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दैनिक भास्कर हिंदी: पीएमसी बैंक मामला : दिल्ली में खाताधारकों ने किया घोराव, न्यायिक हिरासत में भेजे गए घोटाले के आरोपी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंजाब एंड महाराष्ट्र को-आपरेटिव (पीएमसी) बैंक से निकासी की सीमा पर प्रतिबंध लगाए जाने के साथ-साथ इसमें वित्तीय घोटाले की खबरों से घबराए दिल्ली के खाताधारकों ने बुधवार को रिजर्व बैंक के सामने विरोध प्रदर्शन किया। पीएमसी बैंक पीडित संघ के तहत संगठित हुए पीएमसी के सैंकडों खाताधारकों ने रिजर्व बैंक के गवर्नर शशिकांत दास से शीघ्र हस्तक्षेप कर उनका बैंक में जमा धन शीघ्र लौटाने की मांग उठाई। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने संगठन की ओर से पीएमसी बैंक के पुन: प्रवर्तन, बैंक में खाताधारकों जमा धन की सुरक्षा के साथ अपनी विभिन्न 5 मांगों से संबंधित रिजर्व बैंक के सहायक महाप्रबंधक रविंद्र भार्गव को एक ज्ञापन भी सौंपा। संगठन के पदाधिकारियों की ओर से आरबीआई के गवर्नर से मुलाकात का समय मांगा गया। इसके लिए संगठन के 6 सदस्यों की एक समिति बनाई गई जो इस मसले पर आरबीआई गवर्नर से बातचीत करेंगे। हालांकि प्रदर्शनकारियों ने इस मसले पर सहायक महाप्रबंधक रविंद्र भार्गव से बात करनी चाही, लेकिन उन्होने भी संगठन के पदाधिकारियों से बात करना जरुरी नही समझा और बैंक के गेट पर ही उनका ज्ञापन लेकर उन्हे बैंक के बाहर कर दिया गया। संगठन के पदाधिकारी रविंद्र झा के अनुसार दिल्ली की 6 शाखाओं में लगभग 1 लाख बैंक खाते है। उन्होने कहा कि कई खाताधारकों की जीवनभर की कमाई पीएमसी बैंक में जमा है। ऐसे में उनके धन की सुरक्षा की जिम्मेदारी आरबीआई की है। क्योंकि बैंक आरबीआई के अधिन कार्यरत है। पर आरबीआई का मामले में गैर जिम्मेदाराना रवैया नजर आ रहा है। निकासी पर प्रतिबंध लगाने के कारण खाताधारकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हम अपना पैसा कतई नही छोडेंगे। इसके लिए संगठन सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटायेगा।
न्यायिक हिरासत में भेजे गए घोटाले के आरोपी
उधर मुंबई की एक स्थानीय अदालत ने पंजाब महाराष्ट्र को-आपरेटिव बैंक (पीएमसी) घोटाला मामले के तीन आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। जिन आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा है उनमे हाउसिंग डेवलपमेंट इनफ्रास्ट्रक्चर (एचडीआईएएल) के निदेशक राकेश वाधवान व उनके बेटे सारग तथा बैंक के पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह का नाम शामिल है। कोर्ट ने पहले तीनों आरोपियों को 16 अक्टूबर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेजा था। जिसकी अवधि बुधवार को समाप्त हो गई। इसलिए तीनों आरोपियों को मैजिस्ट्रेट एसजी शेख के सामने पेश किया गया। पुलिस की ओर से पेश किए गए हिरासत आवेदन पर गौर करने के बाद मैजिस्ट्रेट ने तीनों आरोपोयों को 23 अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पीएमसी के करोड़ो रुपए के घोटाले को लेकर मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने राकेश वाधवान व उनके बेटे सारंग को तीन अक्टूबर को गिरफ्तार किया था जबकि वरियम सिंह को पांच अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने इस मामले में बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक जॉय थामस को गिरफ्तार किया है। थॉमस अभी भी पुलिस हिरासत में है।
