बप्पा के आगमन की राह में गड्‌ढों का विघ्न

Potholes in the path of Bappas arrival is big barriers
बप्पा के आगमन की राह में गड्‌ढों का विघ्न
वर्धा बप्पा के आगमन की राह में गड्‌ढों का विघ्न

डिजिटल डेस्क, वर्धा. गणेश उत्सव को महज एक सप्ताह शेष बचा है। सार्वजनिक मंडल व लोगबाग घरेलू गणपति की स्थापना करने की तैयारी में जुटे हैं। इस बीच शहर के कई रास्तों पर गड्‌ढे पड़ गए हैं। इस कारण ऐसी स्थिति बन गई है कि बाप्पा को आगमन करते समय गड्‌ढों के विघ्न का सामना करना पड़ सकता है। शहर में पड़े इन गड्‌ढों पर फिलहाल की स्थिति में पैदल या वाहन से चलना मुश्कल हो गया है। इस कारण घरेलू गणपति तो जैसे-तैसे विराजमान हो जाएंगे लेकिन गणेशोत्सव के बड़े गणपति बाप्पा को गड्‌ढों से भरे रास्ते से गुजरना पड़ेगा। इसी के साथ बदरीला मौसम रहने के कारण बारिश होने की संभावना भी जताई जा रही है। इधर कई सार्वजनिक मंडल के गणपति की मूर्तियां उन तक पहुंच गई है। गणेशोत्सव की तैयारी करने के लिए ग्राहकों ने बाजार में भीड़ लगा दी है। इस कारण  बाजार की रौनक बढ़ गई है। गणेशमूर्ति, मंडप सजावट की सामग्री, डेकोरेशन व लाइटिंग खरीदने के लिए ग्राहक बाजार में आ रहे हैं। इस दरम्यान लाखों रुपए का लेनदेने होने की उम्मीद व्यापारियों को है। विविध रंगों के गणेशमूर्ति के पुष्पहार, सजावट के विविध प्रकार की सामग्री व तैयार मंडप बाजार में उपलब्ध हैं। 

गोंडा, फूल, माणिक मोती, रूद्राक्ष, गणेशमूर्ति के पुष्पहार व लटकन बाजार में आए हैं। माणिक मोती के पुष्पहार की मांग अधिक है। लटकन 500 से 1400 रुपए में बिक रहा है। पुष्पहार के दाम फीट के आधार पर हैं। घरेलू गणपति का मंडप तैयार करने के लिए पिलर्स 85 से 250 रुपए तक बिक रहे हैं। घरेलू मंडप सजावट के दाम 3-4 हजार से लेकर 10 हजार रुपए तक हैं। रोशनाई के लिए लगनेवाली 100 बल्ब की माला 500 रुपए तक हैं। 7 मीटर की चीनी माला 70 रुपए की है। बाजार में घरेलू व सार्वजनिक गणपति उत्सव के लिए लगनेवाली हर सामग्री  बाजार में उपलब्ध हैं।

कपड़ों के मखर कर रहे आकर्षित

गणेशोत्सव के लिए बाजार आकर्षक सजावटी सामग्री के साथ ही कपड़ों से बने मखर बाजार में उपलब्ध हैं। दुकान में आकर्षक रंगबिरंगे कपड़ों के मखर, झालर, झूमर, परदे, गोंडा, शेला, रूमाल, फेटे व माला बाजार में उपलब्ध हैं। आगामी 28 तारीख तक बाजार में अच्छी खासी रौनक देखने को मिल सकती है।

मूर्तियों के दाम  छू रहे आसमान 

कशहर के सिंदी मेघे समेत विविध परिसर के मूर्तिकार रंगाई करने का काम कर रहे हैं। लेकिन गतवर्ष की तुलना में मूर्तियों की कीमतें बढ़ गई हैं। मूर्तियां बनाने के लिए लगनेवाली सामग्री की कीमतों में इजाफा होने का असर गणेश मूर्तियों पर पड़ा है। इसके बावजूद भक्तों के उत्साह में कमी नहीं आई है।अनेक भक्तों ने मूर्तियों के ऑर्डर दे रखे हैं।

Created On :   23 Aug 2022 8:00 PM IST

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