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चुनाव टलने से नगरसेवकों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाविकास आघाड़ी सरकार ने सोमवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में विधेयक पारित कराकर स्थानीय निकाय चुनाव को कुछ समय के लिए टाल दिया है। चुनाव करीब 5 से 6 महीने तक टलने की संभावना जताई गई है। इस विधेयक से सभी नगरसेवकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। खासकर सत्तापक्ष भाजपा की। मनपा में कार्यकाल खत्म होने से पहले सत्तापक्ष भाजपा ने शहर में विकास कार्यों के भूमिपूजन और लोकार्पण की बाढ़ ला दी थी। पिछले 10-15 दिन से रोजाना दो-तीन विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण का कार्यक्रम जारी था। केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी खुद इन कार्यक्रमों में व्यस्त थे। अपेक्षा थी कि इन कार्यों को जनता के बीच ले जाया जाएगा। कार्यक्रम ताजे होने से इसका फायदा भी उन्हें चुनाव में मिलने की उम्मीद थी, लेकिन अब सब किए-कराये पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
फायदा उठाने का प्रयास करेगी कांग्रेस : चुनाव अगस्त तक टलने की संभावना है, जिससे जो भूमिपूजन या लोकार्पण किए गए, वे तब तक जनता की यादों से ओझल हो सकते हैं। ऐसे में सत्तापक्ष भाजपा की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। राज्य और मनपा में सत्ता नहीं होने से भाजपा नेताओं की सक्रियता भी कम होगी। कांग्रेस व महाविकास आघाड़ी के घटक दल सरकार के माध्यम से शहर में अधिक सक्रिय और जनता के सामने अपने कार्यक्रमों को ले जाने के लिए जोर लगाएगी। इस बीच वह सरकार के जरिये अनेक काम भी करवाकर फायदा लेने की कोशिश करेगी। चुनाव का समय लंबा खिंचने से कांग्रेस को भी मनपा सत्तापक्ष के खिलाफ असंतोष को उछालने में मदद मिलेगी।
इच्छुकों की तैयारियों पर लगेगी लगाम : विधेयक पारित होने से इसका असर प्रभागों में इच्छुकों द्वारा की जा रही तैयारियों पर दिख सकता है। प्रभाग की सीमा तय होने के बाद पिछले एक महीने से अनेक जगह नि:शुल्क शिविर और अन्य कार्यक्रमों को बड़े जोर-शोर से चलाया जा रहा है। इसके लिए इच्छुक प्रभाग में घर-घर जाकर लोगों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। बैठकें शुरू कर दी हैं। विभिन्न धार्मिक स्थलों के पदाधिकारियों से मुलाकात का दौर भी शुरू किया गया है। चुनाव टलने की संभावना से अब इन गतिविधियों पर थोड़ा विराम लगने की संभावना है।
Created On :   8 March 2022 7:16 PM IST