एक और आरोपी हिरासत में
पीएमसी बैंक घोटाला मामले में मुंबई पुलिस ने सुरजीत सिंग अरोरा नाम के एक और बैंक अधिकारी को हिरासत में लिया है। अरोरा इस मामले में पुलिस के शिकंजे में फंसने वाला बैंक का तीसरा अधिकारी है। इसके अलावा एचडीआईएल कंपनी के दो अधिकारियों को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। छानबीन के दौरान घोटाले में अरोरा की भूमिका सामने आने के बाद अरोरा को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
महिला डॉक्टर ने कर ली थी आत्महत्या
इससे पहले मंगलवार को अंधेरी में रहनेवाली एक महिला डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली थी। जिस महिला डॉक्टर ने आत्महत्या की है बताया जा रहा है कि उनके पीएमसी बैंक खाते में एक करोड़ रुपये से ज्यादा थे। हालांकि अभी तक साफ नहीं है कि क्या डॉक्टर ने इसी वजह से आत्महत्या की या इसके पीछे कोई और वजह है। पुलिस के मुताबिक आत्महत्या करने वाली डॉक्टर योगिता बिजलानी डिप्रेसन से जूझ रहीं थी। उनकी मौत ज्यादा मात्रा में नींद की गोलियां खाने के चलते हुई है। वर्सोवा पुलिस ने एडीआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। बिजलानी के पति अमेरिका में रहतें हैं और वे अपने 18 महीने के बच्चे के साथ अंधेरी में रहने वाले अपने माता पिता से मिलने आयीं थी। उनके पिता ने अपने बयान में बताया है कि बिजलानी अमेरिका में भी आत्महत्या की कोशिश कर चुकीं थी। मंगलवार को ज्यादा नींद की गोलियां खा लेने के बाद उनके पिता उन्हें अस्पताल ले गए लेकिन दाखिल करने से पहले डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
क्लोजिंग बेल: सेंसेक्स 433 अंक चढ़कर बंद हुआ, निफ्टी 15,800 के पार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। नए व्यापारिक सप्ताह के प्रथम दिन सोमवार को भारतीय शेयर बाजार तेजी के साथ खुले तथा ऊपर की चाल बनाये रखी। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा के अनुसार मुद्रास्फिति के विरुद्ध लड़ाई लंबी खिंच सकती है। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के द्वारा उठाये गए कदमों से खुदरा महंगाई रिजर्व बैंक के मध्य अवधि के लक्ष्य 2 से 6 प्रतिशत आने में 2 वर्षो का समय लग सकता है।
सेंसेक्स आज 433.30 अंक यानी कि 0.82 प्रतिशत बढ़ 53161.28 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी में 132.80 अंक यानी कि 0.85 प्रतिशत की वृद्धि रही एवं 15832.05 पर बंद हुआ।
जबकि बैंक निफ्टी ने 0.55 प्रतिशत के लाभ के साथ 33811.25 पर समाप्ति दी। निफ्टी के भारी भरकम शेयरों ने तेजी में सर्वाधिक योगदान दिया जिसने निफ्टी के 15800 से ऊपर बंद होने में सहायता की।काफी समय के बाद सभी क्षेत्र विशेष सूचकांक हरे रंग में रहे। तेजी में सर्वाधिक योगदान निफ्टी सीपीएसई तथा आईटी का रहा जहां क्रमशः 2 प्रतिशत की बढ़त रही।
निफ्टी के शेयरों में अपोलो हॉस्पिटल, आयशर मोटर तथा एचडीएफसी लाइफ सबसे अधिक बढ़े। निफ्टी के ओपन इंटरेस्ट डेटा में, कॉल में सर्वाधिक ओपन इंटरेस्ट 16000 निफ्टी पर, उसके पश्चात 16200 पर है। पुट में सर्वाधिक ओपन इंटरेस्ट 15500, फिर 15700 पर है।बाजार की दिशा लघु अवधि में तेजी की रह सकती है, साथ ही ऊंचे स्तरों पर लाभ ले लेने की प्रवृति भी दिख सकती है क्योंकि फ्यूचर ऑप्शन के सौदों का मासिक कटान निकट आ रहा है।
