11th एडमिशन में धांधलियों को लेकर जनहित याचिका दाखिल, शिक्षा विभाग की खिचाई

Petition filed against the scam done in admission in class 11th
11th एडमिशन में धांधलियों को लेकर जनहित याचिका दाखिल, शिक्षा विभाग की खिचाई
11th एडमिशन में धांधलियों को लेकर जनहित याचिका दाखिल, शिक्षा विभाग की खिचाई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर शहर में कक्षा 11वीं की प्रवेश प्रक्रिया में हो रही भारी धांधलियों का संज्ञान लेते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने इस मामले में सुओ-मोटो जनहित याचिका दायर की है। जस्टिस एड.भानुदास कुलकर्णी ने कोर्ट में विस्तृत याचिका प्रस्तुत की, जिसमें उन्होंने प्रवेश प्रक्रिया से जुड़ी विविध अनियमितताओं को कोर्ट के सामने रखा। याचिका के अनुसार शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित केंद्रीय प्रवेश प्रक्रिया पूरी तरह अपारदर्शी और अनियमितताओं से भरी हुई है। 11वीं कक्षा की प्रवेश प्रकिया एक बड़ा व्यवसाय बन गई है। जिसने शहर में कुकुरमुत्तों की तरह कोचिंग सेंटरों और सीबीएसई पैटर्न के जूनियर कॉलेजों को जन्म दिया है। 

कोचिंग सेंटर उकसाते हैं एडमिशन के लिए
अधिकांश हाईस्कूलों और जूनियर कॉलेजों का सीधे कोचिंग सेंटरों से टाई-अप होता है। ये कोचिंग सेंटर अपने विद्यार्थियों को चुनिंदा संस्थानों में प्रवेश लेने के लिए उकसाते हैं, ताकि उन्हें नियमित तौर पर कॉलेज न जाना पड़े। इन विद्यार्थियों को गैर अनुदानित सीटों पर प्रवेश लेना पड़ता है। न तो जूनियर कॉलेजों में कक्षाएं लगती हैं न ही यहां बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर या स्टाफ होता है। कोचिंग और जूनियर कॉलेज की फीस की रकम 3 लाख के पार पहुंच जाती है। पालकों से सुनियोजित तरीके से लूट की जा रही है। इस पूरी प्रक्रिया में लगता है कि केंद्रीय प्रवेश प्रकिया इन टाई-अप को फायदा पहुंचाने के लिए ही है।

याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि इस प्रवेश प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए शिक्षा विभाग काे संस्थानों के एकेडिमक ऑडिट करने के आदेश दें और प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए यथायोग्य आदेश जारी करें। मामले में सोमवार को हाईकोर्ट ने प्रतिवादी स्कूल शिक्षा विभाग सचिव, संचालक और नागपुर शिक्षा उपसंचालक को नोटिस जारी कर 1 अक्टूबर तक जवाब मांगा है।

ग्रामीण क्षेत्रों के संस्थानों में भी हो ऑनलाईन एडमिशन
याचिका में मुद्दा उपस्थित किया गया कि मौजूदा समय में नागपुर ग्रामीण के हाईस्कूल और जूनियर कॉलेजों में ऑनलाईन प्रवेश नहीं होते। ऐसे में इनके प्रबंधन पूरी तरह मनमर्जी से कक्षाएं संचालित करते हैं। इन पर शिक्षा विभाग का एक तरह से काेई नियंत्रण नहीं होता। कोचिंग क्लासेस से साठगांठ के कारण 10वीं कक्षा का परिणाम आते ही ग्रामीण क्षेत्रों के संस्थानों में 11वीं कक्षा की सीटें फुल हो जाती हैं। शहरी विद्यार्थी भी कोचिंग क्लासेस के निर्देशों पर वहां प्रवेश लेते हैं, जो कि एक बड़ी धांधली है। याचिका में ग्रामीण कॉलेजों को भी राज्य सरकार द्वार संचालित ऑनलाईन प्रवेश प्रकिया के तहत लाने की प्रार्थना की गई है।

एडमिशन प्रक्रिया में ढेरों खामियां
इस वर्ष 11वीं कक्षा की ऑनलाईन प्रवेश प्रक्रिया में सीटों के आवंटन में अनेक गड़बड़ियां सामने आईं। कई संस्थानों ने कोर्ट की शरण ली, तो कोर्ट ने मामले की गंभीरता देखते हुए यह जनहित याचिका दायर करने का निर्णय लिया। याचिका में ऑनलाईन प्रवेश प्रकिया में आरक्षण के प्रावधानों के उल्लंघन और अन्य अनियमितताओं को उठाया गया है।
 

Created On :   14 Aug 2018 1:36 PM IST

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