दबाव की राजनीति से नहीं बन रही बात, नागपुर से आंबेडकर, गवई की अमरावती से दावेदारी

Pressure tactics in politics, Ambedkar clam on Nagpur and Gavai on Amravati seat
दबाव की राजनीति से नहीं बन रही बात, नागपुर से आंबेडकर, गवई की अमरावती से दावेदारी
दबाव की राजनीति से नहीं बन रही बात, नागपुर से आंबेडकर, गवई की अमरावती से दावेदारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कांग्रेस राकांपा के आघाड़ी गठबंधन में इस बार कई छोटे दलों को प्रमुखता से शामिल करने का प्रयास चल रहा है। खासकर दलित समाज में प्रभाव कायम रखने की नीति के साथ आंबेडकरवादी नेताओं को साथ लेकर चलने की कोशिश है। दबाव की राजनीति भी चलने लगी है। लेकिन आंबेडकरवादी विचारों की राजनीति कर रहे नेता आघाड़ी से जुड़ नहीं पा रहे हैं। इस बीच खबर है कि भारिप बहुजन महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने नागपुर लोकसभा सीट के लिए भी दावा कर दिया है। उधर आरपीआई गवई गुट के नेता राजेंद्र गवई अमरावती सीट के लिए अड़े हुए हैं।

आंबेडकर के अलग तेवर

भारिप बहुजन महासंघ के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर 16 से अधिक संगठनों के साथ मिलकर वंचित बहुजन आघाड़ी का भी नेतृत्व कर रहे हैं। आघाड़ी में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एएमआईएम भी शामिल है। काफी समय में आंबेडकर 12 सीटों की मांग कर रहे हैं। नागपुर में ही वे कई बार कह चुके हैं कि कांग्रेस उनके प्रस्ताव पर गंभीर नहीं है। आंबेडकर ने यह भी कहा है कि ओवैसी का साथ नहीं छोड़ेंगे। इस बीच खबर है कि आघाड़ी की अोर से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे, राकांपा के नेता छगन भुजबल ने आंबेडकर से मुलाकात की। आंबेडकर अपने दावे पर कायम है। यह भी बताया जा रहा है कि आंबेडकर ने राज्य में लोकसभा की जिन सीटों पर अपनी पार्टी के लिए उम्मीदवार की दावेदारी की है उनमें नागपुर भी शामिल है। इसके अलावा पश्चिम महाराष्ट्र में सांगली, सोलापुर व नांदेड में भी चुनाव लड़ने की तैयारी जतायी है।

ताकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता

आंबेडकर ने आघाड़ी नेताओं से कहा है कि जिन सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की जा चुकी है वहां से दावा वापस लेना संभव नहीं होगा। उधर कांग्रेस व राकांपा एक या दो से अधिक सीट देने को तैयार नहीं है। एक या दो सीट भी केवल अांबेडकर की पार्टी नहीं बल्कि वंचित आघाड़ी के लिए होगी। गौरतलब है कि आंबेडकरी कुछ दिन पहले आर्थिक अधिवेशन के नाम पर नागपुर में वंचित आघाड़ी का शक्ति प्रदर्शन कर चुके हैं। इस मामले पर आंबेडकर से बातचीत के लिए संपर्क नहीं हो पाया। लेकिन उनकी पार्टी के प्रदेश महासचित सागर डबरासे कहते हैं कि राज्य में कुछ सीटों के लिए पार्टी की ओर से प्रमुखता से चुनाव तैयारी की गई है। उनकी पार्टी की ताकत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। जिला स्तर पर सभाओं का दौर जारी है। 7 फरवरी को गोंदिया में सभा होगी। उस दौरान पार्टी अध्यक्ष की ओर से महत्वपूर्ण संकेत मिल सकते हैं।

गवई को चाहिए अमरावती

आरपीआई गवई गुट के नेता राजेंद्र गवई अमरावती लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। अमरावती में नवनीत राणा का नाम भी चर्चा में है। नवनीत को राकांपा कोटे से उम्मीदवार बनाने के प्रयासों की चर्चा है। गवई किसी भी स्थिति में अमरावती से चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं। दैनिक भास्कर से चर्चा में गवई ने कहा कि है कि केवल चुनाव चिन्ह को लेकर बात लंबित है। कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण व राकांपा नेता अजित पवार ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ष्ण विखे पाटील के आवास पर चर्चा की थी। आघाडी नेताओं का कहना था कि आरपीआई का चुनाव चिन्ह निर्धारित नहीं है इसलिए कांग्रेस या राकांपा के चिन्ह पर लड़ना होगा। लेकिन गवई आरपीआई को मिलने वाले किसी भी चिन्ह से चुनाव लड़ने की तैयारी में है। गवई के अनुसार आघाड़ी गठबंधन के सहयोगी दलों की साझेदारी का निर्णय जल्द होने से सभी को चुनाव तैयारी में सुविधा होगी। 

Created On :   31 Jan 2019 2:08 PM GMT

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