निवेश के मुद्दे पर हो रही सियासत, कांग्रेस ने कहा श्वेतपत्र जारी करे सरकार

politics start by leaders on the issue of investment in maharashtra
निवेश के मुद्दे पर हो रही सियासत, कांग्रेस ने कहा श्वेतपत्र जारी करे सरकार
निवेश के मुद्दे पर हो रही सियासत, कांग्रेस ने कहा श्वेतपत्र जारी करे सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। निवेश के मामले में गुजरात आगे की महाराष्ट्र, इसे लेकर इन दिनों विपक्ष और सरकार आमने-सामने है। जबकि इन दोनों राज्यों में बीजेपी की सरकारें हैं। लेकिन राज्य की फडणवीस सरकार जहां महाराष्ट्र के नंवर वन होने का दावा कर रही है, वहीं प्रदेश कांग्रेस गुजरात को आगे बता रही है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के आकड़ों का हवाला देते कहा है कि महाराष्ट्र सरकार गलत आकड़े पेश कर रही है। निवेश को लेकर सरकार श्वेत पत्र जारी करे।

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश शब्द का इस्तेमाल करना गलत
मंगलवार को सावंत ने कहा कि रिजर्व बैंक के निजी कॉर्पोरेट निवेश रिपोर्ट के अनुसार देश में कुल 922 कंपनियों ने 2016-17 के दौरान 2 लाख 6,400 करोड़ रुपए का निवेश बैंकिंग और अन्य वित्तीय संस्थाओं की मदद से प्रस्तावित किया था। इसमें महाराष्ट्र का हिस्सा केवल 8.6 फीसदी था। जब्कि 2015-16 में यह आकड़ा 9.4 प्रतिशत का था। सावंत ने कहा कि इससे पता चलता है कि देश में कुल निवेश का 50 फीसदी महाराष्ट्र में किए जाने का मुख्यमंत्री और उद्योगमंत्री सुभाष देसाई का दावा बेतुका है। कांग्रेस नेता ने कहा कि घरेलु निवेश के आकड़े पेश करते वक्त प्रत्यक्ष विदेशी निवेश शब्द का इस्तेमाल करना गलत है। सरकार इस तरह लोगों की आंख में धूल झोंक रही है।

फाक्सकॉन का क्या हुआ
सावंत ने कहा कि चाकण औद्योगिक क्षेत्र-5 के लिए अभी जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरु है। जबकि उद्योग मंत्री कह रहे हैं कि यहां के लिए निवेश आ गया। उद्योगमंत्री कह रहे हैं कि 8 लाख करोड़ के सामंजस्य करार में 4 लाख करोड़ का निवेश हो चुका है। जब्क वे इसकी रुपरेखा नहीं पेश कर पाए। सुप्रसिद्ध विदेशी कंपनी फाक्सकॉन के निवेश को लेकर राज्य सरकार ने बड़े-बड़े दावे किए थे। राज्य के मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि इससे 50 हजार लोगों को नौकरियां मिलेंगी। पर आज तक इस दिशा में कुछ नहीं हो सका।

Created On :   14 Nov 2017 6:00 PM GMT

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