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PhD स्कॉलर को मिला पोलैंड की कांफ्रेंस में शामिल होने का मौका, यूनिवर्सिटी नहीं दे रहा मदद

डिजिटल डेस्क,नागपुर। यूनिवर्सिटी अपने विद्यार्थियों और शोधार्थियों को उच्च शिक्षा देकर उनके कैरियर को संवारने का दावा करता है, मगर 424 करोड़ रुपए के सालाना बजट वाले यूनिवर्सिटी की तिजोरी जरूरतमंद शोधार्थियों के लिए बंद नजर आ रही है। हाल ही में यूनिवर्सिटी के गणित विभाग से जुड़ा एक ऐसा ही वाकया देखने को मिला है।
विभाग के शिक्षक और PhD शोधार्थी प्रवीण कुमार का चयन पोलैंड में 25 जून से शुरू हो रही "समर स्कूल ऑन जियोमेट्रिक मेथड्स इन फिजिक्स " नामक कांफ्रेंस के लिए हुआ है। उन्हें बतौर प्रतिभागी इस आयोजन में शामिल होने का मौका मिला है, लेकिन पोलैंड आने और जाने का खर्च करीब 1 लाख रुपए है और वे निजी तौर पर इतना बड़ा खर्च नहीं उठा सकते। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उन्हें नागपुर यूनिवर्सिटी से कुछ आर्थिक मदद की दरकार है, लेकिन इसमें यूनिवर्सिटी ने उनकी कोई भी मदद करने के लिए हाथ खड़े कर दिए हैं। यूनिवर्सिटी के शोधार्थी वर्ग में यूनिवर्सिटी के इस रवैये पर आक्रोश है।
शोधार्थियों के अनुसार, दीक्षांत समारोह या अन्य कार्यक्रमों को भव्य दिव्य बनाने के लिए तो विवि लाखों रुपए खर्च करता है, मगर वाकई में विद्यार्थियों को जब जरूरत पड़ती है तो यूनिवर्सिटी मुंह मोड़ लेता है।
आयोजकों ने दी है छूट
अपने शोधार्थी को खाली हाथ लौटाने वाले विवि के उलट कार्यक्रम के आयोजकों ने प्रवीण के लिए दरियादिली दिखाई है। आयोजकों ने प्रवीण की रजिस्ट्रेशन फीस 150 यूरो और रहने का खर्च 250 यूरो (करीब 40000 रुपए) माफ करने की तैयारी दिखाई है। प्रवीण के अनुसार, उनकी आर्थिक स्थिति कुछ खास अच्छी नहीं है, इसलिए उन्होंने आर्थिक सहयता के लिए विवि को पत्र लिख कर मदद की गुहार लगाई थी। मगर यूनिवर्सिटी ने जवाब में उन्हें पत्र भेजकर उनकी सहायता करने से इनकार कर दिया है।
विद्यार्थी परिषद भी नाराज
मामले में यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी परिषद ने दखल दिया है। उन्होंने कुलगुरु को पत्र लिख कर शोधार्थी की मदद की गुहार लगाई है। विद्यार्थी परिषद सचिव विकेश तिमांडे के अनुसार, किसी शोधार्थी को ऐसे अहम कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिलना यूनिवर्सिटी और विद्यार्थी वर्ग के लिए सम्मान की बात है, लेकिन यूनिवर्सिटी का यह रवैया सही नहीं है। इस मामले को स्पेशल केस मान कर यूनिवर्सिटी को शोधार्थी की मदद करनी चाहिए।
Created On :   19 Jun 2018 11:49 AM IST