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फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाला आरोपी गिरफ्तार, 72 रबर स्टैंप जब्त

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अंबाझरी इलाके स्थित किराए के मकान में फर्जी प्रमाणपत्र बनाने वाले कारखाने पर पुलिस ने छापा मारा। यहां से पुलिस ने बड़ी मात्रा में दस्तावेज, रबर स्टैंप, पेन ड्राइव, नंबरिंग मशीन, कम्प्यूटर, प्रिंटर, डाय कटर मशीन सहित करीब 73 हजार रुपए का माल जब्त किया गया। 72 रबर स्टैंप जब्त किए। पुलिस ने फर्जीवाड़े को अंजाम देने वाले नितीन ईश्वर वासनिक, उम्र 28 साल रहवासी संजय नगर ट्रस्ट ले आउट के खिलाफ प्रशासन और नागरिकों के साथ धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया। गिरफ्तार नितीन देवलापार का रहने वाला है। वो काम की तलाश में आया था। यहां उसने फर्जी प्रमाणपत्र बनाने का गोरखधंधा शुरू कर दिया था। प्रमाण पत्र बनाने के लिए 500 से 2 हजार रुपए तक लेता था। उसके कितने दलाल हैं, अपराध शाखा इसकी छानबीन कर रही है। यह मामला पिछली बार आरटीओ, तहसील और जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में दलालों की धर-पकड़ के कारण उजागर हुआ था। जहां कुछ दलाल साथ मिलकर कार्य करते थे।
बनाता था फर्जी प्रमाण पत्र
आरोपी नितीन वासनिक जाति प्रमाणपत्र, जाति जांच प्रमाण पत्र, ड्रायविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, लीविंग सर्टिफिकेट, इलेक्शन कार्ड, इंश्योरेंस, आय प्रमाण पत्र, एफिडेविट, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र, विद्यापीठ प्रमाण पत्र, पुलिस स्टेशन की मिसिंग रिपोर्ट प्रमाण पत्र, टैक्स रसीद, डोमिसाइल प्रमाण पत्र आदि सहित अन्य दस्तावेज बनाया करता था। इसके अलावा 74 ऐसे भी दस्तावेज मिले हैं, जो सरकारी विभाग के अलग- अलग क्षेत्रों के हैं, जिसमें डेप्यूटी कलेक्टर नागपुर, सब डिविजनल ऑफिसर वर्धा, पुलिस निरीक्षक अंबाझरी, कई कॉलेज के प्रिंसिपल के नाम के रबर स्टैंप, नायब तहसीलदार से जुड़े दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं।
फर्जी ड्रायविंग लाइसेंस ने खोली पोल
क्राईम ब्रांच की यूनिट नंबर 1 के सहायक पुलिस निरीक्षक गोरख कुंभार ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि पुराना फुटाला हनुमान मंदिर के पास सरस्वती अशोक सहारे के मकान में किराए से रहने वाला नितीन वासनिक अपने कमरे में ही फर्जी दस्तावेज और प्रमाण पत्र बनाने का कार्य करता है। उसने एक व्यक्ति को ड्रायविंग लाइसेंस बनाकर दिया था। वह फर्जी निकला। इसी के आधार पर पुलिस ने खोजबीन शुरू की। 6 नवंबर को पुलिस ने किराएदार नितीन वासनिक के कमरे में छापा मारा। पुलिस को नितीन के कमरे से कई दस्तावेज मिले, जिसे पाने के लिए नागरिकों को सेतू और तहसील कार्यालय में सुबह से शाम हो जाती है।
समांतर जिलाधिकारी कार्यालय पर्दाफाश!
आरोपी नितीन वासनिक एक तरह से समांतर जिलाधिकारी कार्यालय ही चला रहा था। उसके पास जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी, नायब तहसीलदारों सहित कई थानों के फर्जी दस्तावेज जब्त किए गए। एक युवक के ड्रायविंग लाइसेंस की जब पुलिस ने जांच की तो वह फर्जी निकला। पुलिस ने एक महीने तक उसपर नजर रखी। इसके बाद यह कार्रवाई की। बताया जा रहा है कि नितीन सरकारी कर्मचारियों को भी कमीशन दिया करता था। वह एक घंटे के अंदर ही जाति का प्रमाण पत्र बनाकर दे देता था। बदले में पांच हजार रुपए तक लेता था।
Created On :   8 Nov 2017 12:10 AM IST