PNB अधिकारी सहित 5 पर केस दर्ज, प्रापर्टी के मामले में फंसे

PNB SCAM : Case filed against 5 officials of bank
PNB अधिकारी सहित 5 पर केस दर्ज, प्रापर्टी के मामले में फंसे
PNB अधिकारी सहित 5 पर केस दर्ज, प्रापर्टी के मामले में फंसे

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  पीएनबी घोटाला उजागर होने के बाद इससे जुटे कई खुलासे हो रहे हैंं। नाागपुर पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारी की लापरवाही भी एक मामले में उजागर हुई है। संपत्ति खरीदी-बिक्री के मामले में बैंक अधिकारी समेत 5 लोगों के खिलाफ गुरुवार को कोतवाली थाने में प्रकरण दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है।

ये हैं आरोपी
आरोपियों में पंजाब नेशनल का बैंक का संबंधित अधिकारी के अलावा भाविक जगत कुमार पारेख (35), जगत कुमार पारेख, नीलम जगत कुमार पारेख (सभी सीताराम अपार्टमेंट, क्वेटा कालोनी निवासी) और प्रवेश कमल किशोर अग्रवाल (26) इतवारी निवासी हैं।

लापरवाही ऐसे आई सामने
अनापत्ति प्रमाण-पत्र नीलेश के नाम से था, मगर नीलेश को देने की बजाय उसे भावेश को थमा दिया गया। नीलेश को इसकी जानकारी तक नहीं थी। इस कारण भावेश ने नीलेश से सौदा होने और उससे 11 लाख रुपए लेने के बाद भी उसी फ्लैट का सौदा प्रवेश कमल किशोर अग्रवाल से किया और उसे फ्लैट बेच दिया। घटित प्रकरण में संबंधित बैंक अधिकारी की लापरवाही उजागर हुई है। उसके भी खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। जांच जारी है।

यह है मामला
पारेख परिवार का फ्लैट पंजाब नेशनल बैंक में गिरवी था। पारेख परिवार ने कर्ज की कुछ किस्तें बैंक में जमा की, बाद में भरना बंद कर दिया। बैंक कार्रवाई करती, इसके पहले ही पारेख परिवार ने वह फ्लैट बिक्री के लिए निकाला। बिल्डर नीलेश सीतारामजी हरले (36) न्यू सुभेदार ले-आउट निवासी से इसका सौदा किया। नीलेश ने पारेख परिवार को करीब 11 लाख 22 हजार रुपए पंजाब नेशनल बैंक में कर्ज चुकता करने के तौर पर जमा कर दिए। इसके बाद में बैंक ने फ्लैट बिक्री के लिए अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी कर दिया। 

और भी लगा चूना
वाहन खरीदी की आड़ में पिता-पुत्रों समेत आधा दर्जन लोगों ने पीएनबी को लाखों का चूना लगाया है। प्रकरण दर्ज किया गया है। माधव सुभाष बाबलसरे, दीपक नत्थूूजी इंगले, तुषार रमेश पाटने, संजय सुभाष बाबलसरे, सुभाष बाबलसरे और महेश तांदेकर तथा उनके साथी।  
26 अप्रैल 2014 को आरोपियों ने सेमिनरी हिल्स स्थित पंजाब नेशनल बैंक में कार लोन के लिए आवेदन किया। प्रबंधक ज्ञानदेव निमजे ने आवेदन मंजूर कर 9 लाख का कर्ज दे दिया। बाद में बैंक ने दस्तावेजों की पड़ताल की तो फर्जीवाड़े का पता चला। दरअसल, कर्ज देने के पहले ही दस्तावेजों की पड़ताल होनी चाहिए थी, इसलिए संबंधित अधिकारी की लापरवाही भी उजागर हुई है। प्रकरण दर्ज किया गया है। मगर अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। 

 

Created On :   24 Feb 2018 2:07 PM IST

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