तकनीकी रूप से निफ्टी इस सप्ताह 16000 से ऊपर टिक जाता है तो तेजी में तीव्रता आ सकती है। गिरावट में 15500 निफ्टी का न टूटना तेजी के क्रम को बनाये रखने के लिये आवश्यक है। यदि निफ्टी 15350 का स्तर तोड़ देगा तो तेजी की अवधारणा परिवर्तित हो जाएगी। बैंक निफ्टी का सपोर्ट 33000 पर है तथा अवरोध 34500 है। आने वाले दिनों में क्रूड, यूएस डॉलर, सोना के भाव भारतीय शेयर बाजारों के उतार चढ़ाव को प्रभावित करेंगे, बाजार की दिशा निर्धारित करेंगे।
ओम मेहरा
रिसर्च एसोसिएट
चॉइस ब्रोकिंग (Choice Broking)
Source: Choice India
संभागीय युवा संवाद: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कृषि विभाग द्वारा संभागीय युवा संवाद का आयोजन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कृषि संकाय एवं समर्थ आत्मनिर्भर भारत केन्द्र तथा पशुपालन एवं डेयरी विकास विभाग, म.प्र. शासन के संयुक्त तत्वावधान में संभागीय युवा संवाद का आयोजन किया गया। इस मौके पर पशु चिकित्सा विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. एस. के. परनाम विशेष रूप से उपस्थित थे। उन्होंने संभागीय युवा संवाद कार्यक्रम आयोजन के महत्वों पर प्रकाश डाला और विद्यार्थियों से आव्हान किया कि वे पशु चिकित्सा एवं डेयरी विकास विभाग की समस्त योजनाओं में से स्वरोजगार हेतु योजना चुने और विभाग के एक्सपर्ट अधिकारियों का मार्गदर्शन लेकर अपनी इकाई स्थापित करें। वहीं दुग्ध संघ भोपाल से डॉ. अंजली खरे द्वारा छात्रों एवं फैकल्टी सदस्यों को दुग्ध संकलन एवं दुग्ध वितरण गतिविधियों में उपलब्ध स्वरोजगार की संभावनाओं की विस्तृत जानकारी दी तथा उन्हे आगे बढ़ने हेतु प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर डाॅ. परनाम ने विश्वविद्यालय परिसर में विद्यार्थियों हेतु कड़कनाथ मुर्गी की डिमान्स्ट्रेशन इकाई स्थापित करने की इच्छा जताई। अंत में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने मुख्य वक्ताओं से अनेक प्रश्न किए और संकाओं का समाधान किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में विश्वविद्यालय के कृषि संकाय के डीन डॉ. अनिल कुरचानिया द्वारा स्वागत उद्बोधन दिया गया। वहीं अंत में डॉ. अशोक वर्मा, विभागाध्यक्ष ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। कार्यक्रम का समन्वय और मंच संचालन श्री एम.ई. खान द्वारा किया गया।
मूवर्स और पैकर्स: कैसे एश्योरशिफ्ट ने भारत में स्थानांतरण के अनुभव को बेहतर बनाया है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। देश में बढ़ती जनसंख्या, शैक्षिक प्रगति और मूल तोर से नौकरी के अवसर के कारण, देश के अंदर और विदेश के कई शहरों में, प्रवास करने वाले अन्य शहरों के लोगों की संख्या उल्लेखनीय मत्रा से वृद्धि पाई है।
इस कारण से स्थानांतरण सेवा के मांग में तेजी से वृद्धि हुई। कई पैकर्स एंड मूवर्स कंपनियों की स्थापना भी हुई है जो घर, कार्यालयों के सामना, कार, बाइक, आदि को स्थानांतरित करने के लिए आवश्यक सेवाएं प्रदान करती हैं। हालांकि, किसी भी नए उत्पाद के साथ, कई नकली और गैर-पेशेवर चलती कंपनि स्थापित होते हैं। धीरे-धीरे भारतीय स्थानांतरण बाजार में इस तरह के कंपनि आकर बेहद कम लागत वाली कोटेशन की पेशकश करके निर्दोष ग्राहकों का शिकार करना शुरू कर दिया। वे गुणवत्ता सेवाओं, अतिरिक्त सहायता आदि जैसे कई वादे करते हैं, लेकिन अंत में अक्सर ग्राहकों के पैसे और सामान लूट लेते हैं।
