- पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की कोर ग्रुप की बैठक आज
- बाइडन प्रशासन ने पहली बार रूस पर लगाया प्रतिबंध, जहर बनाने के कारोबार पर लगाई लगाम
- बुलंदशहर में दुष्कर्म के बाद दिव्यांग बच्ची की हत्या, आरोपी ने घर में दबाया शव, गड्ढे के ऊपर थे जले हुए टुकड़े
- अमेरिका में सड़क हादसा: ट्रक से टकराई एसयूवी, 15 लोगों की मौत, कई घायल
- कर्नाटक: सेक्स टेप मामले में मंत्री रमेश जारकीहोली के खिलाफ बेंगलुरु में देर रात प्रदर्शन
दक्षिण एक्सप्रेस से शराब की ढुलाई करने वाले को पुलिस ने दबोचा, जब्त किया माल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पुलिस की लगातार कार्रवाई के बावजूद शराब की अवैध बिक्री से जुड़े लोग बाज नहीं आ रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से ट्रेनों में शराब तस्करी मामले बढ़ते जा रहे हैं। लगातार राज्य उत्पादन शुल्क और आरपीएफ की कार्रवाई में शराब तस्करी के मामलों पर कार्रवाई कर शराब जब्त की जा रही है। इसी कड़ी में नागपुर रेलवे स्टेशन से संदिग्ध व्यक्ति से शराब की 27 बोतलें जब्त की गईं। नागपुर रेलवे स्टेशन पर राज्य उत्पादन शुल्क और आरपीएफ की टीम ने संयुक्त रूप से यह कार्रवाई की। इस दौरान ट्रेन संख्या 12722 दक्षिण एक्सप्रेस के इटारसी छोर पर जनरल डिब्बे में एक संदिग्ध व्यक्ति बैग के साथ नजर आया।
सख्ती से पूछताछ करने पर उगला राज
व्यक्ति से बैग के बारे में गहनता से पूछताछ करने पर उसने बैग में शराब की बोतलें होने की जानकारी दी। व्यक्ति को आरपीएफ थाने लाकर पूछताछ करने पर उसने अपना नाम महेंद्र ताराचंद तिरपुड़े (28), निवासी कृष्णा नगर, मूल रोड, चंद्रपुर बताया। दो पंचों समक्ष उसके बैग को खोलकर देखने पर महाराष्ट्र राज्य निर्मित अंग्रेजी व देशी शराब की कुल 27 बोतलें, जिसकी कुल कीमत 5124 रुपए है, जब्त की। पकड़ी गई शराब अग्रिम कार्यवाही के लिए राज्य उत्पादन शुल्क विभाग को सौंप दी गई। साथ ही अपराध क्र. 98/2019 धारा 65 (ए), ई मुंबई दारू बंदी कायदा के तहत मामला दर्ज किया गया।
कार्रवाई राज्य उत्पादन शुल्क विभाग के निरीक्षक केशव चौधरी व उप निरीक्षक संजय मोरे तथा महिला जवान धनश्री डोंगरे के साथ मंडल सुरक्षा आयुक्त भवानी शंकरनाथ के मार्गदर्शन में गठित टीम के सहायक उप निरीक्षक सीताराम जाट, प्रधान आरक्षक शशिकांत गजभिए, आरक्षक बी.बी. यादव, आरक्षक मुनेश कुमार गौतम, महिला आरक्षक अश्विनी मूलतकर, नीता माजी ने की। उल्लेखनीय है महाराष्ट्र में शीघ्र ही विधानसभा होने जा रहे हैं ऐसे में पुलिस द्वारा चारों तरफ से सख्त बंदोबस्त किया गया है। रेलवे पुलिस भी लगातार संदिग्धों पर नजर रखे हुए हैं।
कमेंट करें
ये भी पढ़े
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।