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वाहनों का कबाड़ फैला रहा प्रदूषण, बगैर फिटनेस दौड़ रहे वाहन
डिजिटल डेस्क, नागपुर. केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी स्क्रैप पॉलिसी लागू नहीं होने से देशभर में वाहनों का कबाड़ बढ़ता जा रहा है। संतरानगरी सहित समूचे महाराष्ट्र में यह कबाड़ दिन-दूना-रात चौगुना तर्ज पर बढ़ रहा है। इस कबाड़ से पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंच रहा बावजूद इसके स्क्रैप पॉलिसी लागू करने के मामले में ढिलाई बरती जा रही है। समस्या की गंभीरता को देखते हुए नागपुर ट्रेलर ओनर्स यूनियन ने राज्य में जल्द से जल्द स्क्रैप पाॅलिसी लागू करने की मांग की है। यूनियन के अध्यक्ष शैलेंद्र मिश्रा ने कहा कि पॉलिसी लागू नहीं होने से वाहन धारकों को भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस पॉलिसी के लागू होने पर हजारों पुराने वाहन उपराजधानी की सड़कों से हट जाएंगे। स्क्रैप पॉलिसी के तहत डीजल से चलने वाले वाहनों की उम्र 10 वर्ष व पेट्रोल से चलने वाले वाहनों की उम्र 15 वर्ष निर्धारित की गई है। इस उम्र को पार कर चुके हजारों वाहन बगैर फिटनेस जांच के शहर की सड़कों पर दौड़ रहे हैं, जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंच रहा है।
सड़क दुर्घटना का बड़ा कारण है अनफिट वाहन : विशेषज्ञों के मुताबिक सड़क दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण अनफिट वाहनों का सड़कों पर दौड़ना है। यही नहीं, वाहनों में कई तरह के मैन्यूफैक्चरिंग डिफेक्ट भी होते हैं। आमतौर पर इन डिफेक्ट का वाहन चालक को पता नहीं चल पाता और समय के साथ-साथ वाहनों के सेफ्टी फीचर्स काम करना बंद कर देते हैं। इससे सड़क दुर्घटना का खतरा रहता है। फिटनेस जांच में इन खराबियों का तत्काल पता लगाया जा सकता है। दुर्घटना से बचाव के लिए वाहनों में सुरक्षा सुविधाओं को इनबिल्ट किया जाता है। वाहनों में एयरबैग (एसआरएस सिस्टम), एंटी लॉक ब्रेक सिस्टम (एबीएस) और इलेक्ट्रानिक स्टेबिलिटी प्रोग्राम (ईएसपी) जैसी अंतरर्निहित सुरक्षा सुविधाएं होती हैं जो बेहद जरूरी है। इन तीनोें सेफ्टी फीचर्स से हादसों से बचा जा सकता है। हाल ही में हुई जांच में कई वाहनों में सुरक्षा फीचर्स नाकारा होने का खुलासा हुआ है। रियर ब्रेक को ऑपरेट करने वाजे व्हील सिलेंडर अनेक वाहनों में लीकेज पाए गए। इससे ब्रेक फेल होने का खतरा रहता है।
फिटनेस टेस्ट शुल्क में कई गुना इजाफा : नए नियमों के मुताबिक दुपहिया वाहन का फिटनेस शुल्क 300 रुपए से बढ़ाकर 1000 रुपए, कार का फिटनेस शुल्क 600 रुपए से बढ़ाकर 5 हजार रुपए व बड़े वाहनों का फिटनेस शुल्क 3 हजार रुपए से बढ़ाकर 12 हजार 500 रुपए कर दिया गया। नई शुल्क दर लागू कर दिया गया, लेकिन पॉलिसी लागू नहीं होने की वजह से नए वाहनों की खरीदी पर मिलने वाले लाभ नहीं मिल रहे हैं।
Created On :   8 Oct 2022 8:33 PM IST