देशमुख बोले- बाढ़ पीड़ितों का पुनवर्सन करने लगाएं राष्ट्रपति शासन, रेलवे निजीकरण के विरोध में उठा आरएसएस का मजदूर संगठन

Presidents rule should be done to rehabilitate flood victims - Deshmukh
देशमुख बोले- बाढ़ पीड़ितों का पुनवर्सन करने लगाएं राष्ट्रपति शासन, रेलवे निजीकरण के विरोध में उठा आरएसएस का मजदूर संगठन
देशमुख बोले- बाढ़ पीड़ितों का पुनवर्सन करने लगाएं राष्ट्रपति शासन, रेलवे निजीकरण के विरोध में उठा आरएसएस का मजदूर संगठन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य में बाढ़ के संकट को देखते हुए विधानसभा चुनाव को बाद में कराने का सुझाव कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रणजीत देशमुख ने किया है। उन्होंने यह भी कहा है कि बाढ़ पीड़ितों के पुनवर्सन के लिए 5 वर्ष लग सकता है। चुनाव आचार संहिता लगने पर बाढ़ पीड़ितों को सहायता नहीं दी जा सकेगी। लिहाजा अगले विधानसभा चुनाव काे कम से कम एक वर्ष बाद कराया जाना चाहिए। राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाकर राजनीतिक हस्तक्षेप के बिना बाढ़ पीड़ितों का पुनवर्सन कराने का सुझाव भी उन्होंने दिया है।  देशमुख ने कहा कि राज्य में भीषण बाढ़ की स्थिति है। कोल्हापुर, सातारा, सांगली सहित 5 जिलों के गांवों का नुकसान हुआ है। नागरिकों के घर बह गए। जानवर मर गए। जमीन खराब हो गई। खेत में 5 फुट तक पानी जमा हुआ है। ऐसी स्थिति पश्चिम महाराष्ट्र के साथ मुंबई, पालघर, नंदूरबार, गडचिरोली जिले में है। विदर्भ के भी कुछ गांवों में अतिवृष्टि हुई है। लिहाजा बाढ़ प्रभावितों के पुनवर्सन में समय लगेगा। देशमुख ने कहा कि वे जिला परिषद अध्यक्ष थे तब बूटीबोरी में बाढ़ आयी थी। उसके पुनवर्सन के लिए 5 वर्ष लगे थे। उसकी तुलना में 50 गुणा बारिश इस बार हुई है। विधानसभा की कालावधि समाप्त हो रही है। अक्टूबर नवंबर में चुनाव की तैयारी चल रही है। चुनाव घोषित होने पर करीब डेढ़ माह आचार संहिता लगी रहेगी। आचार संहिता के दौरान सहायता नहीं की जा सकेगी। संपूर्ण प्रशासनिक यंत्रणा चुनाव कार्य में लगी रहेगी। सहायता करने पर चुनाव आचार संहिता को उल्लंघन होगा। स्थिति को देखते हुए राष्ट्रपति शासन लगाया जाना अच्छा विकल्प हो सकता है। इस संबंध में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बालासाहब थोरात, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील, शिवसेना व राकांपा के प्रदेश प्रमुखों से निवेदन किया जाएगा।

रेलवे में निजीकरण के विरोध में आंदोलन करेगा आरएसएस से जुड़ा मजदूर संगठन

उधर रक्षा उत्पाद व रेलवे के क्षेत्र में निजीकरण का भारतीय मजदूर संघ ने विरोध किया है। केंद्र सरकार के विरोध में देशव्यापी जन आंदोलन की तैयारी की जा रही है। भामस के महामंत्री बृजेश उपाध्याय ने कहा है कि सरकार ने निजीकरण का यह निर्णय देश की सुरक्षा के लिए भी ठीक नहीं है। गौरतलब है कि भामस,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मजदूर इकाई है। इस संगठन के माध्यम से समय समय पर सरकार के िवरोध में आंदोलन किए जाते रहे हैं। शनिवार को कांग्रेस नगर स्थित भामस कार्यालय में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक हुई। बाद में संवाद माध्यम के प्रतिनिधियों से चर्चा में उपाध्याय ने कहा कि केंद्र सरकार ने सभी क्षेत्रों में निजीकरण व कारपोरेटाइजेशन शुरु किया है। फिलहाल देश में 87 प्रतिशत रोजगार ठेका प्रणाली से चल रहा है। सरकारी क्षेत्र में 73 प्रतिशत कर्मचारी ठेके पर हैं। ठेका प्रणाली से कामगाराें को मिलनेवाली रोजगार की गारंटी समाप्त हो रही है। कामगारों के लिए संकट की स्थिति है। इसके विरोध में सेक्टर निहाय आंदोलन शुरु किया गया है। अब केवल कामगारों का नहीं बल्कि जन आंदोलन होगा। अलग अलग क्षेत्र से राेजगार प्रभावित नागरिकों को आंदोलन से जोड़ा जाएगा। बैंकों के विलीनीकरण, बीमा क्षेत्र में लंबित नियुक्तियों के मामले पर भी भामस ने विरोध दर्शाया है। सरकार स्वयं की सहभागिता कम करके सबकुछ निजी करने के मार्ग पर है। चर्चा के समय विदर्भ प्रदेश महामंत्री प्रकाश सोहोनी, क्षेत्रीय संगठक डॉ.सुधाकर कुलकर्णी, रमेश बल्लेवार, रमेश पाटील, श्रीराम पाटवे, सुरेश चौधरी उपस्थित थे।

दत्तोपंत ठेंगडी जन्मशताब्दी वर्ष

10 नवंबर से भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक दत्तोपंत ठेंगडी की जन्मशताब्दी वर्ष मनाने की शुरुआत की जाएगी। रविवार 10 नवंबर को उद्घाटन कार्यक्रम महर्षि व्यास सभागृह रेशमबाग में होगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत उपस्थित रहेंगे। वर्ष भर में 52 कार्यक्रम देशभर में होंगे। आर्थिक न्याय की संकल्पना के आधार पर जन्मशताब्दी वर्ष मनाया जाएगा।

Created On :   11 Aug 2019 8:00 AM GMT

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