मुरझाए पौधों से किस तरह आएगी हाईवे पर हरियाली?

Plantation on the national highway of MP
मुरझाए पौधों से किस तरह आएगी हाईवे पर हरियाली?
मुरझाए पौधों से किस तरह आएगी हाईवे पर हरियाली?

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। नेशनल हाइवे 347 पर वनगांव से सिंगोड़ी के बीच सड़क के दोनों ओर पौध रोपण किया जा रहा है। एनएचएआई ने इसके लिए वन विकास निगम को एजेंसी बनाया है। वन विकास निगम ने पौधे लगाना शुरू कर दिया है, लेकिन आगे पाठ पीछे सपाट की तर्ज पर पौध रोपण हो रहा है। कुछ पौधे  मुरझाए हुए तो अधिकांश में सिर्फ तना नजर आ रहा है। पौधों से पत्तियां गायब हैं। ऐसे में इन पौधों के पनप पाने की स्थिति में अभी से सवाल खड़े हो रहे हैं। हालांकि अधिकारी पौध रोपण कार्य बेहतर ढंग से किए जाने की बात कर रहे हैं।

हाइवे किनारें दोनों ओर पौधे तो लगाए जा रहे हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा  के लिए ट्री गार्ड आदि की व्यवस्था नहीं की जा रही है। जिससे पौधों का सुरक्षित पनप पाना कठिन माना जा रहा है। शरारती तत्वों ने तो अभी से पौधों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है।

नेशनल हाइवे 347 के किनारे आस्ट्रेलियन बबूल समेत करीब 12 प्रजातियों के करीब 2400 पौधे लगाए जा रहे हैं। जिसमें आंवला, आम, शीशम, पीपल, कौआ और गुलमोहर समेत अन्य प्रजातियों के पौधे शामिल हैं।

वन विकास निगम के डिप्टी रेंजर राजबहादुर सिंह ने कहा कि वनगांव से जमुनिया तक 7 किमी और सिंगोड़ी नदी के पास 300 मीटर में पौधे लगाए जा रहे हैं। एक-एक मीटर के गड्ढे खोदकर पौधे लगाए जा रहे हैं। गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। गुलमोहर के कुछ पौधों को लोगों ने नुकसान जरूर पहुंचाया है, लेकिन वे पनप जाएंगे।

Created On :   16 Sep 2017 11:54 AM GMT

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