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21 हजार पर पीएफ का मुद्दा ठंडे बस्ते में, चर्चा हुई, लेकिन सर्कुलर नहीं आया
डिजिटल डेस्क, नागपुर. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की पिछले दिनों गुवाहाटी में हुई बैठक में 21 हजार रुपए वेतन पर ईपीएफ काटने की बात केंद्रीय न्यासी बोर्ड में जोर-शोर से उठी थी, लेकिन अब यह मुद्दा ठंडा पड़ गया है। इसे लागू करने की मांग को लेकर समय-समय पर देश भर में कामगार संगठनों ने आंदोलन किए। प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर केंद्रीय श्रम मंत्री के सामने भी यह मुद्दा उठाया गया था। केंद्रीय श्रम मंत्री की अध्यक्षता में पिछले दिनों गुवाहाटी में हुई केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक में 10 से ज्यादा मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें 21 हजार रुपए वेतन पर पीएफ काटने की बात उठी थी। देश भर में कामगार संगठनों ने इसे लागू करने की मांग करते हुए यह मुद्दा जोर-शोर से उठाया आैर आंदोलन भी किए। प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय श्रम मंत्री, केंद्रीय न्यासी बाेर्ड व ईपीएफआे कमिश्नर को निवेदन देकर यह मुद्दा उठाया गया था। सरकार द्वारा इस पर विचार करने का आश्वासन देने के बाद केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक में इस पर चर्चा हुई। फिलहाल अधिकतम 15 हजार वेतन मानकर पीएफ काटा जाता है। जितना कर्मचारी का पैसा कटता है, उतना ही पैसा नियोक्ता को भी अपनी तरफ से जमा करना होता है। पीएफ काटने की सीमा 21 हजार तक बढ़ने पर इसका लाभ सीधे कर्मचारी को होगा। इसी तरह पेंशन में फिलहाल 1250 रुपए जमा होते हैं। 21 हजार की सीमा होने पर पेंशन में भी कर्मचारी का योगदान बढ़ सकेगा। इसका लाभ सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली पेंशन में हो सकेगा।
चर्चा हुई, लेकिन सर्कुलर नहीं आया
केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक में 21 हजार पर पीएफ काटने का मुद्दा उठा था। बोर्ड की बैठक में इस पर चर्चा भी हुई। फिलहाल सरकार की तरफ से इस बारे में कोई दिशानिर्देश नहीं मिले। ईपीएफआे ने भी इस संबंध में कोई सर्कुलर जारी नहीं किया है। ज्यादा राशि पर पीएफ काटा तो इसका सीधा लाभ कर्मचारी को हो सकेगा।
Created On :   22 April 2022 4:42 PM IST