष्ठ होता है। श्राद्ध पक्ष के आखिरी दिन माँ नर्मदा तट पर श्रद्धालुओं द्वारा स्नान-दान किया गया। आज सभी ज्ञात-अज्ञात पितृजन, पुरखों के सामूहिक श्राद्धकर्म के बाद शाम को दीपदान का भी विशेष महत्व है। पं. वासुदेव शास्त्री ने बताया कि अमावस्या पर पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध करने का महत्व काफी अधिक है। दोपहर में श्राद्ध कर्म करें और ब्राह्मणों और जरूरतमंद लोगों को दान-दक्षिणा देना शुभ होता है। पं. राजकुमार शर्मा शास्त्री ने बताया कि अमावस्या पर शाम को सरसों के तेल के चार दीपक जलाएँ। इन्हें घर की चौखट पर रख दें। एक दीपक और एक लोटे में जल लेकर आँख बंद करके अपने पितरों को याद करना कल्याणकारी है ।
Created On :   6 Oct 2021 1:59 PM IST