पॉलिटेक्निक के छात्रों ने छेड़ा हस्ताक्षर अभियान, मुख्यमंत्री और एआईसीटीई से लगाई गुहार 

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पॉलिटेक्निक के छात्रों ने छेड़ा हस्ताक्षर अभियान, मुख्यमंत्री और एआईसीटीई से लगाई गुहार 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एआईसीटीई के हाल ही में लिए गये निर्णय से पालिटेक्निक के स्टूडेंट्स के  भविष्य पर संकट मंडराता दिख रहा है।  पॉलिटेक्निक के सैकड़ों विद्यार्थी अखिल भारतीय तंत्र शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के एक हालिया निर्णय के खिलाफ एकजुट हुए हैं। दरअसल पॉलिटेक्निक का डिप्लोमा करने के बाद विद्यार्थियों को सीधे इंजीनियरिंग के सेकंड ईयर में प्रवेश मिलता है। अब तक पॉलिटेक्निक के विद्यार्थियों के लिए सेकंड ईयर में 20% सीटें आरक्षित रहती थीं। अखिल भारतीय तंत्र शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने इसी शैक्षणिक सत्र से यह कोटा 20% से घटा कर 10% कर दिया, जो 10% सीटें बाकी हैं, उसमें भी आरक्षण लागू है। ऐसे में हजारों विद्यार्थियों के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। बदले गये निर्णय का विरोध किया जा रहा है।

प्रवेश मिलना होगा मुश्किल

एआईसीटीई के इस फैसले के खिलाफ गुरुवार को शहर के सदर स्थित गवर्नमेंट पाॅलिटेक्निक कॉलेज में विद्यार्थी एकजुट हुए। विविध कॉलेजों के करीब 350 विद्यार्थियों ने एआईसीटीई और राज्य सरकार को निवेदन लिखकर कोटा घटाने का विरोध किया है। विद्यार्थियों की मांग है कि सेकंड ईयर में पहले की तरह 20% कोटा रहना चाहिए। विद्यार्थियों ने इस दिशा में हस्ताक्षर अभियान भी जोड़ा है। विद्यार्थियों के अनुसार कोटा कम कर देने से पॉलिटेक्निक के विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग मंे प्रवेश मिलना मुश्किल हो जाएगा। विद्यार्थियों की नई बैच के लिए यह फैसला लागू किया जा सकता है, लेकिन जो छात्र पहले ही पॉलिटेक्निक में प्रवेश ले चुके हैं, उन पर इसे थोपा नहीं जाना चाहिए। 

फैसले का विरोध नहीं करेंगे

सेकंड ईयर में कोटा घटाने का जो निर्णय है, वह एआईसीटीई का है। हम उसका विरोध नहीं कर सकते हैं। विद्यार्थी और पालक चाहें, तो अपनी मांगें एआईसीटीई के समक्ष रख सकते हैं। इसमें कॉलेज प्रशासन कोई दखल नहीं देगा। निर्णय एआईसीटीई का है इसमें कालेज प्रशासन क्या कर सकता है?  - डॉ. सी.एस. थोरात, प्राचार्य गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक

Created On :   28 Jun 2019 1:24 PM IST

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