- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- नागपुर
- /
- एक से बढ़कर एक पारंपरिक परिधान में...
एक से बढ़कर एक पारंपरिक परिधान में नजर आए स्कूली बच्चे, लकड़ी के बैलों को भी खूब सजाया
डिजिटल डेस्क, नागपुर। आंखों में चमक, त्यौहार का उत्साह लिए मासूम बच्चे तस्वीर में बेहद खुश नजर आ रहे हैं। यह मौका है कामठी रोड, टेका नाका स्थित सायोना पब्लिक स्कूल में पोला उत्सव का, जहां छात्र-छात्राएं महाराष्ट्र के पारंपरिक परिधान में दिखाई दिए।
कार्यक्रम के दौरान फूड स्टॉल पर काफी भीड़ देखी गई। बच्चों सहित पैरेंट्स ने खूब इंजॉय किया। पानी पूरी, समोसे और साउथ इंडियन फूड लोगों को काफी पसंद आया। ऐसे में संतरा नगरी का चना पोहा भी कहां पीछे रहता, कार्यक्रम खत्म होने तक ज्यादातर फूड स्टॉल खाली हो चुके थे। पैरेंट्स ने खाने का जमकर लुत्फ उठाया।
स्कूल की शिक्षक गुरविन्दर कौर विरदी ने बताया कि किसान खेती के लिए बैलों का प्रयोग करते हैं। इसलिए किसान बैलों को धन्यवाद करते हैं, यही कारण है कि किसान पोला त्यौहार उत्साह से मनाते हैं। बच्चों में इसे लेकर खासा उत्साह रहता है, इसलिए बच्चों को इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है।
मुख्य अतिथि गौरव नामजोशी और शिक्षक तजिन्दर सिंह ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस दौरान गौरव नामजोशी ने कहा कि छात्रों ने काफी मेहनत कर लकड़ी के बैलों को सजाया था, ऐसे में कौन नंबर वन है, इसका चयन करना भी कोई आसान नहीं था।
कक्षा पहली के हर्ष कुडबे प्रथम पुरस्कार विजेता रहे
दूसरा पुरस्कार ऋषि माउतकर को मिला
तीसरा पुरस्कार श्रावरी कुकड़े ने हासिल किया
तीसरे ही नंबर पर मेहर धारमिक भी रहे
देखा जाए तो हमारा देश किसान प्रधान देश है, इसके मद्दे नजर आयोजन को ग्रामीण थीम में पेश किया गया, जिस तरह किसान मेहनत कर सब्जी उगाते हैं, फिर उसे बाजार में बेचा जाता है, जिससे उनके घर में पैसा भी आता है और हमारी अर्थ व्यवस्था को भी इसी किसानी ने बचा कर रखा है।
स्कूल की प्रधानाचार्य डॉ. वैशाली पाटिल ने बताया कि इसके लिए बच्चों ने पहले से ही तैयारी शुरु कर दी थी, स्कूल परिसर में बच्चों ने स्टॉल लगाए, जिसमें सब्जी मंडी और फूड स्टॉल आकर्षण का खास केंद्र थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सहित प्रधानाचार्य डॉ. वैशाली पाटिल और टीचिंग स्टाफ ने बच्चों का खूब हौंसला बढ़ाया।
बच्चों को सजा-धजा देख लग रहा था मानो जीवन के असल रंग यहीं हैं। बच्चे एक से बढ़कर एक लकड़ी के बैल सजा कर लाए थे, साथ ही पूरण पोली का प्रसाद भी रखा गया था।
Created On :   29 Aug 2022 7:50 PM IST