प्रधानमंत्री ने 'चौरी चौरा' शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया बजट ने नए करों के बारे में विशेषज्ञों की आशंकाओं को झुठलाया

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प्रधानमंत्री ने 'चौरी चौरा' शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया बजट ने नए करों के बारे में विशेषज्ञों की आशंकाओं को झुठलाया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय प्रधानमंत्री ने "चौरी चौरा" शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया बजट ने नए करों के बारे में विशेषज्ञों की आशंकाओं को झुठलाया : प्रधानमंत्री उन्‍होंने कहा कि पहले बजट केवल वोट-बैंक की गणनाओं का बहीखाता ही होता था, अब राष्ट्र ने अपना दृष्टिकोण बदल दिया है बजट में किसानों के सशक्तिकरण के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं : प्रधानमंत्री आत्‍मनिर्भरता के लिए बदलाव सभी स्‍वतंत्रता सेनानियों के लिए एक श्रद्धांजलि है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के चौरी चौरा में ‘चौरी-चौरा’ शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया। आज चौरी चौरा घटना के 100 साल पूरे हो गए है। यह घटना स्‍वतंत्रता के लिए देश की लड़ाई की एक ऐतिहासिक घटना है। प्रधानमंत्री ने चौरी चौरा के शताब्दी समारोह को समर्पित एक डाक टिकट भी जारी किया। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ भी इस अवसर पर उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने बहादुर शहीदों को नमन करते हुए कहा कि चौरी-चौरा में दिए गए बलिदान ने देश के स्‍वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा प्रदान की। उन्होंने कहा कि चौरी चौरा में सौ साल पहले हुई यह घटना केवल आगजनी की घटना नहीं थी बल्कि चौरी चौरा का संदेश बहुत व्यापक था। यह आगजनी की घटना किन परिस्थितियों में हुई और इसके पीछे क्या कारण थे, ये सब समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि अब हमारे देश के इतिहास में चौरी चौरा के ऐतिहासिक संघर्ष को उचित महत्व दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चौरी-चौरा के साथ-साथ हर गांव पूरे वर्ष आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में इस घटना के वीर बलिदानियों को याद करेगा। उन्होंने कहा कि यह समारोह ऐसे समय में आयोजित हो रहा है जब देश अपने स्‍वतंत्रता के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। इससे यह आयोजन और भी प्रासंगिक हो जाएगा। उन्होंने चौरी-चौरा के शहीदों के बारे में चर्चा कम होने के बारे में खेद व्‍यक्‍त किया। उन्होंने कहा कि इस घटना के शहीदों का भले ही इतिहास के पन्नों में प्रमुखता से उल्‍लेख न हुआ हों, लेकिन उनका खून निश्चित रूप से स्‍वतंत्रता की लड़ाई में देश की मिट्टी में जरूर मिला है। प्रधानमंत्री ने लोगों से बाबा राघवदास और महामना मदन मोहन मालवीय के प्रयासों को स्‍मरण करने का अनुरोध किया, जिनके कारण इस विशेष दिन लगभग 150 स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी पर चढ़ने से बचा लिया गया था। उन्होंने इस बात पर प्रसन्‍नता जाहिर की कि इस अभियान में छात्र भी शामिल थे, जिससे स्वतंत्रता संग्राम के कई अनकहे पहलुओं के बारे में उनकी जागरूकता में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्रालय ने स्वतंत्रता संग्राम के 75 वर्ष पूरे होने पर स्वतंत्रता संग्राम के अज्ञात बलिदानियों के बारे में एक किताब लिखने के लिए युवा लेखकों को आमंत्रित किया है। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के रूप में स्थानीय कला और संस्कृति से जुड़ने का यह कार्यक्रम आयोजित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों की प्रधानमंत्री ने सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस सामूहिक ताकत ने गुलामी की जंजारों को तोड़ दिया, वहीं ताकत भारत को दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति भी बनाएगी। सामूहिकता की यही शक्ति आत्‍मनिर्भर भारत अभियान का आधार है। उन्होंने कहा कि कोरोना की इस अवधि के दौरान भारत ने 150 से अधिक देशों के नागरिकों की मदद के लिए आवश्यक दवाइयां भेजी हैं। भारत मानव जीवन को बचाने के लिए अनेक देशों को वैकसीन दे रहा है, ताकि हमारे स्वतंत्रता सेनानी इस बात पर गर्व कर सकें। हाल के बजट के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बजट कोरोना महामारी के कारण पैदा हुई चुनौतियों से निपटने के प्रयासों को एक नया बल प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि बजट ने अनेक विशेषज्ञों की इन आशंकाओं को झुठलाया है कि आम नागरिकों पर नए करों का बोझ पड़ेगा। सरकार ने देश के तीव्र विकास के लिए अधिक राशि खर्च करने का निर्णय लिया है। यह खर्च सड़कों, पुलों, रेलवे लाइनों, नई ट्रेनों और बसों, बाजारों और मंडियों के साथ कनेक्टिविटी जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए होगा। इस बजट ने हमारे युवाओं के लिए बेहतर शिक्षा और बेहतर अवसरों का मार्ग प्रशस्त किया है। इन गतिविधियों से लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा।

Created On :   5 Feb 2021 3:00 PM IST

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