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निजी फर्म के कर्मचारियों की पेंशन में 5 हजार तक होगी बढ़ोत्तरी

डिजिटल डेस्क,नागपुर। निजी फर्म में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों के पेेंशन में 5 हजार तक की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। फिलहाल केंद्रीय वित्त मंत्रालय से मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। ईपीएफ के बोर्ड आफ ट्रस्टी ने सैलरी का पैमाना 25 हजार रुपए करने की सिफारिश केंद्रीय श्रम मंत्रालय से की है। श्रम मंत्रालय ने इसे केंद्रीय वित्त मंत्रालय भेज दिया है। वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद यह लागू हो सकता है। अगर ऐसा हुआ तो पेंशन 12500 रुपए तक हो जाएगी। इधर राज्य कर्मचारी बीमा निगम (ईएसआईसी)अस्पताल के लाभ लेने को लेकर नियम अलग है। यहां 21 हजार तक सैलरी वाले कर्मचारी को ईएसआईसी अस्पताल का लाभ मिलता है।
बहुत कम है पेंशन
निजी क्षेत्र में काम करने वाले अधिकारी व कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी की अपेक्षा बहुत कम पेंशन मिलती है। हालांकि कई बार निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारी का ईपीएफ सरकारी कर्मचारी से ज्यादा कटता है। व्यवस्था के अनुसार निजी क्षेत्र में काम करने वाले अधिकारी का वेतन भले ही प्रति माह एक लाख या इससे ज्यादा हो, लेकिन इन्हें सेवानिवृत्ति के बाद साढ़े सात हजार रुपए की पेंशन से ही संतोष करना पड़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि ईपीएफ भले ही कितना भी ज्यादा कटता हो, लेकिन पेंशन फंड में 1250 रुपए का ही योगदान होता है। पेंशन निकालने के लिए अधिकतम 15 हजार सैलरी का ही फार्मूला लागू है।
25 हजार के पैमाने पर 12500 रुपए हो जाएगी पेंशन
केंद्रीय वित्त मंत्रालय से मंजूरी मिली तो निजी फर्म में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों के पेेंशन में 5 हजार तक की बढ़ोतरी हो सकती है। ईपीएफ के बोर्ड आफ ट्रस्टी ने सैलरी का पैमाना 25 हजार रुपए करने की सिफारिश केंद्रीय श्रम मंत्रालय से की है। श्रम मंत्रालय ने इसे केंद्रीय वित्त मंत्रालय भेज दिया है। वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद ही यह लागू हो सकता है। अगर ऐसा हुआ तो पेंशन 12500 रुपए तक हो जाएगी। इधर राज्य कर्मचारी बीमा निगम (ईएसआईसी)अस्पताल के लाभ लेने को लेकर नियम अलग है। यहां 21 हजार तक सैलरी वाले कर्मचारी को ईएसआईसी अस्पताल का लाभ मिलता है।
पेंशनर को नहीं मिलता महंगाई भत्ता
सरकारी सेवा से निवृत्त कर्मचारी को पेंशन के साथ हर छह महीने में महंगाई भत्ता मिलता हैै। निजी फर्म से सेवानिवृत्त कर्मचारी को महंगाई भत्ते का कोई लाभ नहीं मिलता। एक बार जितनी पेंशन बन गई, उसी हिसाब से हर महीने पेंशन मिलती है।
फंड ट्रांसफर किया तो बढ़ सकती है पेंशन
अगर किसी कर्मचारी ने अपने ईपीएफ की निधि पेंशन अकाउंट में ट्रांसफर की तो उसके पेंशन में बढ़ोतरी हो सकती है। कर्मचारी चाहे तो समय-समय पर यह निधि पेंशन अकाउंट में ट्रांसफर कर सकता है। इसके लिए नियोक्ता की मंजूरी जरूरी होती है। जितनी निधि ट्रांसफर होगी, उस हिसाब से पेंशन में बढ़ोतरी होगी।
7500 रुपए से ज्यादा नहीं बन सकती
वर्तमान कानून पर नजर डालें तो किसी की पेंशन 7500 रुपए से ज्यादा नहीं बन सकती। इसके लिए कर्मचारी पेंशन योजना 1995 को समझना जरूरी है। एक लाख सैलरी होने पर अधिकारी का प्रतिमाह 12 हजार रुपए ईपीएफ कटता है। इसी तरह मालिक का भी प्रतिमाह 12 हजार रुपए ईपीएफ कटता है आैर इसमें से केवल 1250 रुपए ही पेंशन फंड में जाते हैं। इस तरह कर्मचारी के ईपीएफ में हर महीने 22750 रुपए जाते हैं। 15 हजार सैलरी पर ही पेंशन फार्मूला लागू होने से पेंशन 7500 रुपए से ज्यादा नहीं बनेगी। यह फामूर्ला 2014 से लागू है। इसके पूर्व निजी फर्म में कार्यरत अधिकारी व कर्मचारियों की पेंशन बहुत कम हुआ करती थी। सैलरी चाहे कितनी भी हो, लेकिन पेंशन 3250 रुपए से ज्यादा नहीं बनती थी। तब 6500 रुपए सैलरी का पैमाना माना जाता था।
ईपीएफ 1995 पर अमल
सरकारी कर्मचारी की अपेक्षा निजी फर्म के कर्मचारी को पेंशन कम मिलती है, लेकिन इसके लिए हमारे स्तर पर कुछ नहीं किया जा सकता। सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि योजना (ईपीएफ) 1995 लागू की है। इसके तहत अधिकतम 15 हजार सैलरी का ही पैमाना माना जाता है। इस हिसाब से 7500 रु. तक ही पेंशन बनती है। 25 हजार सैलरी का पैमाना मानने का प्रस्ताव अभी विचाराधीन है। ईपीएफ की निधि पेंशन अकाउंट में ट्रांसफर की तो पेंशन जरूर बढ़ सकती है।
-ईपीएफआे के वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से.
Created On :   22 Jan 2018 10:34 AM IST