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बात-बात पर लोगों को चालान थमाने वाली पुलिस खुद ही कर रही नियमों का उल्लंघन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। यातायात नियमों का पालन करवाने वाला पुलिस का यातायात विभाग ही नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है। विभाग के कई सारे निजी वाहनों पर पुलिस लिखा हुआ है। अन्य गैर-सरकारी वाहनों पर भी व्यक्ति का पद अथवा विभाग लिखा हुआ है। यह यातायात नियमों के खिलाफ है। मगर कभी यातायात विभाग ने इस दिशा में ठोस कदम नही उठाया है। माना जा रहा है कि अगर विभाग कार्रवाई करता भी है, सबसे ज्यादा गाज पुलिस विभाग के ही लोगों पर गिर सकती है।
रौब झाड़ने का हथकंडा : यातायात नियमों के तहत निजी वाहनों पर व्यक्ति का पद अथवा विभाग लिखना अपराध है। ऐसा लिखने से माना जा रहा है कि वह व्यक्ति खुद का रोब झाड़ने अथवा िकसी को प्रभावित करने के लिए ऐसा कर रहा है। इस कारण यातायात विभाग उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। देखने में आया है कि पुलिस विभाग के कई निजी दोपहिया तथा चार पहिया वाहनों पर पुलिस लिखा हुआ है। इतना ही नहीं, विधायक, सांसद, गट नेता, सामाजिक, राजनीतिक संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों के भी वाहनों पर उनके पद को संबोधित करता हुआ शब्द लिखा रहता है, जो इस नियम के अनुसार गलत है।
जिस तरह से हेलमेट या फिर अन्य कारणों को लेकर ट्रैफिक पुलिस चालानी कार्रवाई करती है, वैसी कार्रवाई ऐसे मामलों में नहीं देखी जाती है या फिर कम देखी जाती है। माहिती अधिकार के तहत प्राप्त हुई जानकारी में यह बताया गया है कि ऐसे मामले में पहली बार पकड़े जाने पर 500 रुपए तथा दूसरी बार पकड़े जाने पर 1500 रुपए का जुर्माना ठोकने का अधिकार यातायात विभाग को है। विभाग ऐसा लिखने वालों के खिलाफ कार्रवाई करता है तो अन्य सरकारी और गैर-सकारी विभाग के लोगों पर तो गाज िगरेगी ही, लेकिन सबसे ज्यादा पुलिस विभाग के लोगों को ही कार्रवाई की चपेट में आने की संभावना है।
रिकॉर्ड के अनुसार, चालू वर्ष के इन चार महीनों के भीतर स्थानीय यातायात विभाग ने 1 जनवरी से 22 अप्रैल 2022 के बीच शहर भर मंे 22 लाख 12 हजार 121 बीना हेलमेट, डार्क फिल्म लगाने वाले 4 हजार 8 लोगों के खिलाफ कार्रवाई हुई है और सबसे कम निजी वाहनों पर नाम लिखने वाले मात्र 57 लोगों के खिलाफ कार्रवाई हुई है।
Created On :   25 April 2022 5:16 PM IST