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स्कूल एडमिशन में धांधली का आरोप, शिक्षा संचालक को कोर्ट में पेश होने के आदेश

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में 11वीं कक्षा में प्रवेश के इच्छुक स्टूडेंट्स के पेरेंट्स और महल स्थित न्यू इंग्लिश हाईस्कूल ने मिलकर याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने 11वीं कक्षा की प्रवेश प्रक्रिया में बड़ी धांधली का मुद्दा उठाया है। इस मामले में हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा विभाग के संचालक और नागपुर शिक्षा उपसंचालक को गुरुवार को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। दरअसल 3 जुलाई को हाईकोर्ट ने इस मामले में नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
प्रकरण में हुई सुनवाई में विभाग की ओर से हाईकोर्ट से दो सप्ताह का अतिरिक्त समय देने की प्रार्थना की गई थी, चूंकि यह प्रवेश प्रकिया का दौर है और याचिकाकर्ता द्वारा लगाए गए आरोप गंभीर हैं, कोर्ट ने उन्हें कोई भी अतिरिक्त समय देने से इंकार किया है। गुरुवार को अधिकारियों को कोर्ट में उपस्थित होकर स्वयं सफाई देनी होगी। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड.भानुदास कुलकर्णी ने पक्ष रखा।
यह लगे हैं आरोप
उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर चुनिंदा जूनियर कॉलेजों को फायदा पहुंचाने के लिए जानबूझकर प्रवेश प्रक्रिया में हेर-फेर करने का आरोप लगाया है। उनकी इस करतूत से होनहार विद्यार्थियों को प्रवेश से वंचित रहने की नौबत आ रही है। पालकों ने अपनी याचिका में हाईकोर्ट से विद्यार्थियों के लिए हितकारी आदेश जारी करने की प्रार्थना की है। पालकों की मांग है कि, इस प्रक्रिया के पहले राउंड में हुए आवंटन ही रद्द कर दिए जाएं। साथ ही हाईकोर्ट राज्य सरकार को इस पूरी प्रवेश प्रक्रिया पर जांच बैठाने का आदेश दे। वहीं पहले राउंड में शिक्षा विभाग की गड़बड़ियों के कारण प्रवेश से वंचित विद्यार्थियों को नियमानुसार प्रवेश दिए जाएं।
ऐसे सामने आई गड़बड़ी
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि, हर बार की तरह इस वर्ष भी न्यू इंग्लिश स्कूल ने केंद्रीय प्रवेश प्रक्रिया में हिस्सा लिया था। 21 जून को शिक्षा विभाग ने 11वीं कक्षा की बाइफोकल शाखा की सीट आवंटन लिस्ट जारी की, जिसमें स्कूल का नाम ही नदारद था। इससे ऐसे विद्यार्थी जिन्होंने न्यू इंग्लिश स्कूल को पहली प्राथमिकता दी थी, वे इस हाईस्कूल में प्रवेश लेने से वंचित रह गए। स्कूल ने जब इसकी शिकायत विभागीय उपसंचालक से की तो उन्हें बताया गया कि तकनीकी गड़बड़ियों के चलते ओपन श्रेणी के विद्यार्थियों को पहले राउंड में सीटें ही आवंटित नहीं की गईं, लेकिन याचिकाकर्ता को आपत्ति है कि, ऐसा सिर्फ कुछ जूनियर कॉलेजों के साथ हो रहा है, जबकि कुछ चुनिंदा जूनियर कॉलेजों में ओपन श्रेणी के विद्यार्थियों को सीटें आवंटित की गई हैं।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि, इस प्रक्रिया पर बारीकी से नजर डालें तो शहर के बड़े कोचिंग सेंटरों से टाईअप करने वाले जूनियर कॉलेजों को फायदा पहुंचाने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने यह हेर-फेर किया है।
Created On :   11 July 2018 4:50 PM IST