केन्ट बोर्ड को भंग करने की पीआईएल 25 हजार की कॉस्ट के साथ खारिज

PIL to dissolve cant board dismissed with cost of 25 thousand
केन्ट बोर्ड को भंग करने की पीआईएल 25 हजार की कॉस्ट के साथ खारिज
केन्ट बोर्ड को भंग करने की पीआईएल 25 हजार की कॉस्ट के साथ खारिज

डिजिटलन डेस्क जबलपुर । केन्ट बोर्ड को भंग करके नए चुनाव कराए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 25 हजार की कॉस्ट लगाकर खारिज कर दी है। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने इस याचिका को दुर्भावना से प्रेरित पाते हुए याचिकाकर्ता को कहा है कि वो दो माह के भीतर कॉस्ट की रकम मुख्यमंत्री राहत कोश में जमा कराए। यदि ऐसा नहीं होता तो यह मामला फिर से सुनवाई पर लगाया जाए, ताकि कॉस्ट की रकम याचिकाकर्ता से जमा कराई जा सके।
युगलपीठ ने यह फैसला सदर की गली नं. 5 में रहने वाले व्यवसायी आबिद हुसैन की याचिका पर दिया। इस याचिका में कहा गया था कि मौजूदा केन्ट बोर्ड का कार्यकाल पूरा होने के कारण उसे भंग कराया जाए। मामले पर हुई सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार की ओर से एएसजी जेके जैन और रक्षा मंत्रालय की ओर से अधिवक्ता विक्रम सिंह ने पक्ष रखते हुए याचिकाकर्ता पर सवाल उठाए। श्री सिंह की दलील थी कि केन्ट बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने के बाद नए चुनाव की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है, ऐसे में जनहित याचिका दायर करने का याचिकाकर्ता को कोई हक नहीं है। इतना ही नहीं, चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद उसे सिर्फ चुनाव याचिका के जरिए ही चुनौती दी जा सकती है। याचिकाकर्ता द्वारा आपत्तियों पर कोई संतोषजनक उत्तर न दिए जाने को गंभीरता से लेते हुए युगलपीठ ने कॉस्ट के साथ याचिका खारिज कर दी।
हत्या के आरोपी को उम्रकैद
गोहलपुर के गाजीनगर मैदान में एक व्यक्ति के सिर पर रॉड से हमला कर उसकी हत्या करने वाले आरोपी इरफान उर्फ चिकना को जिला सत्र न्यायालय ने उम्रकैद की सजा सुनाई है।के एडीजे पावस श्रीवास्तव ने अदालत ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। एडीजे श्रीमती पावस श्रीवास्तव की अदालत ने आरोपी पर दो हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। आरोपी इरफान उर्फ चिकना पर आरोप है कि 31 जुलाई 2017 की रात 10 बजे गाजीनगर मैदान में उसने मो. रमजान के साथ गालीगलौज करके उस पर रॉड से हमला किया था। मेडीकल में उपचार दौरान 7 अगस्त 2017 को रमजान की मौत हो गई थी। पुलिस द्वारा पेश किए गए चालान पर विचारण के बाद अदालत ने आरोपी को दोषसिद्ध पाते हुए सजा सुनाई। शासन की ओर से एजीपी अनिल तिवारी ने पैरवी की।

Created On :   22 July 2020 9:22 AM GMT

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