पेठे को मिली नागपुर एनसीपी की कमान, अब मनपा चुनाव का लक्ष्य

Pethe got the command of Nagpur NCP, now the target of municipal elections
पेठे को मिली नागपुर एनसीपी की कमान, अब मनपा चुनाव का लक्ष्य
पेठे को मिली नागपुर एनसीपी की कमान, अब मनपा चुनाव का लक्ष्य

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रवादी कांग्रेस के शहर अध्यक्ष पद पर दुनेश्वर पेठे को नियुक्त किया गया है। पेठे नागपुर मनपा में राकांपा के एकमात्र नगरसेवक व गटनेता हैं। पूर्व नागपुर से वे विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। बुधवार को मुंबई में प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने उन्हें नियुक्ति पत्र सौंपा। राकांपा के वरिष्ठ नेता प्रफुल पटेल सहित अन्य प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित थे। पेठे की नियुक्ति के साथ ही राकांपा ने नागपुर मनपा में अपनी स्थिति मजबूत बनाने का लक्ष्य रखा है। पार्टी के नये पुराने पदाधिकारियों में समन्वय के साथ चुनाव तैयारी करने को कहा गया है। गौरतलब है कि 4 जून को अनिल अहिरकर ने शहर अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था। दूसरे दिन उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। उसके बाद  से शहर अध्यक्ष पद को लेकर पेठे के चयन की चर्चा चल रही थी। लेकिन उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं मिल पाया था। बुधवार को पेठे को नियुक्ति पत्र सौंपा गया। इस दौरान शहर राकांपा के प्रमुख पदाधिकारियों व नेताओं को मुंबई में उपस्थित रहने के लिए आमंत्रित किया गया था।

चुनौती भरा रहा है शहर अध्यक्ष पद

राकांपा में शहर अध्यक्ष पद चुनौती भरा रहा है। 1999 में पार्टी के गठन के साथ ही शहर में ही राकांपा ने प्रभाव दिखाना शुरु किया लेकिन बाद में उसका प्रभाव कम होता गया। संगठन के प्रभाव के दौर में रघुनाथ मालीकर, अण्णाजी राऊत जैसे राकांपा के उपमहापौर हुए। वसंत पारसिवनीकर, दिलीप पनकुले,गिरीश गांधी, अशोक धवड़, अनिल देशमुख से लेकर अनिल अहिरकर को शहर राकांपा की कमान मिली। संगठन के विस्तार के दावे भी खूब हुए। लेकिन उसका प्रभाव कम ही रहा। कांग्रेस के साथ गठबंधन के तहत वह शहर में विधानसभा की सीट मांगती ही रह गई। अब तक उसे गठबंधन में यहां सीट लड़ने को नहीं मिली। मनपा में स्थिति यह है कि 2017 के चुनाव में 151 में से केवल एक सीट वह जीत पायी थी।

पहले पेठे की नियुक्ति, बाद में अहिरकर का इस्तीफा

राकांपा में भले ही पदाधिकारियों के असंतोष को नकारा जा रहा है लेकिन यह साफ होने लगा है कि शहर अध्यक्ष पद को लेकर अंदरुनी तौर पर जमकर राजनीति हुई है। पेठे को दिए पत्र में साफ है कि उनकी नियुक्ति 3 जून हो ही शहर अध्यक्ष पद पर कर दी गई थी। अहिरकर से 4 जून को इस्तीफा लिया गया। बाद में उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया। अहिरकर ने पत्रकार वार्ता में शहर अध्यक्ष पद को लेकर जिस तरह से कार्यकर्ता के चरित्र व निष्ठा का सवाल उठाया था उससे भी लगने लगा था कि संगठन में सबकुछ ठीक नहीं है। खबर है कि अहिरकर को शहर अध्यक्ष पद से हटाने की बुनियाद काफी पहले से ही रखी जाने लगी थी। यही कारण था कि वे एक बार पद से इस्तीफा देने के लिए प्रदेश अध्यक्ष तक पहुंच गए थे। वरिष्ठ नेता प्रफुल पटेल व जिला निरीक्षक राजेंद्र जैन शहर में संगठनात्मक पुनर्गठन को जोर दे रहे थे। शहर संगठन के पदाधिकारियों की भंडारा में हुई बैठक में भी सबकुछ साफ दिखने लगा था।


 

Created On :   9 Jun 2021 11:37 AM GMT

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