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कोरोना पॉजिटिव सुनकर बिगड़ गई गर्भवती महिला की सेहत
डिजिटल डेस्क, नागपुर। दिघोरी स्थित उमरेड रोड रामकृष्ण नगर के प्लॉट नंबर 2 निवासी एक गर्भवती महिला के यहां पहुंचकर मनपा की टीम ने बताया कि वह कोरोना पॉजिटिव है। यह बात सुनकर महिला की हालत बिगड़ गई। उसके बाद महिला को रात में ही प्रसव के लिए मेडिकल में भर्ती करवाना पड़ा। उसके बाद महिला और उसके पति की जांच की गई, तो रिपोर्ट निगेटिव आई है। परिजनों का आरोप है कि प्रशासन की लापरवाही से ऐसा हुआ है। रामकृष्ण नगर निवासी 25 वर्षीय गर्भवती महिला को 22 जुलाई को मेडिकल में भर्ती करवाया गया था। 27 जुलाई को महिला को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। 29 जुलाई को मनपा की टीम उसके घर पहुंची। टीम के लोगों ने कहा कि गर्भवती महिला कोरोना पॉजिटिव है। परिवार वालों को क्वारेंटाइन होना पड़ेगा। महिला के पति रोशन हजारे ने बताया कि उसे कोई लक्षण नहीं हैं और कोरोना पॉजिटिव होने की रिपोर्ट मांगी। फिर पूछा कि महिला को प्रसव पीड़ा हुई, तो उसे अस्पताल कौन ले जाएगा। एरिया सील करने पहुंची टीम काफी बहस के बाद लौट गई। फिर रात में पुलिस की टीम पहुंची। मामले की जानकारी गर्भवती महिला को हुई, तो उसका रो-रोकर बुरा हाल हो गया। रात में करीब 9.30 महिला को अस्पताल में भर्ती करवाया गया और उसके बाद उसका प्रसव हुआ। मेडिकल ने महिला को डिस्चार्ज करते हुए उसकी रिपोर्ट निगेटिव दी। महिला के पति रोशन हजारे ने बताया कि उसने एक लैब में जांच करवाई, जहां उसकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई। प्रशासन की लापरवाही की वजह से ऐसा हुआ है। स्थानीय लोग उसे पॉजिटिव समझ रहे हैं। उसकी हार्डवेयर की दुकान है। परिवार वालों की किराने की दुकान है। इस अफवाह के चक्कर में दुकानदारी ठप हो जाएगी। इस मामले में स्थानीय जेडएमओ डॉ. गजानन पावने को फोन लगाया गया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
बेसा के आदिवासी होस्टल में कोविड सेंटर रद्द करें
उधर बेसा उन्नति पार्क परिसर स्थित आदिवासी होस्टल में शासन द्वारा कोविड-19 सेंटर मंजूर किया गया। सेंटर पूरी तरह तैयार होकर काम शुरू होते ही स्थानीय नागरिकों ने कोविड सेंटर का विरोध किया। इस संदर्भ में समस्त नागरिकों ने पूर्व पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले व विधायक टेकचंद सावरकर के नेतृत्व में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर सेंटर रद्द करने की मांग की। निवेदन स्वीकराने के बाद जिलाधिकारी ने तहसीलदार को सेंटर का प्रस्ताव रद्द करने के निर्देश दिए। निवेदन सौंपते समय भाजपा बेसा- बेलतरोडी के रामराज खड़से, नागपुर ग्रामीण युवा मोर्चा उपाध्यक्ष हरीष कंगाली, धनराज बड़ोले, दिनेश डोंगरे, मोना काशीकर, टोपले, मिलिंद अड़वे, शेखर काशीकर, श्याम अक्कलवार, स्मिता अड़वे, रवींद्र सोनार, प्रवीण साखरकर, संजय चन्ने, मनोज मेहर, अनिल खंगार, प्रफुल चवरे, धनेश झोड़े, विनोद तिड़के, सुरेश भराडे, विनय कुलकर्णी आदि उपस्थित थे।
पीड़ित परिवार को न्याय देने की मांग
वहीं कोरोना योद्धा के रूप में स्थायी व अस्थायी सफाई कर्मचारी कार्यरत है। कोरोना काल में किसी भी सफाई कर्मचारी की मौत होती है, तो राज्य सरकार व प्रशासन ने मृतक परिवार को सहायता के तौर पर 50 लाख व परिवार के एक सदस्य को नौकरी देना चाहिए। अजनी निवासी प्रमेश मुकेश मोरे की मौत कोरोना के चलते हुए। पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता नहीं मिल पाई। परिवार को न्याय दिलाने की मांग का सफाई कामगारों ने उपजिलाधिकारी रवींद्र खजांजी के मार्फत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मनपा आयुक्त को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान सफाई कामगार संगठन के अध्यक्ष शत्रुघ्न महतो, उपाध्यक्ष वसंतराव भगत, विजय मधुमटके, कृष्णा तांबे, उमेश गोहर, अर्जुन कलसे आदि उपस्थित थे।
Created On :   3 Aug 2020 3:48 PM IST