चव्हाण ने कहा- बंद पूरी तरह सफल, शिवसेना को बताया सत्ता के लिए लाचार

Pradesh Congress President chavhan refuses to join political alliance with MNS
चव्हाण ने कहा- बंद पूरी तरह सफल, शिवसेना को बताया सत्ता के लिए लाचार
चव्हाण ने कहा- बंद पूरी तरह सफल, शिवसेना को बताया सत्ता के लिए लाचार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के विरोध में सोमवार को आयोजित महाराष्ट्र और मुंबई बंद को कांग्रेस पार्टी ने सफल बताया है। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने बंद से दूर रही शिवसेना को सत्ता के लिए लाचार बताया। साथ ही बंद को समर्थन के बावजूद उन्होंने मनसे के साथ किसी तरह के राजनीतिक गठबंधन से इनकार किया। मुंबई में पत्रकारों से बातचीत के दौरान चव्हाण ने कहा कि भाजपा सरकार बेहद डरी हुई है। इसीलिए ताकत के जोर पर बंद को कुचलने की कोशिश की लेकिन व्यापारियों ने अपनी मर्जी से इस बंद को समर्थन दिया। चव्हाण ने कहा कि बेलगाम मंहगाई से जनता त्रस्त है। इसीलिए लोगों ने बंद का पूरा समर्थन किया।

शिवसेना पर निशाना साधते हुए चव्हाण ने कहा कि सोशल मीडिया पर संदेश भेजे जा रहे हैं कि शिवसेना के बाघ ने दहाड़ना छोड़कर भौंकना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि देर से जागने का आरोप लगा रही शिवसेना अब भी सोई हुई है। मंहगाई को लेकर शिवसेना का ड्रामा बेनकाब हो गया है सिर्फ पोस्टर लगाने से कुछ नहीं होगा। बुरे दिन के लिए शिवसेना भी जिम्मेदार है। मनसे के साथ राजनीतिक गठबंधन की संभावनाओं से इनकार करते हुए चव्हाण ने कहा कि जनता का प्रश्न था इसलिए मैंने राज ठाकरे को फोन कर बंद में शामिल होने को कहा था लेकिन आगे मनसे के साथ किसी तरह का राजनीतिक समझौता नहीं होगा।

गायब रहे प्रिया-मिलिंद 

शरद पवार, अजित पवार जैसे वरिष्ठ राकांपा नेताओं और प्रिया दत्त और मिलिंद देवरा जैसे पार्टी के पूर्व सांसदों के बंद के दौरान सड़कों पर न उतरने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि सभी ने अपनी ओर से सक्रिय सहयोग दिया है। मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम ने कहा कि शिवसेना के गढ़ दादर में जिस तरह से व्यापारियों ने दुकाने बंद रखी इससे साफ है कि वे भाजपा और शिवसेना दोनों से नाराज हैं। हालांकि इस दौरान उन्हें याद दिलाया गया कि सोमवार को इस इलाके में दुकाने बंद रहती ही हैं।

निरुपम को याद दिलाया, सोमवार को बंद रहती हैं सेनाभवन की दुकानें

निरुपम ने कहा कि कांग्रेस के समय में कच्चे तेल का दाम 107 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा था इसके बावजूद पेट्रोल की कीमत 71.41 रुपए थी लेकिन अब कच्चे तेल की कीमत 73 डॉलर प्रति बैरल है इसके बावजूद दाम 79.51 रुपए है। निरुपम ने कहा कि पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 211 फीसदी और डीजल पर 419 फीसदी बढ़ाई गई है। कच्चे तेल के दाम बढ़ने के चलते कीमत बढ़ने का सरकार का दावा झूठा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कर में कटौती से साफ है कि भाजपा को सिर्फ चुनावों की फिक्र है लोगों की नहीं। 

Created On :   10 Sep 2018 3:23 PM GMT

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