स्व-चलन के साथ आने वाली कठिनाइयों और जोखिमों को ध्यान में रखते हुए, पेशेवर स्थानांतरण सेवा प्रदाताओं को नियुक्त करने की सलाह दी जाती है लेकिन कंपनी के इतिहास और पृष्ठभूमि की जांच कर लेने के बाद। आपको एक पैकर्स मूवर्स कंपनी के पंजीकरण दस्तावेजों और पहले के ग्राहकों की कई समीक्षाएं पढ़ कर, उनका व्यापक शोध करना चाहिेए। लेकिन सामान्य ज्ञान के अनुसार, दस्तावेज़ीकरण, कंपनी विवरण, कार्यालय स्थान आदि की पुष्टि करना आसान काम नहीं है और पहली बार जांच करने वाले के लिए अत्यधिक समय लग सकता है।
प्रत्येक ग्राहक पहली कोशिश में अपने निकट के ईमानदार पैकर्स एंड मूवर्स कंपनी से संपर्क कर रहा है और बाजार में धोखाधड़ी सेवा प्रदाताओं का खात्मा हो रहा है, यह सुनिश्चित करने के लिए एश्योरशिफ्ट की स्थापना की गई थी।
AssureShift Packers and Movers एक मानक बन गया है यह भारत का सबसे अच्छी ऑनलाइन पैकर्स और मूवर्स निर्देशिका है, जिसमें 25 से अधिक शहरों के शीर्ष पैकर्स और मूवर्स की सूची है। 2017 की शुरुआत में लॉन्च होने के बाद से, एश्योरशिफ्ट ने देश भर में 50,000 से अधिक परिवारों और व्यक्तियों को सफलतापूर्वक स्थानांतरित किया है। हमारे पार्टनर पैकर्स और मूवर्स के पास पर्याप्त अनुभव है और वे घरेलू सामान पैकिंग और मूविंग, कार ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज, बाइक शिफ्टिंग सर्विसेज, ऑफिस शिफ्टिंग आदि जैसे सभी प्रकार के सामानों को स्थानांतरित करने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं। हम सुनिश्चित करते हैं इस दौरान हमारी पार्टनर कंपनियां उच्च गुणवत्ता वाली सेवाओं, किफायती शुल्क, समय पर घर से पिकअप और डिलीवरी, पेशेवर व्यवहार जैसे पूर्ण ग्राहक सहायता का आश्वासन दे रही हैं।
एक बार जब ग्राहक पूछताछ फॉर्म भरते हैं, तो मुश्किल से 10 क्लिक के भीतर, एश्योरशिफ्ट निर्दिष्ट स्थानांतरण आवश्यकताओं के अनुसार ग्राहक के निकटतम 3 शीर्ष पैकर्स एंड मूवर्स कंपनियों को संदर्भित करता है। ग्राहक सटीक स्थानांतरण शुल्क प्राप्त करने के लिए प्री-मूव सर्वेक्षण कर सकते हैं और दरों, प्रोफाइल, समीक्षाओं और रेटिंग की तुलना करके सबसे उपयुक्त पैकर्स और मूवर्स कंपनी के साथ सौदा कर रहे हैं।
एश्योरशिफ्ट का 4-चरणीय तरीका एक सुनिश्चित स्थानांतरण के लिए
#1 पूर्ण तरह से बैकग्राउंड की जांच
एक पैकर्स और मूवर्स कंपनी की विश्वसनीयता साबित करने वाले मुख्य कागज-पत्र में से एक यह है कि उनके पास सरकार द्वारा दिए गए आवश्यक पंजीकरण दस्तावेज होना चाहिए। एश्योरशिफ्ट निम्न प्रकार से जाँच करके स्थानांतरण सेवा प्रदाताओं की पूरी गहराई से पृष्ठभूमि का सत्यापन करता है:
- कंपनी जीएसटी पंजीकरण,
- कार्यालय सेटअप, स्थान और प्रमाण,
- ओनर आईडी प्रूफ,
- संपर्क विवरण,
- ग्राहक प्रतिक्रिया के साथ पूर्व कार्य अनुभव,
- Google रेटिंग और समीक्षाएं।
एश्योरशिफ्ट ग्राहकों को परेशानी मुक्त और विश्वसनीय पैकिंग मूविंग सेवाएं प्रदान करने और उनके स्थानांतरण के अंत में 100% संतुष्टि की सुनिश्चित करता है।
#2 बजट के अनुकूल दरों पर सर्वोत्तम मिलान वाली सेवाएं
हमारे पार्टनर पैकर्स एंड मूवर्स के पास रिलोकेशन सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शन करने का अच्छा अनुभव है और ग्राहकों की आवश्यकता के अनुसार किसी भी आइटम को स्थानांतरित करने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं। वे शुरू से अंत तक पूरी प्रक्रिया को संभालने में सक्षम हैं, यानी, एक अच्छी तरह से नियोजित रणनीति तैयार करना, पैकिंग, लोडिंग, पूरी सुरक्षा के साथ वस्तुओं का परिवहन, और गंतव्य पर अनलोडिंग और अनपैकिंग करना।
