कर्ज में डूबी बिजली कंपनियां, 72 हजार करोड़ रुपए का कर्ज,विद्युत शुल्क मफ करने से अतिरिक्त बोझ

Power companies in debt  72 thousand crore rupees additional burden  muffering  electricity duty
कर्ज में डूबी बिजली कंपनियां, 72 हजार करोड़ रुपए का कर्ज,विद्युत शुल्क मफ करने से अतिरिक्त बोझ
कर्ज में डूबी बिजली कंपनियां, 72 हजार करोड़ रुपए का कर्ज,विद्युत शुल्क मफ करने से अतिरिक्त बोझ

डिजिटल डेस्क,नागपुर। सरकारी बिजली कंपनियां महावितरण, महानिर्मिति व महापारेषण पर 72 हजार 452 करोड़ का कर्ज होने के बावजूद सरकार के निर्देश पर उद्यमियों के विद्युत शुल्क माफ किए जा रहे हैं। विद्युत शुल्क माफी से सरकार पर हर साल 600 करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ेगा। आरटीआई में मिली जानकारी के अनुसार, सरकारी कंपनी महावितरण पर 34 हजार करोड़ से ज्यादा, महानिर्मिति पर 32 हजार करोड़ से ज्यादा व महापारेषण पर 5 हजार करोड़ से ज्यादा कर्ज चढ़ा हुआ है। इन कंपनियों को करोड़ों बैंक का ब्याज देना पड़ रहा है। 
महावितरण ने 9.59%, महानिर्मिति ने 9.57% व महापारेषण ने 10.15% ब्याज पर कर्ज लिया है। बड़े प्रोजेक्ट खड़े करने, दुरुस्ती, बिजली का जाल फैलाने, आधारभूत सुविधा, नई बिजली लाइनें डालने व विकास कार्य के लिए कर्ज लेने का हवाला दिया गया है। किसान कृषि पंपों का बिजली बिल माफ करने की मांग कर रहे हैं। 

उल्लेखनीय है कि  सरकार ने हाल ही में विदर्भ व मराठवाड़ा के उद्यमियों का विद्युत शुल्क मार्च 2024 तक माफ करने का निर्णय लिया है, जबकि कृषि पंपों का बिल अभी तक माफ नहीं हो सका है। कंपनियों पर जो 72 हजार 452 करोड़ का कर्ज हुआ है, उसका भुगतान किस तरह किया जाए, इसका नियोजन कार्यक्रम जाहिर नहीं हुआ है। 

बिजली माफी का असर आम उपभोक्ताओं पर 

उद्योजकों को पहले 2019 तक विद्युत शुल्क माफ किया और अब मार्च 2024 तक शुल्क माफी दी गई है। इसका असर आम उपभोक्ताओं पर पड़ता है। किसान कृषि पंपों का बिजली बिल माफ करने के लिए सरकार से गुजारिश कर रहा है। किसानों के बजाय उद्यमियों को माफी दी गई। तीनों बिजली कंपनियों पर 72 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज हुआ, उसके भुगतान पर सरकार गंभीर नहीं दिखाई दे रही। कर्ज ऊंचे ब्याज दर पर लिया गया है। बिजली कंपनियों को कर्ज मुक्त करने का नियोजन करना चाहिए। 
-मंगेश देशमुख, पार्षद, नगर पंचायत महादुला. 

Created On :   3 Sept 2019 10:50 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story