स्वास्थ्य केंद्रों को टाटा के कार्पोरेट लुक में लाने की तैयारी

Preparing to bring healthcare to Tatas Corporate Look
स्वास्थ्य केंद्रों को टाटा के कार्पोरेट लुक में लाने की तैयारी
स्वास्थ्य केंद्रों को टाटा के कार्पोरेट लुक में लाने की तैयारी

नीरज दुबे, नागपुर।  मेडिकल हब के रूप में  पहचान बनाने वाले नागपुर शहर में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ से मरीज उपचार के लिए बड़ी संख्या में आतेे हैं।  मेडिकल, सुपरस्पेशिलिटी, मेयो के अलावा निजी अस्पतालों में बेहतरीन उपचार  पाने के लिए विदर्भ के साथ ही पड़ोसी राज्यों से आने वाले मरीजों की संख्या सर्वाधिक है। जिनके पास पैसा रहता है वे निजी अस्पतालों में मरीजों का इलाज कराते हैं लेकिन गरीब और मध्यम वर्ग के मरीजों को सरकारी अस्पतालों का ही सहारा होता है। सामान्य आर्थिक स्थिति वाले मरीजों की सहायता के लिए राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य योजना अंतर्गत 26 स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित किए गए हैं। इन केन्द्रों के लिए आर्थिक सहायता राज्य सरकार से मिलती है, जबकि मनपा प्रशासन ने अपनी जगह और इमारत मुहैया कराई है।

सामान्य बीमारी के लिए भी भटकने की नौबत
स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों की कमी और पर्याप्त सुविधा भी नहीं रहती। सामान्य बीमारी के इलाज के लिए भी मरीजों को भटकना पड़ता है। स्वास्थ्य केन्द्रों की बदहाली को देखते हुए राज्य सरकार ने औद्याेगिक और कार्पोरेट घरानों से सीएसआर फंड में सहायता करने का प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव को टाटा समूह के सर दाेराबजी टाटा ट्रस्ट ने स्वीकार किया है। इस ट्रस्ट द्वारा शहर के स्वास्थ्य केन्द्राें को अगले तीन साल में कार्पोरेट लुक देने के अलावा यहां की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाया जाएगा। 6 दिसंबर 2017 को ट्रस्ट की मुख्य वित्त अधिकारी रुखसाना सवाक्षा और मनपा स्वास्थ्य विभाग के डॉ. अनिल चिवाने के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं। अभियान के पहले चरण में 8 स्वास्थ्य केन्द्रों को 31 मार्च के पहले जनता के लिए शुरू कर दिया जाएगा। 

पहले चरण में 8 अस्पतालों का शुरू होगा काम
उपराजधानी में सरकारी अस्पतालों की बदहाली सुर्खियों में रहती हैं। यहां चिकित्सकों और कर्मचारियों की अनुपस्थिति के साथ ही अावश्यक सेवाओं की भी कमी बनी हुई है। प्रशासन और सरकार स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने के लिए कई घोषणाएं करती है, लेकिन हालात में सुधार नहीं होता है। इस समस्या को देखते हुए राज्य सरकार ने टाटा ट्रस्ट से सहयोग करने का प्रस्ताव रखा था। सरकार के प्रस्ताव को हरी झंडी देते हुए टाटा ट्रस्ट ने 26 शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों के लिए सहायता शुरू कर दी है। इसकी बदौलत शहरी अस्पतालों में कार्पोरेट अस्पतालों की तरह बदलाव किए जाएंगे। अभियान के पहले चरण में शहर के 8 अस्पतालों को 31 मार्च के पहले शुरू कर दिया जाएगा। इस योजना की समीक्षा मनपा के स्वास्थ्य अधीक्षक डाॅ. अनिल चिवाने के नेतृत्व में टाटा ट्रस्ट के पांच चिकित्सकों का दल कर रहा है।

तीन चरणों में अभियान    
निजी औद्योगिक समूह की सहायता से स्वास्थ्य केन्द्रों को नया रूप देने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। पहले चरण में फुटाला, जयताला, डिप्टी सिग्नल, नंदनवन, कपिलनगर, झिंगाबाई टाकली, इंदौरा एवं शांतिनगर के स्वास्थ्य केन्द्र का समावेश किया गया है। इन अस्पतालों का जीर्णोद्धार व रंगरोगन किया जा रहा है। इतना ही नहीं मरीजों की जरूरत और सुविधाओं के अनुरूप यहां बदलाव भी किए जा रहे हैं। अभियान का मुख्य उद्देश्य मरीज को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के साथ ही मानसिक रूप से सुकून भी देना है। इतना ही नहीं मरीज को अस्पताल आने पर अब निजी अस्पताल की भांति रिसेप्शन पर पूछताछ और उपलब्ध सेवाओं की जानकारी भी दी जाएगी। मरीज को अस्पताल में चिकित्सक से मिलने तक इंतजार के लिए भी वातानुकूलित वेटिंग रूम में ठहराया जाएगा। अभियान के दूसरे चरण में 10 अस्पतालों हजारीपहाड़, बाबुलखेड़ा, बीड़ीपेठ, मोमिनपुरा, भालदारपुरा, मेहंदीबाग, जागनाथ बुधवारी, शेंडेनगर, पारडी और पांचपावली का समोवश किया गया है। तीसरे और अंतिम चरण में 8 स्वास्थ्य केन्द्रों को शामिल किया जाएगा।   

सर्विस ओरिएटेंड होगी शहरी स्वास्थ्य सेवा
टाटा ट्रस्ट के सहयोग से पहली मर्तबा शहर की प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में मौजूद सुविधाओं को प्रोफेशनल सेवा में बदलाव का प्रयोग है। हास्पिटल मैनेजमेंट को कई आयामों में बेहतरीन बनाने का प्रयास किया गया है। इसके तहत मरीज के अस्पताल में आने, डॉक्टरी सेवा, पैथालॉजिकल जांच, औषधि वितरण को सुविधाजनक बनाया गया है। इतना ही नहीं मरीज के हास्पिटल रजिस्ट्रेशन को भी डिजिटल यूनिक हेल्थ रिकार्ड भी निर्मित किया जाएगा। चिकित्सकों एवं स्टाफ को मरीज से इंट्रेक्शन, साफ्ट स्कील का प्रशिक्षण दिया गया है। इस प्रयोग में 42 प्रकार की पैथालाजी जांच की केन्द्रीयकृत प्रयोगशाला और औषधि वितरण की व्यवस्था को भी कार्पोरेट व्यवस्था में बदला जाएगा।  (अश्विन मुद्गल, आयुक्त, मनपा, नागपुर)

जल्द होगा आरंभ
टाटा ट्रस्ट की ओर से पहले चरण में 8 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की आधारभूत सुविधा तैयार हो चुकी है। इसके साथ ही दूसरे चरण के 10 अस्पतालों के लिए भी तैयारियों को आरंभ कर दिया गया है। टाटा ट्रस्ट ने पूरे कामों के लिए प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट तैयार की है। इस यूनिट में चिकित्सकों के साथ ही आईटी प्रोफेशनल, लैबोरेटरी सर्विस स्पेशालिस्ट समेत अन्य प्रोफेशनल मौजूद है। जल्द ही दूसरे चरण को भी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जल्द से जल्द आरंभ करने का प्रयास हो रहा है।  (डॉ टिकेश बिसेन, सदस्य, प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट, टाटा ट्रस्ट नागपुर)

Created On :   26 March 2018 3:34 PM IST

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