युक्ति: भारत में सबसे सटीक पैकर्स और मूवर्स शुल्क प्राप्त करने के लिए (किसी भी आइटम को देश में किसी भी स्थान पर ले जाने के लिए), हमेशा एक भौतिक प्री-मूव सर्वेक्षण अनुरोध करें। जब मूवर्स व्यक्तिगत रूप से वस्तुओं का सर्वेक्षण करते हैं, तो उन्हें सटीक आवश्यकताओं का बेहतर विचार मिलता है और वे स्थानांतरण लागत की अधिक सटीक गणना करने में सक्षम होते हैं।
#3 लाइटनिंग-फास्ट रिस्पांस और एंड-टू-एंड सपोर्ट
एश्योरशिफ्ट ग्राहकों के किसी भी प्रश्न का तुरंत जवाब देकर आपके हर कदम को परेशान मुक्त बनाने के लिए निरंतर काम करता है।
- फॉर्म जमा करते ही ग्राहकों को तुरंत रेफर किए गए मूवर्स की पूरी जानकारी मिल जाएगी।
- हमारे मूवर्स भी जल्दी से स्थानांतरण लागत का अनुमान लगाते हैं या भौतिक पूर्व-चाल सर्वेक्षण के लिए घर भी आ सकते हैं।
- एश्योरशिफ्ट के उपयोग सेआसान इंटरफेस के साथ, कई मूवर्स के विवरणों की तुलना कम समय में आसानी से की जा सकती है (जैसे, चेकिंग शुल्क, सेवाओं की पेशकश, रेटिंग, समीक्षा, आदि)।
साथ ही, एश्योरशिफ्ट सुनिश्चित करता है कि ग्राहकों को पूरी स्थानांतरण प्रक्रिया के दौरान आवश्यक समर्थन मिले, यानी अनुरोध जमा करने के समय से लेकर सामान की अंतिम डोरस्टेप डिलीवरी तक।
# 4 नियमित प्रतिक्रिया और गुणवत्ता संरक्षण
एश्योरशिफ्ट ग्राहकों की पूर्ण संतुष्टि सुनिश्चित करने के लिए काम करता है। ग्राहकों से नियमित फीडबैक लेने से संभावित ग्राहकों को अच्छी तरह से सूचित निर्णय लेने में मदद मिलती है और साथ ही साथ हर दिन काम करने की प्रक्रिया में सुधार होता है। एश्योरशिफ्ट को ग्राहकों द्वारा सामना की स्थानांतरण के समय आने वाली विभिन्न समस्याओं जैसे कि अचानक मूल्य वृद्धि, सामान का नुकसान, स्थानांतरण के दौरान मूवर्स के अनैतिक व्यवहार पता चलता रहता है।
प्राप्त शिकायतों की गंभीरता के आधार पर, एश्योरशिफ्ट सेवा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए आवश्यक कार्रवाई करता है, :जैसे
- गैर-पेशेवर मूवर्स और पैकर्स को अस्थायी रूप से निलंबित या वेबसाइट से उनके व्यावसायिक प्रोफाइल को स्थायी रूप से हटाकर दंडित करना, साथ ही साथ
- लिस्टिंग में उच्च रैंक मैं रख के शीर्ष प्रदर्शन करने वाली कंपनियों को पुरस्कृत करना ।
निष्कर्ष के तौर पर
एश्योरशिफ्ट समझती है कि कई सारे सामान ले जाना जोखिम भरा हो सकता है और वित्तीय, मानसिक और शारीरिक दबाव पैदा कर सकता है, खासकर बिना किसी पूर्व अनुभव से किया गया हो तो। इसके अलावा, बहुत से ग्राहक वास्तव में भरोसेमंद स्थानांतरण सेवा प्रदाताओं को किराए पर लेने का सही तरीका भी नहीं जानते हैं। और तो और क्योंकि वर्तमान समय में कई धोखाधड़ी करने वाली कंपनियां भी बाजार में स्थापित हैं।
धोखेबाज पैकर्स और मूवर्स को खत्म करने के मिशन के साथ, एश्योरशिफ्ट ने स्थानांतरण कंपनियों के काम काज़ की प्रक्रिया में सुधार लाई हे, और इसके परिणामस्वरूप, भारत में पैकिंग और स्थानांतरित करने की प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव आया है। एश्योरशिफ्ट के माध्यम से जाने का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि भरोसेमंद पैकर्स और मूवर्स ढूंढना आसान हो जाता है, और बजट के अनुसार सही कंपनी मिनटों के अंदर मिल जाता है।
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