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गृहसचिव के मामले को लेकर राजनीतिक बयानबाजियों का दौर, निशाने पर गृहमंत्री
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि संकट के समय में किसी भी तरह की राजनीति नहीं होना चाहिए। सब मिलजुलकर पहले इस संकट का सामना करें। लेकिन राजनीतिक बयानबाजियों का दौर थम नहीं रहा है। राज्य के गृह विभाग के प्रधान सचिव अमिताभ गुप्ता के मामले को लेकर गृहमंत्री अनिल देशमुख पर शाब्दिक निशाना साधा जा रहा है। उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है। गौरतलब है कि उद्यमी वधावन परिवार को लाकडाऊन में यात्रा की विशेष अनुमति देने के मामले में राज्य के प्रधान गृहसचिव गुप्ता को राज्य सरकार ने अवकाश पर भेजा है। गृहमंत्री देशमुख ने कहा है कि प्रधान सचिव के निलंबन का अधिकार केंद्र सरकार को है। इस मामले को लेकर विविध स्तर पर चर्चा हुई है। भाजपा नेताओं ने गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग की है।
दावे प्रतिदावे
प्रधान सचिव को निलंबन करने की मांग को लेकर दावे प्रतिदावे किए जा रहे हैं। भाजपा की ओर से कहा जा रहा है कि प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के निलंबन का अधिकार केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को दिया है। आईएएस, आईपीएस , आईएफएस को निलंबित किया जा सकता है। अखिल भारतीय सेवा नियमावली 1969 की धारा 3 के अंतर्गत कार्रवाई की जा सकती है। अधिकारी को निलंबित कर राज्य सरकार केंद्र को सूचना देती है। निलंबन की अवधि एक माह की रहती है। केंद्र सरकार वह अवधि बढ़ा सकती है। इसके लिए केंद्र सरकार को एक समिति गठित करना पड़ता है। राकांपा की ओर से कहा जा रहा है कि आईपीएस अधिकारी के निलंबन का अधिकारी प्रधानमंत्री कार्यालय के तहत डीओपीटी को है। गुप्ता की नियुक्ति 1 अगस्त 2018 को तत्कालीन गृहमंत्री व राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने करायी थी। राज्य सरकार मामले की जांच कर केंद्र को रिपोर्ट देती है। वह कार्य चल रहा है।
इनका कहना है
प्रदेश प्रवक्ता राकांपा प्रवीण कुंटे का कहना है कि वधावन परिवार भाजपा का दानदाता रहा है। गुप्ता भी भाजपा नेताओं का पसंदीदा अधिकारी रहा है। इस मामले की सारी सच्चाई सामने आयेगी। राज्य के गृहमंत्री ने 8 अप्रैल को मरकज मामले को लेकर केंद्रीय गृहविभाग पर सवाल उठाये। उसके चंद मिनट बाद गुप्ता के पत्र का मामला मीडिया में आया। भाजपा राजनीति कर रही है।
विधायक भाजपा कृष्णा खोपडे का कहना है कि गृहमंत्री की प्रशासनिक अक्षमता सामने आयी है। उनके विभाग का जिम्मेदार अधिकारी उनकी जानकारी के बिना इस तरह पत्र कैसे जारी कर सकता है। मुख्यमंत्री ने गृहमंत्री अनिल देशमुख को तत्काल पद से हटा देना चाहिए।
Created On :   13 April 2020 4:19 PM IST