थियेटर से कलाकारों में मिलता है प्लेटफार्म, दर्शक भी होते हैं आकर्षित : जोशी

Platform gets in the cast from theater, audiences are also attracted
थियेटर से कलाकारों में मिलता है प्लेटफार्म, दर्शक भी होते हैं आकर्षित : जोशी
थियेटर से कलाकारों में मिलता है प्लेटफार्म, दर्शक भी होते हैं आकर्षित : जोशी

 डिजिटल डेस्क, नागपुर। नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा ने नाटककारों और थियेटर के कलाकारों को प्लेटफॉर्म दिया है। बदलते रुझानों के बावजूद एक कला के रूप में थियेटर समय की कसौटी पर खरा उतरा है। आज भी थियेटर दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। थियेटर अभिव्यक्ति का एक सर्वश्रेष्ठ माध्यम है, जो कई लोकप्रिय ट्रेंड्स के हमले के बावजूद अपना अस्तित्व कायम रख पाया है। भारत रंग महोत्सव जैसे प्लेटफॉर्म की वजह से दर्शकों को थियेटर के मास्टरपीस कहे जाने वाले सर्वश्रेष्ठ नाटकों को देखने का मौका मिला है। यह बात थियेटर के वरिष्ठ अभिनेता मधु जोशी ने कही। वे 21वें भारत रंग महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे।

विदेशी नाटकों का मंचन भी
भारत रंग महोत्सव का शुभारंभ शंकर नगर स्थित साईं सभागृह में किया गया। उद्घाटन समारोह में मुंबई के विजन ग्रुप द्वारा ‘एक झुंज वार्याशी’ नाटक का मंचन किया गया। नाटक को पी. एल. देशपांडे ने लिखा है और श्रीनिवास नार्वेकर ने निर्देशित किया है। महोत्सव में 5 भारतीय और 2 विदेशी नाटकों का मंचन किया जाएगा। भारतीय नाटकों में 2-2 नाटक मराठी और बंगाली में हैं, जबकि एक नाटक हिंदी में है। अमेरिकी और रूसी नाटकों का मंचन क्रमश: अंग्रेजी और रूसी भाषाओं में किया जाएगा।

नाटकों को लोगों तक पहुंचाना मकसद
समारोह में मौजूद नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के प्रभारी निदेशक सुरेश शर्मा ने मेहमानों का आभार जताया और थियेटर की राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय जगत से समारोह में शामिल होने आए लोगों की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत रंग महोत्सव  का मकसद बेहतरीन आधुनिक और क्षेत्रीय भाषा के नाटकों को एक बड़े दर्शक वर्ग तक पहुंचाना है। हमें थियेटर और नाटकों की अहमियत को फिर उभारने और परफॉर्मिंग आटर्स के विविध रूपों की संस्कृति को बढ़ावा देने की उम्मीद है।

नाटक की कहानी
‘एक झुंज वार्याशी’ में एक गुमनाम आम आदमी एक मंत्री से समय लेकर उससे मिलने पहुंचता है और किसी दूसरे व्यक्ति के साथ की गई नाइंसाफी के लिए उससे आमने-सामने इस्तीफे की मांग करता है। वह इस संबंध में सारे सबूत मंत्री के सामने रखते हुआ कहता है कि उन्हें अब इस्तीफा दे देना चाहिए। आम आदमी और मंत्री के बीच तर्क-वितर्क शानदार नाटक का मूल विषय है। नाटक की आत्मा सियासी और नौकरशाही व्यवस्था का मशीनीकरण है। यह रूसी नाटककर ब्लादेन दोजोरत्सेव के नाटक ‘द लास्ट अप्वॉइंटमेंट का मराठी रूपांतरण है। रूपांतरण मराठी नाटककार पी.एल. देशपांडे ने किया है। 
 

Created On :   10 Feb 2020 3:19 PM IST

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