ठगों का सुराग लगाने में जुटी पुलिस, जल्द होगी गिरफ्तारी
डिजिटल डेस्क, नागपुर. वर्धा जिले के हिंगनघाट के कारोबारी जयेश चांदराणा और उसके दोस्त शीलदेव के साथ 2 करोड़ की ठगी के प्रकरण में आरोपियों का सुराग तलाशने में आर्थिक अपराध शाखा पुलिस की टीम जुट गई है। इस प्रकरण में आरोपी आसिफ रंगूनवाला, सत्येंद्र शुक्ला, हितेश रेवतकर, जयंत वानखेड़े, अविनाश भोरेकर, मेहुल मारडिया उर्फ गनपत, कैलास उर्फ विलास नरवाड़े, अजय अग्रवाल उर्फ सुल्तान तहेखान और विवेक अग्रवाल है, लेकिन इनमें से अभी तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
रंगूनवाला बिल्डिंग में रची गई थी साजिश : आर्थिक अपराध शाखा पुलिस विभाग के उपायुक्त अर्चित चांडक के अनुसार आरोपियों की जल्द धरपकड़ की जाएगी। इस गिरोह ने जयेश और उनके दोस्त शीलदेव से ट्रेड प्रॉफिट फंड के नाम पर करीब 2 करोड़ रुपए ठगी की है। इसके लिए नागपुर में साजिश रची गई। इस ठगी में मुंबई के कुछ आरोपी शामिल हैं, जिसमें कैलास उर्फ विलास नरवाड़े, अजय अग्रवाल उर्फ सुलतान तहेखान और विवेक अग्रवाल का समावेश है। नागपुर के आरोपियों में आसिफ रंगूनवाला, सत्येद्र शुक्ला, हितेश रेवतकर, जयंत वानखेड़े, अविनाश भोरेकर और मेहुल मारडीया उर्फ गणपत का नाम शामिल है। भालदारपुरा में फव्वारा चौक के पास रंगूनवाला बिल्डिंग में इस ठगी की कहानी की योजना बनाई गई।
मुंबई के आरोपी शामिल होने की जानकारी आई सामने
भालदारपुरा में आरोपी हितेश रेवतकर, जयंत वानखेड़े, अविनाष भोरेकर की पहचान जयेश चांदराणा और उनके दोस्त शीलदेव से हुई। इसके बाद उक्त 9 आरोपियों ने साजिश के तहत ट्रेड प्राॅफिट फंड में 2 करोड़ रुपए निवेश करने पर निवेशक को 3 करोड़ 20 लाख रुपए निवेशक के बैंक में आरटीजीएस द्वारा जमा करने का लालच दिया गया। रंगूनवाला और उसके साथियों ने कारोबारी जयेश को लालच देकर 2 करोड़ रुपए बी भगत एंड कंपनी रंगूनवाला, अग्रसेन चाैक नागपुर में जमा करा लिए। आरोपियों ने जयेश को कोई आरटीजीएस नहीं किया, तब आरोपियों की करतूत जयेश और उनके दोस्त को समझ में आ गई। आखिरकार आर्थिक अपराध शाखा पुलिस ने इस मामले में छानबीन कर गणेशपेठ थाने में मामला दर्ज कराया। जयेश की शिकायत पर गणेशपेठ पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
Created On :   13 March 2023 7:13 PM IST