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प्लास्टिक बैन : व्यापारी ही नहीं आमजन भी संकट में, सरकार को कोस रहे व्यापारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पर्यावरण संरक्षण के लिए प्लास्टिक थैलियों पर भले ही बैन लग गया हो, लेकिन इससे व्यापारी ही नहीं आमजन के सामने भी संकट खड़ा कर दिया है। नियम के हिसाब से कार्रवाई की जाए तो शहर का कोई भी ऐसा घर नहीं होगा, जहां प्लास्टिक थैलियां न हो, ऐसे में हर घर पर कार्रवाई होगी। हालांकि समस्या को समझते हुए मनपा फिलहाल सिर्फ दुकानों पर कार्रवाई कर रही है, जिससे प्लास्टिक थैलियां बांटना बंद हो जाए। प्लास्टिक पर बैन के चलते शहर के कई दुकानदारों ने अपनी दुकानों को ही बंद कर दिया है। इसी प्रकार विदर्भ में बड़ी संख्या में फैक्ट्रियां भी बंद हो गईं हैं, जिससे मजदूरों का राेजगार भी प्रभावित हुआ है।
कागज पर बेच रहे सामान
प्लास्टिक बंद होने से दुकानदारों को बड़ी परेशानी हो गई है। कई दुकानदारों के पास करोड़ों रुपए का माल पड़ा हुआ है। प्लास्टिक बंद होने से हम कागज पर आइटम बेच रहे हैं, लेकिन लोगों को बहुत परेशानी हो रही है।
(लक्ष्मण गोदानी, आनंद किराना स्टोर)
पार्सल में सबसे अधिक समस्या
प्लास्टिक पर पाबंदी लगने से महंगाई बढ़ गई है। होटल, कैटरर्स, छोटे दुकानदार, चाय ठेला दुकानों का व्यवसाय ही खत्म हो गया है। खाने के लिए कुछ भी पार्सल मंगवाने पर दुकानदार देने की स्थिति में नहीं है। शादी या अन्य कार्यक्रम में लिया जाने वाला सामान 6 हजार की जगह 25 हजार रुपए का हो गया है।
(राहुल तोतलानी, श्री अंबिका ट्रेडर्स)
जीएसटी के साथ खरीदा सामान
हमने जो प्लास्टिक खरीदी है, उस नियमानुसार जीएसटी दी है। उसके बाद यह कार्रवाई उचित नहीं है। सरकार को कचरे से प्लास्टिक निकालने को प्रोत्साहन देना चाहिए जिससे रोजगार मिलेगा। ऐसे तो रोजगार घट जाएगा और मानसिक दवाब भी बन रहा है। दुकानदार पेपर में आटा कैसे ले जाएगा कोई विकल्प भी देना चाहिए था। सिर्फ दुकानदारों को टारगेट कर वसूली की जा रही है।
(सागर गोदानी, सागर प्रोविजन स्टोर)
व्यापार चलाना मुश्किल
छोटे दुकानदारों और पैकिंग वाले व्यापारियों को व्यापार ही खत्म हो गया है। कैटरर्स और किराना दुकानदारों को व्यवसाय करने में खासी परेशानी आ रही है। 5 किग्रा शक्कर यदि देनी है तो बिना पॉलीथिन के कैसे ग्राहक को देंगे। प्लास्टिक को बंद करके दुकानदारों के साथ ही आमजन के लिए एक बड़ी समस्या खड़ी कर दी है।
(भोलेनाथ बेकरी, पाबंदी में विरोधाभास )
पहले विकल्प दें
एक ओर फैक्टरी के मैन्युफैक्चरर को 50 माइक्रॉन से अधिक की प्लास्टिक की पैकिंग पर छूट दी गई है, वहीं दूसरी ओर सामान्य निर्माता को उसमें छूट नहीं दी गई। इतना ही नहीं 50 माइक्रॉन से अधिक की पॉलीथिन को सामान्य व्यक्ति उपयोग में भी नहीं ला सकता है। इसमें विरोधाभास है, पहले हमें विकल्प देना चाहिए था।
(कौस्तव चटर्जी, संस्थापक, ग्रीन विजिल फाउंडेशन)
करोड़ों रुपए का नुकसान
प्लास्टिक बंद से हर रोज करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। शहर में 200 से अधिक दुकानदार और फैक्टरी हैं, जिस पर प्लास्टिक बंद का सीधा असर पड़ा है। इतना ही नहीं यहां काम करने वाले मजदूर भी बेरोजगार हो गए हैं।
(हरीश मंत्री, सचिव, विदर्भ प्लास्टिक मैन्युफेक्चरर एसोसिएशन)
कार्यालय में जमा करें प्लास्टिक
जिनके पास भी प्लास्टिक है, वह मनपा कार्यालय में जाकर जमा कर सकता है। सुविधा के लिए सभी जोन के नंबर दिए जाएंगे। इन नंबरों पर सूचित किया जा सकता है। घर से मनपा कार्यालय के बीच प्लास्टिक के साथ यदि कोई व्यक्ति पकड़ा जाता है तो उस पर जुर्माने की कार्रवाई नहीं की जाएगी, लेकिन यह कॉल किए गए नंबर के सत्यापन के बाद होगा।
(जयंत दांडेगांवकर, उपायुक्त मनपा)
Created On :   27 Jun 2018 12:57 PM IST